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Umar Khalid को दिल्ली की अदालत से नहीं मिली राहत, खारिज की जमानत अर्जी

Janjwar Desk
24 March 2022 8:04 AM GMT
Umar Khalid News : उमर खालिद का भाषण आपत्तिजनक, लेकिन आतंकी गतिविधि करार नहीं दे सकते : दिल्ली हाईकोर्ट
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Umar Khalid News : उमर खालिद का भाषण आपत्तिजनक, लेकिन आतंकी गतिविधि करार नहीं दे सकते : दिल्ली हाईकोर्ट

Umar Khalid : दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है.....

Umar Khalid : साल 2020 के दिल्ली दंगों के मामले में जेल में बंद जेएनयू के पूर्व छात्रनेता उमर खालिद (Umar Khalid) की जमानत अर्जी को कड़कड़डूमा कोर्ट (Karkardooma Court) ने खारिज कर दिया है। दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने उमर खालिद को मुख्य साजिशकर्ता बताते हुए यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया था।

पुलिस ने अपनी चार्जशीट में आरोप लगाया था कि उमर खालिद कई वॉट्सऐप ग्रुप का हिस्सा थे जिनके जरिए हिंसा की साजिश रची गई। उमर ने हिंसा के लिए लोगों को भड़काया था। चार्जशीट में यह भी आरोप लगाया गया था कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) जब दिल्ली आए थे तब उमर ने लोगों से ने लोगों से सड़क पर आने के लिए कहा था ताकि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि खराब हो सके।

उमर खालिद के वकील ने दिया ये तर्क

पुलिस के आरोप के मुताबिक हिंसा की साजिश के लिए उमर खालिद ने आप पार्षद ताहिर हुसैन और इंडिया अगेंस्ट हेट से जुड़े खालिद सैफी के साथ भी मीटिंग की थी। हालांकि कोर्ट में बहस के दौरान उमर खालिद की ओर से इन सभी आरोपों को फर्जी और मनगढ़ंत बताया गया था। उमर के वकील ने कोर्ट में बताया था कि किसी मुद्दे पर अपनी आवाज उठाना अपराध नहीं है। उमर खालिद वॉट्सऐप ग्रुप में थे लेकिन वो उन ग्रुप में सक्रिय नहीं थे। ऐसे में क्या उनका चुप रहना उन्हें आरोपी साबित करता है।

पहले भी रह चुके हैं जेल में

उमर खालिद बीते एक साल से ज्यादा समय से जेल में की सलाखों के पीछे बंद हैं। इससे पहले भी वह जेल का मुंह देख चुके हैं जब जेएनयू में राष्ट्रविरोधी नारों के मामले में उनकी और कन्हैया कुमार पर कथित संलिप्तता का आरोप लगाया गया था।

उमर खालिद के अलावा इन लोगों पर भी दर्ज हुआ था मामला

बता दें कि फरवरी 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए भीषण दंगों 53 लोग मार गए थे जबकि 700 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। खालिद के अलावा कार्यकर्ता खालिद सैफी, जेएनयू की छात्रा नताशा नरवाल व देवांगना कलिता, जामिया कॉर्डिनेशन कमिटी की सदस्य सफरा जरगर, आम आदमी पार्टी के पूर्व निगम पार्षद ताहिर हुसैन और कई अन्य लोगों के खिलाफ भी यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था।

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