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समाज

नोटबंदी के कारण किसान कर्ज नहीं दे पाया, सूदखोर ने टुकड़े—टुकड़े कर दिए

Janjwar Team
1 Jun 2017 10:43 AM GMT
नोटबंदी के कारण किसान कर्ज नहीं दे पाया, सूदखोर ने टुकड़े—टुकड़े कर दिए
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ओडिशा के संभलपुर जिले के किसान रोहित दास ने खेती के लिए विरूपक्ष्या पांडा नाम के एक सूदखोर से पिछले साल 1.25 लाख रुपए कर्ज लिया। रोहित दास ने कर्ज से बीज और खेती के उपकरण खरीदे। कर्ज लेते हुए उसने सूदखोर पांडा से वादा किया कि फसल की जो उपज होगी उसे बेचकर वह दिसंबर तक कर्ज लौटा देगा।

फसल हुई। भरपूर हुई। किसान को लगा कि अब कर्ज उतर जाएगा। पर मोदी जी की नोटबंदी की वजह से अनाज नहीं बिक सका। उसने खरीददारों से अनाज खरीदने की हर कोशिश की पर वह असफल रहा। सबने नोटबंदी की वजह से हाथ उठा दिए।

इधर सुदखोर विरूपक्ष्या पांडा ने आते—जाते धमकी देनी शुरू कर दी कि अगर उसने तय समय के भीतर पैसा वापस नहीं दिया तो अच्छा नहीं होगा। धमकी के डर से 45 वर्षीय किसान रोहित दास ने कर्ज देने के लिए कुछ रुपयों का जुगाड़ किया।

उन रुपयों लेकर जब वह 10 जनवरी को सूदखोर के दरवाजे पहुंचा, सूदखोर के लोगों ने उसे घेर लिया और उसके टुकड़े—टुकडे कर दिए।

पति के टुकड़े—टुकड़े कर दिए जाने की शिकायत रोहित दास की पत्नी तपस्वीनी ने नजदीकी थाने में कर दी है।

अब तक की जानकारी के मुताबिक नोटबंदी के कारण उधार देने में अक्षम रहे रोहित दास को टुकड़े में तब्दील करने वाला सूदखोर विरूपाक्ष्या पांडा फरार है और पुलिस उसकी तलाश में गहन छानबीन कर रही है।

अगर आप इस जानकारी को पढ़कर हतप्रभ हैं तो हल्के—हल्के, गहरी सांस लेकर बोलिए
गो हत्या बंद हो, गौ माता की जय

इस व्यवस्था पर चिढ़ हो रही है तो जाप कीजिए
हिंदू हैं हम वतन हैं

फिर भी दिल को चैन न आए तो आंख बंद कर बोलिए
मोदी...मोदी...मोदी

Janjwar Team

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