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UP Police : 50 साल पार के पुलिस वालों को जबरन किया जाएगा रिटायर, फरमान जारी

Janjwar Desk
13 March 2022 3:25 PM GMT
UP Police
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यूपी पुलिस में 50 साल पार के पुलिस वालों को जबरन रिटायर किया जाएगा।

UP Police : यूपी विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद तमाम रुके सरकारी कामकाज पर अमल शुरू हो गए हैं। इसी कड़ी में यूपी पुलिस में 50 साल से अधिक उम्र के पुलिसकर्मियों को जबरन रिटायर किया जाएगा।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत से सत्ता वापसी करने वाली योग सरकार ( Yogi Government ) शपथ लेने से पहले ही एक्शन मोड में आ गई है। यूपी का चुनाव परिणाम आते ही प्रदेश सरकार की ओर पेंडिंग योजना पर अमल करने के लिए दनादन आदेश जारी किए जा रहे हैं। इस कड़ी में उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) में 50 साल की उम्र पार कर चुके पुलिसकर्मियों ( UP Police ) को जबरन रिटायर ( forcibly retired ) करने की योजना पर अमल शुरू हो गया है।

इस योजना पर अमल करने के लिए तीन दिन पहले स्क्रीनिंग रिपोर्ट ( Screening report ) आगामी 20 मार्च तक मुख्यालय में जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। इससे पहले यूपी पुलिस विभाग ने सभी जिलों के पुलिस कप्तानों और पुलिस आयुक्तों को पत्र लिखकर 50 साल या इससे अधिक उम्र के पुलिसकर्मियों की स्क्रीनिंग कराने को कहा गया था। 30 नवंबर 2021 तक स्क्रीनिंग रिपोर्ट मांगी थी। अभी तक सभी पुलिसकर्मियों की यह रिपोर्ट मुख्यालय में जमा नहीं की गई है। इसे लेकर मुख्यालय ने एक नोटिस जारी किया है। 20 मार्च 2022 तक हर हाल में रिपोर्ट मांगी है।


कंपलसरी रिटायरमेंट स्कीम के तहत हो रही है कार्रवाई

उत्तर प्रदेश पुलिस ( UP Police ) में कंपलसरी रिटायरमेंट स्कीम के तहत इस योजना पर अमल किया जा रहा है। इस योजना पर अमल के लिए पुलिस कर्मियों की स्क्रीनिंग का आदेश जारी हो गया है। डीजीपी मुख्यालय के एडीजी स्थापना ने इस संबंध में सभी रेंज के आईजी, एडीजी व यूपी पुलिस के सभी यूनिट के डीजी को निर्देश जारी किया है कि 31 मार्च 2021 को 50 साल पूरा करने वाले उन पुलिसकर्मियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति की स्क्रीनिंग ली जाए, जिनका अब तक की नौकरी का ट्रैक रिकॉर्ड ठीक नहीं रहा है।


दरअसल डीजीपी मुख्यालय ने बीते 30 नवंबर तक ऐसे पुलिसकर्मियों की लिस्ट मांगी थी लेकिन कई जिलों और विभागों से उन पुलिसकर्मियों की सूची नहीं भेजी गई जो अनिवार्य सेवानिवृत्ति में आ रहे थे। इस बात को ध्यान में रखते हुए डीजीपी मुख्यालय ने 10 मार्च को नये सिरे से आदेश जारी कर 20 मार्च तक ऐसे पुलिसकर्मियों की लिस्ट मांगी है।

इस बारे में एडीजी स्थापना का कहना है कि यह पुलिस की रूटीन कार्रवाई है। इसमें दागी व अक्षम पुलिसकर्मियों को चिन्हित कर अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाती है। अब चुनाव संपन्न हो चुके हैं, कुछ दिनों में नई सरकार का भी गठन हो जाएगा, ऐसे में इस लटके हुए काम में तेजी आने वाली है।

बता दें कि यूपी चुनाव की बात करें तो एक बार फिर योगी सरकार की सत्ता में वापसी हो गई है। प्रचंड बहुमत के साथ फिर सरकार बनाई जा रही है। इस विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 273 सीटें जीती हैं। वहीं सपा के खाते में सिर्फ 125 सीटें आई हैं। मायावती की बसपा का हाल तो और ज्यादा बुरा रहा क्योंकि वो सिर्फ एक सीट पर ही जीत पाई। कांग्रेस भी 2 सीटों पर सिमट गई।

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