आसिया बीबी का पति जर्मनी से अपनी पत्नी की सुरक्षा का गुहार लगा रहा है। उनका मुकदमा लड़ने वाले वकील को भी जान से मारे जाने के भय से पाकिस्तान छोड़ देना पड़ा है। दूसरी अाेर भारत में हिंदू कट्टरपंथी संघी-भाजपाई भी सर्वोच्च न्यायालय को चुनौती दे रहे हैं....
राम की रक्षा बनाम अल्लाह की हिफाजत पर सिद्धार्थ की तल्ख टिप्पणी
भारत और पाकिस्तान के कट्टरपंथियों के बीच इस बात की होड़ मची है कि कौन कितनी जाहिलियत का परिचय दे सकता है। आजादी के बाद पाकिस्तान इस मामले में भारत से काफी आगे निकल चुका था, लेकिन संघ-भाजपा जल्द से जल्द उन्हें पराजित कर देना चाहते हैं और बता देना चाहते हैं कि मुस्लिम कट्टरपंथियों की जाहिलियत और मूर्खता में हम जल्दी हम तुमको पछाड़ देंगे। संघ-भाजपा की इस चुनौती को पाकिस्तानी मुस्लिम कट्टपंथियों ने भी स्वीकार करके कमर कस लिया है और इस बात की चेतावनी दी है कि हम जाहिलियत और मूर्खता में हम तुमको आगे नहीं निकलने देंगे।
दोनों देशों के दो ताजा उदाहरण- पहले पाकिस्तान को लेते हैं। पााकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने आसिया बीबी को ईशनिंदा के आरोप से मुक्त करके उन्हें निर्दोष बरी कर दिया। पाकिस्तानी कट्टरपंथी सड़कों पर उतर आए। उन्होंने बड़े पैमाने पर हिंसा शुरू कर दी। पाकिस्तानी सरकार घुटने के बल रेंगने लगी। उसने कट्टपंथियों से समझौता किया और उनकी दोनों शर्तें मान ली।
पाकिस्तान सरकार ने आसिया बीबी के देश से बाहर जाने पर रोक लगा दी है, उनका नाम उड़ान निषेध सूची में डाल दिया है। पाकिस्तान सरकार ने इस्लामी कट्टरपंथियों को उनकी रिहाई के खिलाफ अपील करने की अनुमति दे दी है।
आसिया बीबी को मारने के लिए पाकिस्तानी कट्टरपंथी उन्हें ढूंढ रहे हैं। उन्होंने दुनिया के देशों से शरण की अपील की है, लेकिन पाकिस्तानी सरकार मुस्लिम कट्टरपंथियों से समझौता कर चुकी है और वह उन्हें देश से बाहर नहीं जाने देगी।
आसिया बीबी का पति जर्मनी से अपनी पत्नी की सुरक्षा का गुहार लगा रहा है। आसिया बीबी का मुकदमा लड़ने वाले वकील को भी जान से मारे जाने के भय से पाकिस्तान छोड़ देना पड़ा है।
दूसरी अाेर, भारत में हिंदू कट्टरपंथी संघी-भाजपाई भी सर्वोच्च न्यायालय को चुनौती दे रहे हैं। सर्वोच्च न्यायालय की ऐसी-तैसी करके वे पहले ही बाबरी मस्जिद तोड़ चुके हैं। अब वे राम मंदिर के मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय को ललकार रहे हैं। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कह दिया है कि सरकार अध्यादेश लाकर जमीन पर कब्जा करे और राम मंदिर बनाए। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री उनके सुर में सुर मिला रहे हैं।
भाजपा के महासचिव राममाधव ने सर्वोच्च न्यायालय को धमकाते हुए कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय ने राम मंदिर के निर्माण पर सुनवाई टालकर 1992 जैसी स्थिति पैदा कर दी है। संघ के विचारक राकेश सिन्हा ने संसद में मंदिर निर्माण के लिए निजी विधेयक पेश करने का निर्णय लिया है। भाजपा के कुछ मंत्रियों और सांसदों ने इसका समर्थन करने का वादा किया है।
आज दिल्ली में अखिल भारतीय संत समिति के बैठक हो रही है, जिसका मुद्दा राममंदिर का निर्माण है। यहां भी सर्वोच्च को चुनौती देने के संकेत दिए जा चुके हैं। पता नहीं कैसै राम मंदिर के समर्थक यह मान रहे हैं कि सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय उनके पक्ष में ही आएगा।
पाकिस्तानी कट्टरपंथी पाकिस्तान में अल्लाह की हिफाजत के लिए आसिया बीबी के लिए फांसी की सजा दिलाने चाहते हैं, यहां तक कि उनकी हत्या करने पर भी आमादा हैं। वहीं, भारत के कट्टरपंथी राम को उनकी जन्मभूमि पर विराजमान करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय और संविधान सबकी एक बार फिर ऐसी-तैसी करना चाहते हैं।
देखिए, इस जाहिलपने में कौन, किसको पराजित कर पाता है। जाहिलियत के मामले में राम के बंदे आगे निकल जाएंगे या अल्लाह के... यह तो वक्त ही बताएगा। फिलहाल होड़ जारी है- उधर अल्लाह की हिफाजत की और इधर राम की।
जाहिलियत की इस होड़ के संदर्भ में फ़हमीदा रिआज़ की ये नज्म बिल्कुल सटीक बैठती है —
तुम बिलकुल हम जैसे निकले
अब तक कहां छुपे थे भाई
वो मूर्खता वो घामड़पन
जिसमे हमने सदी गंवाई
आखिर पहुंची द्वार तुम्हारे
अरे बधाई बहुत बधाई
प्रेत धरम का नाच रहा है
कायम हिन्दू राज करोगे?
सारे उलटे काज करोगे
अपना चमन दराज़ करोगे
तुम भी बैठे करोगे सोचा
पूरी है वैसी तैयारी
कौन है हिन्दू कौन नहीं है
तुम भी करोगे फतवे जारी
होगा कठिन यहां भी जीना
रातों आ जायेगा पसीना
जैसी तैसी कटा करेगी
यहां भी सबकी सांस घुटेगी
कल दुःख से सोचा करती थी
सोंच के बहुत हंसी आज आई
तुम बिलकुल हम जैसे निकले
हम दो क़ौम नहीं थे भाई !
भाड़ में जाए शिक्षा-विक्षा
अब जाहिलपन के गुण गाना
आगे गड्ढा है ये मत देखो
वापस लाओ गया ज़माना
बश्ट (practice) करो तुम आ जायेगा
उलटे पाँव चलते जाना
ध्यान न मन में दूजा आये
बस पीछे ही नज़र जमाना
एक जाप सा करते जाओ
बारम-बार यही दोहराओ
कितना वीर महान था भारत
कैसा आलिशान था भारत
फिर तुमलोग पहुंच जाओगे
बस परलोक पहुंच जाओगे
हम तो हैं पहले से वहां पर
तुम भी समयनिकालते रहना
अब जिस नरक में जाओ वहां से
चिट्ठी-विट्ठी डालते रहना
(युवा लेखक सिद्धार्थ फॉरवर्ड प्रेस में संपादक (हिंदी) हैं।)