पूर्वजों के बलिदान से मिले 8 घंटे के कार्यदिवस के अधिकार को छीन मोदी सरकार 12 घंटे करने पर आमादा, बनाने जा रही कानून

Update: 2024-05-01 13:34 GMT

International Workers' Day : अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर समाजवादी लोकमंच कार्यालय में 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त कर्मचारी जमनराम आर्य ने लाल झंडा फहराकर शिकागो के शहीद मजदूर नेता स्पाइस, फिशर, पार्सन्स व एंजिल को श्रद्धांजलि दी।

मंच के संयोजक मुनीष कुमार ने सेवानिवृत्त कर्मचारी जमनराम का स्वागत करते हुए कहा कि 1886 में हमारे पूर्वजों ने अपना बलिदान देकर हम श्रमिकों के लिए 8 घंटे का कार्य दिवस हासिल किया था, जिसे आज देश की मोदी सरकार छीनकर 12 घंटे का कार्य दिवस लागू करने का कानून बना रही है। कहा कि भाजपा और कांग्रेस की आर्थिक नीतियों में कोई भी बुनियादी फर्क नहीं है। दोनों ही पार्टियों बहुराष्ट्रीय निगमों और पूंजीपतियों के लिए काम करती हैं।

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जमनराम ने कहा कि सरकार वन विकास निगम में नौजवानों को नियमित नियुक्ति देने की जगह 1 वर्ष के लिए आउटसोर्सिंग के माध्यम से रख रही है। इस वर्ष सरकार ने आउटसोर्सिंग के माध्यम से रखे गए 600 से अधिक कर्मचारियों का अनुबंध का नवीनीकरण नहीं किया है। उनके समक्ष रोजगार का संकट विकराल हो गया है। आज हमें अपने पूर्वज शहीदों से प्रेरणा लेकर नियमित नियुक्ति व संविधान में रोजगार को मौलिक अधिकार का दर्जा दिए जाने को लेकर अपनी आवाज उठाने की जरूरत है।

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इस दौरान उपपा नेता प्रभात ध्यानी, इंकलाबी मजदूर केन्द्र के रोहित रुहेला, भुवन आर्य, ठेका मजदूर कल्याण समिति के अध्यक्ष किशन शर्मा, शेखर आर्य, महिला एकता मंच की संयोजक ललिता रावत, नीलू रस्तोगी, दिगंबर बवाड़ी, मुकेश जोशी, मदन मेहता, रवि मेहता, मौ सफी, ललित मोहन आर्य, किरन आर्य, सोवन तड़ियाल, ललित पांडे समेत बड़ी संख्या में लोगों ने भागीदारी की।

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