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आंदोलन

'आज के खतरनाक दौर में भगतसिंह को जानने का मतलब है जुल्म को देखकर चुप नहीं रहेंगे'

Janjwar Desk
29 Sep 2023 7:07 AM GMT
आज के खतरनाक दौर में भगतसिंह को जानने का मतलब है जुल्म को देखकर चुप नहीं रहेंगे
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दंगाई संघी बुलडोजर लेकर डीसी दफ्तर पर प्रदर्शन करते हैं तो डीसी ज्ञापन लेने बाहर आते हैं, परंतु मजदूर जाएं तो वे ज्ञापन लेने भी नहीं आते। कुरुक्षेत्र शहर में बाढ़ से शहर-घर डूब गए थे, मगर जनता को कुछ राहत नहीं मिली। असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए, साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए नूंह में दंगे करवा दिये....

Kurukshetra News : कल 28 सितंबर को शहीद भगत सिंह के 117वें जन्मदिन पर शहीद भगत सिंह दिशा ट्रस्ट, जन संघर्ष मंच हरियाणा, निर्माण कार्य मजदूर मिस्त्री यूनियन और मनरेगा मजदूर यूनियन ने स्थानीय शहीद भगत सिंह दिशा संस्थान में भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और भगत सिंह के इन्कलाबी मिशन को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।

इस मौके पर चारों संगठनों के कार्यकर्ता भारी संख्या में मौजूद रहे। माल्यार्पण के उपरांत शहर में जुलूस निकाला गया और पुराना बस अड्डा के शहीद मदन लाल ढींगरा पार्क (राम लीला ग्राउंड) में एक जनसभा का आयोजन किया गया। शुरुआत में शहीद-ए-आज़म के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। जनसभा की अध्यक्षता जन संघर्ष मंच हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष कामरेड फूल सिंह ने की तथा मुख्य वक्ता महासचिव सुदेश कुमारी रहीं। मंच संचालन सुरेश कुमार ने किया। जयप्रकाश सारसा ने एक क्रांतिकारी गीत गाकर शहीद भगत सिंह को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

मुख्य वक्ता सुदेश कुमारी ने शहीद भगत सिंह जी की 117वीं जयंती पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आज ‌के खतरनाक हालात में भगत सिंह को जानने का मतलब है कि हम जुल्म को देखकर चुप नहीं रहेंगे। घरों के अंदर चुप नहीं बैठेंगे, जुल्म के खिलाफ संघर्ष के मैदान में होंगे। देश में मजदूरों, मेहनतकश किसानों, दलितों, अल्पसंख्यक समुदाय और महिलाओं पर अत्याचार बढ़े हैं। मणिपुर में महिलाओं पर बेइन्तहां जुल्म हुआ।

मध्य प्रदेश में भाजपा नेता के एक ने एक दलित पर पेशाब करके अपमानित किया। कुरुक्षेत्र में संघ परिवार-बजरंग दल के लोग सरेआम मुस्लिम समुदाय के खिलाफ धमकियाँ देते हैं। उन्होंने प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि दंगाई संघी बुलडोजर लेकर डीसी दफ्तर पर प्रदर्शन करते हैं तो डीसी ज्ञापन लेने बाहर आते हैं, परंतु मजदूर जाएं तो वे ज्ञापन लेने भी नहीं आते। कुरुक्षेत्र शहर में बाढ़ से शहर—घर डूब गए थे, मगर जनता को कुछ राहत नहीं मिली। असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए, साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए नूंह में दंगे करवा दिये, लेकिन हरियाणा की जनता विशेषकर किसान बधाई के पात्र हैं कि उन्होंने दंगाइयों का प्लान फेल कर दिया।

उन्होंने नारी शक्ति वंदन अधिनियम में 33% महिलाओं को संसद व विधानसभा में आरक्षण दिए जाने के मुद्दे पर मोदी सरकार के ढकोसले पर बोलते हुए कहा कि यह जनगणना व परिसीमन के बाद लागू होगा और फिर केवल 15 साल लागू रहेगा,ये ही इनका अमृतकाल है। शहीद भगत सिंह को इसलिए जानना जरूरी है क्योंकि स्थिति भयंकर है।हमे रूढ़िवाद, अंधविश्वास के खिलाफ व वैज्ञानिक सोच को अपनाते हुए क्रान्तिकारी पार्टी बनानी होगी और पूंजीवादी फासीवादी निजाम को उखाड़ फेंकना होगा।


छात्र संगठन एसओएसडी की राज्य कन्वीनर कविता विद्रोही ने कहा कि शोषित वंचित मेहनतकशों की मुक्ति का रास्ता इंक़लाब हैं और हमें भगत सिंह की विरासत को आगे ले जाना होगा।‌ उन्होंने भाजपा सरकार द्वारा बनाई गई नयी शिक्षा नीति का विरोध करते हुए कहा कि आज फ़ीस बढ़ा दी हैं और हताश छात्रों के द्वारा suicide बढ़ गये हैं। उन्होंने बताया कि आजादी आंदोलन में आर एस एस का योगदान नहीं रहा है। ये अंग्रेजों के तलवे चाटने वाले गद्दार लोग रहे हैं। एक समय हिन्दू मुस्लिम एकता की बात करने वाला इनका वीर सावरकर जेल जाने के बाद माफी वीर बन गया और जेल से बाहर आकर हिन्दू मुस्लिम में फूट डालने वाला बन गया, परंतु शहीद भगत सिंह हंसते हंसते फांसी चढ़ गये थे। उन्होंने कहा कि संघ भाजपा की सांप्रदायिक राजनीति का एक ही जबाब है और वह है शहीद भगत सिंह का इन्कलाब।

