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गुड़िया बलात्कार—हत्याकांड ने हिला के रख दिया है ​हिमाचल को

Janjwar Team
19 July 2017 8:57 AM GMT
गुड़िया बलात्कार—हत्याकांड ने हिला के रख दिया है ​हिमाचल को
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हर तरह के अपराधों के मामले में आमतौर पर शांत रहने वाले हिमाचल के शिमला में नाबालिग गुड़िया से बलात्कार कर हत्या के मामले ने उसकी शांत छवि में उबाल ला दिया है, लोग न्याय की मांग लेकर सड़कों पर उतर रहे हैं...

जनज्वार। पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के नजदीक कोटखाई इलाके में 10वीं की 16 वर्षीय स्कूली छात्रा गुड़िया की 4 जुलाई को हुई बलात्कार के बाद हत्या मामले की जांच राज्य सरकार ने सीबीआई को सौंप दी है। पुलिस द्वारा सभी संदिग्धों को पकड़ लिए जाने के बावजूद लड़की के परिजनों और आम लोगों का मानना था कि पुलिस मामले की लीपापोती कर रही है।

गुड़िया को इंसाफ दिलाने के लिए कल 18 जुलाई को शिमला के ठियोग में लोग बड़ी संख्या में सड़कों पर उतर आए जिसके कारण 7 घंटे तक हाईवे जाम रहा। भीड़ इसलिए भी गुस्साई क्योंकि प्रदर्शन में पहुंचे नेताओं ने इस मामले में राजनीति करनी शुरू कर दी थी। नेताओं की बयानबाजी से भड़के लोगों ने ठियोग—हाटकोटी नेशनल हाइवे पर जाम लगा दिया। एक गाड़ी को तोड़ दिया।

प्रदर्शन में पहुंचे ठियोग एसडीएम टशी संडूप को भीड़ ने एक कमरे में बंद कर दिया। लोगों का उग्र रवैया देख भीड़ को कंट्रोल करने पहुंची पुलिस भी मौके से भाग गई। गौरतलब है कि इस मामले में आज हाईकोर्ट में गुड़िया मामले में सुनवाई होनी है।

लोगों का कहना है कि मुख्य आरोपी को एक बार न्यायिक हिरासत में लेने के बाद पुलिस ने सीधे उसे जेल भेज दिया है, जबकि पूछताछ के लिए उसे और समय रिमांड पर लिया जाना चाहिए था।

गुड़िया के पिता कहते हैं कि उन्हें अपनी बेटी की बर्बरतापूर्ण तरीके से हुई हत्या के बदले पैसे नहीं, न्याय चाहिए। पुलिस इस मामले में असल दोषियों को बचाने का प्रयास कर रही है।

वहीं पुलिस का कहना है कि मुख्य आरोपी आशू से जो जानकारी लेनी थी वह मिल गयी है।

शिमला के कोटखाई इलाके में 6 जुलाई को यह जघन्य वारदात उस समय अंजाम दी गयी जब 10वीं में पढ़ने वाली 16 वर्षीय नाबालिग गुड़िया जंगल के रास्ते स्कूल से घर लौट रही थी। जंगल में पड़ी गुड़िया की तितर—बितर लाश की तस्वीर देख न सिर्फ शिमला बल्कि राज्य के अन्य शहरों में भी लोग सड़कों पर उतर आए और उन्होंने अपराधियों को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की।

जानकारी के मुताबिक अपराधियों ने बलात्कार के बाद न सिर्फ गुड़िया की हत्या की, बल्कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गुड़िया के हाथ—पैर तोड़े जाने की भी पुष्टि हुई।

स्कूल से लौटती नाबालिग गुड़िया से हुए इस अपराध के खिलाफ राज्य के आमजनों में बढ़ते रोष को भांप राज्य की कांग्रेस सरकार के मुखिया वीरभद्र सिंह ने 14 जुलाई को सीबीआई जांच के आदेश कर दिए। सीबीआई जांच शुरू होने से पहले पुलिस अबतक 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है और मान के चल रही है कि सभी अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

गिरफ्तारों में शिमला का आशीष उर्फ आशू के अलावा जंजैहली के राजेंद्र सिंह, उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के 42 वर्षीय सुभाष सिंह बिष्ट और 38 वर्षीय दीपक उर्फ दीपू, नेपाल के 29 वर्ष का सूरज सिंह नेपाली और 19 साल का लोकजन उर्फ छोटू शामिल हैं।

गौरतलब है कि आशू गुड़िया को जानता था और वह दो बार पहले भी मिल चुका था। वारदात के दिन 4 जुलाई को स्कूल से लौटती गुड़िया को आशू ने लिफ्ट दी थी। वह जान पहचान की वजह से आशू की गाड़ी में बैठ गयी, जिसके बाद गुड़िया की सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या कर दी गयी। गुड़िया की लाश वारदात के दो दिन बाद 6 जुलाई को पुलिसिया छानबीन के दौरान मिली।

आशू के मोबाइल जांच में यह बात सामने आई है कि उसने पहले भी गुड़िया से बात की है। यानी अपराध का बड़ा क्लू मोबाइल से मिल सकता है, पर पुलिस इस मामले को गंभीरता से लेने की बजाए हल्के में निपटाने की कोशिश में है। पुलिसिया ढिलाई का ही नतीजा है कि आशू ने अपने वाट्सअप डिटेल डिलीट करने में सफल रहा।

ऐसे में आशू को बचाने का आरोप न सिर्फ आमजन लगा रहे हैं, बल्कि विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता प्रेम कुमार धूमल और राज्य सरकार के मंत्री जीएस बाली भी पुलिसिया जांच पर अविश्वास जताते हुए आरोपियों को बचाने का सवाल उठा चुके हैं।

प्रदेश के आईजी जहूर एच जैदी कहते हैं, 'हमने सभी संभावित आरोपियों को पकड़ लिया है। उम्मीद है हम जल्दी ही हम एक तार्किक परिणाम तक पहुंचेंगे।'

2016 के आंकड़ों के अनुसार देश के जिन राज्यों में औरतों पर सबसे कम हिंसा होती है उनमें से एक हिमााचल प्रदेश भी है। पिछले वर्ष जारी आंकड़ों में वहां बलात्कार की घटनाएं कम हुई हैं। 2014 में जहां 285 रेप के मामले सामने आए, वहीं 2016 में हिमाचल प्रदेश में बलात्कार की 245 घटनाएं हुई थीं, जो दिल्ली जैसे छोटे राज्य के मुकाबले बहुत मामूली है। अन्य राज्यों की तरह यहां भी बलात्कार करने वाले 97 प्रतिशत आरोपी पीड़िता के जानकार या रिश्तेदार होते हैं।

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