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Allahabad High Court News : केवल आर्य समाज मंदिर के विवाह प्रमाण पत्र से साबित नहीं हो सकती शादी, HC का बड़ा फैसला

Janjwar Desk
6 Sep 2022 9:30 AM GMT
Allahabad High Court : नाबालिग से शादी के बाद सहमति से सेक्स भी माना जाएगा रेप, दलील खारिज
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Allahabad High Court : नाबालिग से शादी के बाद सहमति से सेक्स भी माना जाएगा रेप, दलील खारिज

Allahabad High Court News : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आर्य समाज मंदिर की ओर से बड़े पैमाने पर जारी किए जाने वाले विवाह प्रमाण पत्रों की वैधता को मानने से इनकार कर दिया है...

Allahabad High Court News : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आर्य समाज मंदिर की ओर से बड़े पैमाने पर जारी किए जाने वाले विवाह प्रमाण पत्रों की वैधता को मानने से इनकार कर दिया है। बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि सिर्फ आर्य समाज मंदिर की ओर से विवाह प्रमाण पत्र जारी होने से विवाह साबित नहीं होता है। साथ ही कोर्ट ने कहा है कि बंदी प्रत्यक्षीकरण एक विशेषाधिकार प्राप्त याचिका है और एक असाधारण उपाय है। इसे केवल उचित आधार पर या संभावनाओं को देखते हुए जारी किया जा सकता है।

जानिए क्या है पूरा मामला

बता दें कि यह टिप्पणी भोला सिंह व अन्य की ओर से दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की पीठ ने की। याचिकाकर्ता ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर आरोप लगाया गया है कि कॉर्पस याची की पत्नी है। इस मामले में याचियों की ओर से विवाह करने के संबंध में आर्य समाज मंदिर गाजियाबाद की ओर से जारी किए गए विवाह प्रमाणपत्र को कोर्ट में प्रस्तुत किया गया। साथ ही कुछ तस्वीरें भी प्रस्तुत की गईं।

प्रमाण पत्र के आधार पर नहीं मानी जा सकती शादी

इस मामले की सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा कि कोर्ट में विभिन्न आर्य समाज समितियों द्वारा जारी किए गए विवाह प्रमाणपत्रों की बाढ़ आ गई है, जिन पर इस अदालत के साथ-साथ अन्य उच्च न्यायालयों के समक्ष विभिन्न कार्यवाही के दौरान गंभीरता से पूछताछ की गई है। उक्त संस्था ने दस्तावेजों की वास्तविकता पर विचार किए बिना विवाह आयोजित करने में अपने विश्वास का दुरुपयोग किया है। चूंकि, विवाह पंजीकृत नहीं किया गया है, इसलिए केवल आर्य समाज की ओर से जारी प्रमाण पत्र के आधार पर यह नहीं माना जा सकता है कि पार्टियों ने शादी कर ली है। वहीं इस मामले में इलाहबाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता की याचिका को खारिज कर दिया।

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