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राष्ट्रीय

Patna News : विधानसभा में पेश की गई CAG रिपोर्ट, सरकार के कामकाज पर हुए कई सवाल खड़े

Janjwar Desk
3 Dec 2021 8:16 AM GMT
Blast In Nitish Kumar Event : नालंदा में नीतीश कुमार के कार्यक्रम के दौरान धमाका, मुख्यमंत्री की सुरक्षा में चूक
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 नालंदा में नीतीश कुमार के कार्यक्रम के दौरान धमाका, मुख्यमंत्री की सुरक्षा में चूक

Patna News : बिहार के उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री तार किशोर प्रसाद ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन 2019-2020 का सीएजी रिपोर्ट सदन में पेश किया। सदन में पेश किए गए सीएजी रिपोर्ट में कई तरह के चौकाने वाले खुलासे हुए हैं। सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में सरकार के कामकाज पर सवाल खड़ा कर दिया है।

Bihar News : बिहार के उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री तार किशोर प्रसाद (Tarkishore Prasad ) ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन (4th Day OF Winter Session) 2019-2020 का सीएजी रिपोर्ट (CAG Report 2019-2020) सदन में पेश किया। सदन में पेश किए गए सीएजी रिपोर्ट में कई तरह के चौकाने वाले खुलासे हुए हैं। उधर सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में सरकार के कामकाज पर सवाल खड़ा कर दिया है।

रिपोर्ट के अनुसार 21 मार्च 2020 तक 79690.92 करोड़ के कुल 2590 उपयोगिता प्रमाण पत्र लंबित थे। उधर इस दौरान राजस्व घाटा भी बढ़कर 14,724 करोड़ हो गया है। जो पिछले वर्ष की तुलना में 6.64% ज्यादा है। इसके साथ ही 2019-2020 में राजस्व प्राप्ति में बजट आंकलन में 29% से अधिक कमी आई है।

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार वर्ष 2019-20 में 21448.74 करोड़ के 327 उपयोगिता प्रमाण पत्र जो बिहार सरकार के विभागों द्वारा दिए गए सहायता अनुदान के विरुद्ध राज्य के निकायों और प्राधिकारों द्वारा समर्पित नहीं किए गए। साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 21448.74 करोड़ की राशि खर्च हुई या नहीं हुई। इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई है।

शिक्षा विभाग से अधिक लंबित

रिपोर्ट में बताया गया कि इन सब के अलावा 58,248.18 करोड़ के कुल 2263 उपयोगिता प्रमाण पत्र भी 21 मार्च 2019 तक बकाया था। ये उपयोगिता प्रमाण पत्र 2018-19 में प्रस्तुतीकरण के लंबित थे। इस प्रकार कुल 79,690.92 करोड़ के 2590 उपयोगिता प्रमाण पत्र 31 मार्च 2020 तक लंबित हैं। बताया गया कि इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि लंबित उपयोगिता प्रमाण पत्र राशि के दुरुपयोग और धोखाधड़ी के जोखिमों से भरा है। जिसमें शिक्षा विभाग से सबसे अधिक लंबित हैं। साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2019 के दौरान बिहार को 2008-2009 के बाद पहली बार 1784 करोड़ का राजस्व घाटा हुआ था। बताया गया कि 2019-20 में राजस्व प्राप्ति में भी कमी आई है। मिली जानकारी के अनुसार कुल 7561 करोड़ यानी 5.74 फीसदी की कमी हुई है। जो बजट आंकलन से 29.71% कम है। जबकि राजस्व व्यय में 2019-20 में 1120 करोड़ वृद्धि हुई है। जो बजट आंकलन से 18.82% कम बताय गया है।

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