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उत्तर प्रदेश

CM योगी के गोरखपुर में इलाज के बिना तड़पकर मरी गर्भवती महिला, पेट में थे जुड़वां बच्चे, डिप्टी CM की जांच पर सवाल

Janjwar Desk
22 Nov 2022 3:36 AM GMT
CM योगी के गोरखपुर में इलाज के बिना तड़पकर मरी गर्भवती महिला, पेट में थे जुड़वां बच्चे, डिप्टी CM की जांच पर सवाल
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CM योगी के गोरखपुर में इलाज के बिना तड़पकर मरी गर्भवती महिला, पेट में थे जुड़वां बच्चे, डिप्टी CM की जांच पर सवाल

Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर का बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज एक बार फिर विवादों में है। यहां पहुँचने के बाद भी गर्भवती महिला को इलाज नहीं मिला, जिसके बाद उसकी तड़पकर मौत हो गई। MLC ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने मामले को संज्ञान में लाते हुए शिकायत की...

Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर का बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज एक बार फिर विवादों में है। यहां पहुँचने के बाद भी गर्भवती महिला को इलाज नहीं मिला, जिसके बाद उसकी तड़पकर मौत हो गई। MLC ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने मामले को संज्ञान में लाते हुए शिकायत की। जांच के बाद डिप्टी CM ब्रजेश पाठक ने अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (CMS) डॉ. एके श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया।

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने इस मामले में बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य से भी स्पष्टीकरण मांगा है। पाठक ने शासन की ओर से गठित तीन सद्सयीय जांच समिति की संस्तुति पर यह एक्शन लिया है, लेकिन अब जांच समिति पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं। बताया जा रहा कि CMS डॉ. एके श्रीवास्तव घटना के दिन बीआरडी में थे ही नहीं। उनका कहना है कि वे एक मामले में गवाही देने के लिए कुशीनगर की अदालत गये थे।

इस बात की लिखित जानकारी बीआरडी मेडिकल कॉलेज प्रशासन को भी दी थी। साथ ही इसकी सूचना शासन व जांच समिति को दी गई थी। इसके अलावा घटना के दिन प्राचार्य भी अवकाश पर थे। प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार ने बताया कि इस कार्रवाई के संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। उनके पास शासन की तरफ से अभी तक कोई पत्र नहीं आया है।

क्या है पूरा मामला?

सिद्धार्थनगर के बेलहरा निवासी संदीप त्रिपाठी की गर्भवति पत्नी चंद्रा त्रिपाठी को 22 जुलाई की सुबह सात बजे बीआरडी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था। उनके गर्भ में जुड़वा शिशु थे। उन्हें सांस तक लेने में तकलीफ हो रही थी। मरीज की गंभीर हालत को देखते हुए इमरजेंसी के डॉक्टरों ने सुपर स्पेशियलिटी में हृदय रोग विभाग में जाने की सलाह दी। इसके बाद मेडिसिन से उन्हे गायनी भेज दिया गया।

इस बीच पुराने OPD के पास चंद्रा दर्द से तड़पती रहीं। लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें भर्ती करना जरूरी नहीं समझा। अस्पताल पहुँचने के बाद भी 5 घंटे तक मरीज को इलाज मुहैया नहीं हुआ। दोपहर करीब 12 बजे गर्भवती महिला ने दम तोड़ दिया। इसके साथ ही उसके गर्भ में पल रहे जुुड़वां बच्चों ने भी दम तोड़ दिया।

इस घटना के बाद BRD मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में कई बदलाव हुए। घटना के एक हफ्ते बाद गायनी की टीम को भी ट्रॉमा सेंटर की इमरजेंसी से जोड़ा गया। रोजाना एक टीम की ड्यूटी ट्रॉमा सेंटर में लगती है। यह टीम ट्रॉमा सेंटर पहुँचने वाली गर्भवती महिलाओं की सेहत की निगरानी करती है।

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