साथी पाल‌सिंह ने कहा कि भगत सिंह मेहनतकश जनता के नेता थे। उन्होंने कहा कि आज भगत सिंह के रास्ते पर चलकर ही पूंजीवाद विरोधी क्रांति के द्वारा आदमी द्वारा आदमी के शोषण का खात्मा किया जा सकता है। ‌उन्होंने आगामी चुनाव में भाजपा की सांप्रदायिक फासीवादी राजनीति को करारी शिकस्त देने के लिए मजदूर वर्ग को शहीद भगत सिंह के रास्ते पर चलते हुए विकल्प खड़ा करने का आह्वान किया।

शहीद भगत सिंह दिशा ट्रस्ट के सचिव डाक्टर लहना सिंह ने कहा कि शहीद भगत सिंह के इस कार्यक्रम में पहुंचने वाले लोगों का स्वागत है। हमारा शहीद भगत सिंह के जन्म दिन मनाने का उद्देश्य उनके अधूरा कार्य को पूरा करने के लिए काम करना है। भगत सिंह ने देश के मजदूर किसान को आगाह कर दिया था कि यदि अंग्रेजों के जाने के बाद सत्ता देसी पूंजीपति हथिया लेता है तो मजदूर मेहनतकश जनता के हालात नहीं सुधरेंगे। वे ऐसा समाज चाहते थे जिसमें एक आदमी दूसरे का शोषण न कर सकें। और वे ये बातें मजदूर वर्ग की क्रांतिकारी विचारधारा मार्क्सवाद के आधार पर कह रहे थे। 1947 में देसी पूंजीपतियों के हाथ में राज आने के बाद मोनोपॉली कारपोरेट घरानों के हाथ में देश की धन दौलत इकट्ठी हो गई है।आज 13% लोगों के पास देश 67% दौलत पर कब्जा है। उन्होंने कहा कि हमने शहीद भगत सिंह दिशा ट्रस्ट भगत सिंह की विचारधारा को फैलाने के लिए बनाया है। हम हर वर्ष शहीद भगत सिंह व उनके साथियों के जन्मदिन व शहादत दिवस मनाते हैं। आज भगत सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि यही है कि हम देश में उनकी विचारधारा के आधार पर एक सही क्रांतिकारी पार्टी का गठन करें और देश में समाजवादी इन्कलाब को साकार करें।

निर्माणकार्य मजदूर मिस्त्री यूनियन के प्रधान करनैल सिंह ने कहा कि हमारे देश के हालात बहुत बुरे हैं। कोई रोजगार नहीं, शिक्षा व इलाज गरीब आदमी से दूर होता जा रहा है । मोदी सरकार भ्रष्टाचार मचा रही है। जी20 सम्मेलन में 990 करोड़ रुपये खर्च करने थे मगर खर्च कर दिए 4100 करोड़ रुपये। ‌भारत मंडपम 2700 करोड़ खर्च दिए। फिर थोड़ी सी बारिश होने पर ही वहां पानी भर गया। गरीब को पर्दा लगाकर ढक दिया गया और पानी तक बंद कर दिया। ये सब झूठी शान के हथकंडे 2024 चुनाव जीतने के लिए किये जा रहे हैं। उन्होंने भगत सिंह को फासी दिए जाने से पूर्व उनकी शिव वर्मा से कही बातों का जिक्र करते हुए कहा कि-.".‌... मैं सफर पूरा कर चुका हूँ। आप थककर बैठ मत जाना. .. हमें इन्कलाब के नींव के पत्थर बनना है जो इमारत का बोझ उठा सकें।......ऐसे लोग ही मेरे सपने को साकार करेंगे।" ‌

हमें भगत सिंह के इन्कलाब को सफल करने के लिए नींव के पत्थर बनना होगा।मनरेगा मजदूर यूनियन के प्रधान नरेश कुमार ने बताया कि भगत सिंह ने रूसी समाजवादी क्रांति और उसके नेता लेनिन की शिक्षाओं के आधार पर इन्कलाब का कार्यक्रम बनाया था। उन्होंने मोदी सरकार के अमृतलाल की पोल खोलते हुए कहा कि मनरेगा मजदूरों को धरने प्रदर्शन करने के बाद मुश्किल से काम मिलता है और वह भी ऐसी गंदी जगह जहां आदमी काम कर ही नहीं सकता है। अस्पताल व शिक्षा के हालत बहुत खराब है। निजीकरण से शिक्षा गरीबों की पहुंच से दूर हो गई है। उन्होंने शहीद भगत सिंह के क्रांति के संदेश को जगह जगह मजदूरों के पास पहुंचाने का आह्वान किया। कामरेड फूल सिंह शहीदे आजम को अपनी क्रांतिकारी श्रद्धांजलि पेश की और कहां कि आज देश में गरीबी क्यों है। इसका कारण ‌पूंजीवाद है। इसलिए आज मजदूर वर्ग को शहीद भगत सिंह के इन्कलाब के रास्ते सत्ता पर अधिकार करना होगा। तभी ऐसा समाज बनेगा जिसमें आदमी का आदमी और एक राष्ट्र का दूसरा राष्ट्र शोषण न कर सके। उन्होंने कहा कि आज लोकतंत्र नाम की चीज नहीं बची है। असली आजादी आर्थिक व राजनीतिक भगत सिंह के रास्ते पर चलकर मिलेगी। इस संकल्प को आगे बढ़ाने की जरूरत है।

इन्कलाब जिंदाबाद, मजदूर एकता जिंदाबाद, शहीद भगत सिंह अमर रहे शहीद भगत सिंह की विरासत को आगे बढ़ाओ जैसे नारों के साथ सभा का समापन किया गया।

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