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जनज्वार विशेष

नसीम ने 'लव जेहाद' नहीं 'लव' किया, फिर भी मार डाला जातिवादी दरिंदों ने

Janjwar Team
19 July 2017 11:23 AM GMT
नसीम ने लव जेहाद नहीं लव किया, फिर भी मार डाला जातिवादी दरिंदों ने
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नसीम अपने बेटे के पहले बर्थडे पर केक लेकर जा रहा था, लेकिन रास्ते में जातिवादी दरिंदों ने उसे मार डाला क्योंकि उसने स्कूल में साथ पढ़ने वाली एक हिंदू लड़की पिंकी से 2 साल पहले शादी की थी...

जनज्वार। दंगों और धार्मिक बवालों के लिए सुर्खियों में रहने वाले उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में फिर एक बार प्रेम और इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसको सुनकर हर उस आदमी की आंखें छलछला आएंगी और कलेजा मुंह को आ जाएगा, जिसके संस्कार में जातिवादी श्रेष्ठता और धार्मिक नफरत नहीं होगी।

मुजफ्फरनगर के भोपा थानाक्षेत्र के भोखरहेड़ी गांव के मोहल्ला पठानान के रहने वाले 24 वर्षीय मोहम्मद नसीम 17 जुलाई की दोपहर करीब 1 बजे अपने एक चचेरे भाई 14 वर्षीय नजर मोहम्मद के साथ मोटरसाईकिल गांव लौट रहे थे। चचेरे भाई नजर के साथ नसीम अपने एक साल के बच्चे अब्दुल्ला के पहले बर्थडे का केक लौटकर रहे थे। 17 जुलाई को ही बेटे का बर्थडे था।

पर गांव पहुंचने से थोड़ी दूर पहले ही गन्ने के खेत में छुपे चार लोगों ने नसीम पर रॉड से जानलेवा हमला किया। हमले से पहले हमलावरों ने खेत से अचानक निकलकर मोटरसाईकिल से साईकिल अड़ा दी, जिससे नसीम और उसके भाई गिर गए। हमले के बाद लोगों को जुटता देख हमलावरों ने तीन से चार गोली नसीम के सिर और छाती में मार दी। गोली मारने के थोड़ी ही देर में नसीम की मौत हो गयी। हमलावर नजर की तरफ भी दौड़े पर वारदात की जगह पर लोगों को आता देख, वहां से फरार हो गए।

नजर बच गया, नसीम मारा गया। नसीम के बेटे के पहले बर्थडे का केक खेत में गिर गया और हमलावर उसे कुचलते हुए निकल गए।

जानते हैं मारने वालों में कौन शामिल थे — बच्चे के नाना और मामा। बेटी के बाप ने अपने दामाद को और भाइयों ने जीजा को मार डाला। बिल्कुल तैयारी के साथ। एकदम यादगार मौके पर।

पिंकी पिछड़ी जाति के जुलाहा समुदाय से ताल्लुक रखती है। यह समुदाय खुद को कबीरपंथी होने का दावा भी करता है, जो इस जघन्य जातिवादी घटना के बाद एक मजाक सा लगता है, क्योंकि कबीर जाति और धर्म की कट्टरता से परे थे।

पुलिस ने नजर के बयान के आधार पर पिंकी उर्फ आएशा के पिता राजेश, भाई प्रदीप, चचेरे भाई सोनू और रिश्तेदारी के भाई नीतू पर 302, 147, 148, 150 और 506 तक तहत मुकदमा दर्ज किया है। अब तक आरोपी गिरफ्तार नहीं हुए हैं, लेकिन मुजफ्फरनगर के एसपी अजय कुमार सहदेव ने कहा है कि जल्दी आरोपी धर लिए जाएंगे।

हत्या के बाद जब नसीम के भाई नजर ने बताया कि भाभी, भैया को तुम्हारे पापा और भाई प्रदीप ने पहले रॉड और फिर गोली से मार डाला तो पिंकी को एकबारगी भरोसा नहीं हुआ। उसने अपने भाई को फोन किया... पूछा कि 'तुम ऐसे दरिंदे कैसे हो सकते हो। नसीम की क्या गलती थी? मैं घर से भागी थी, मैंने धर्म परिवर्तन किया था, मुझे उसके साथ रहना मंजूर था, तुम मुझे मार देते। मारने से पहले इस बच्चे का भी तुम्हें ख्याल नहीं आया। अब यह किसके भरोसे रहेगा, मेरा क्या होगा।'

इस पर आएशा के पति की हत्या कर लौटे भाई प्रदीप ने फोन पर कहा, 'मौका मिलते ही तुम्हें और तुम्हारे बच्चे को भी मार डालेंगे।'

हत्या के बाद फोन पर बात करने का साहस बताता है कि अपराधी अकेला नहीं उसके साथ नफरती और सांप्रदायिक लोगों की एक भीड़ है जो प्रेम को बिरादरी और धर्म से बाहर जाते नहीं देखना चाहती।

भोखरहेड़ी गांव के मोहल्ला पठानान के रहने वाले 24 वर्षीय मोहम्मद नसीम का पहला परिचय गांव की ही पिंकी से तब हुआ था जब दोनों एक स्कूल में साथ पढ़ते थे। फिर दोस्ती और प्रेम। पिंकी ने 15—16 वर्ष की उम्र में जब अपने प्रेम को परिवार के सामने कबूल किया तो भाइयों और पिता ने कमरे में बंद कर पिटाई की। फिर नसीम और पिंकी ने 18 के होने का इंतजार किया और 2015 जून में 18 की होते ही पिंकी अपने पिता का घर छोड़ नसीम के साथ विशाखापट्टनम रहने चली गयी।

बाद में वह दोबारा नसीम के गांव आई, धर्म परिवर्तन कर कोर्ट में शादी की और वे वापस विशाखापट्टनम लौट गए। नसीम के परिजन बताते हैं कि लगातार पिंकी के परिजन नसीम और उसे फोन पर धमकियां देते थे, कहते थे मार डालेंगे, इसलिए डर के गांव नहीं आते थे।

लेकिन पिछले कुछ महीनों से धमकियां बंद हो गयीं थी तो नसीम ने इस बार ईद परिवार के साथ मनाने का मन बनाया और ईद से एक दिन पहले वह पत्नी आएशा और बच्चे अब्दुल्ला के साथ 25 जून को घर पहुंचा।

पिंकी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'हम हिंदू—मुस्लिम सभी पर्व मनाते थे। हमें लगा था कि मेरे घरवाले हमें माफ कर चुके हैं, लेकिन मुझे क्या पता था कि इनके दिलों में दरिंदगी हमेशा के लिए बैठ गयी है। यह घात लगाकर सालोंसाल हमारी हत्या का प्लान बना रहे हैं।'

(मुजफ्फरनगर से संजीव चौधरी का इनपुट)

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