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राजनीति

भाजपा के ईमानदार मुख्यमंत्री : विधानसभा हारे तो 5 लाख का कर्जा था अब केवल साढ़े 3 हजार करोड़ का औद्योगिक इन्वेस्टमेंट ही

Janjwar Team
25 Feb 2018 9:46 AM GMT
भाजपा के ईमानदार मुख्यमंत्री : विधानसभा हारे तो 5 लाख का कर्जा था अब केवल साढ़े 3 हजार करोड़ का औद्योगिक इन्वेस्टमेंट ही
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भाजपा से पूर्व सांसद रहे पी. आर. खूंटे ने लगाया आरोप, भाजपा कार्यकर्ता सरकार में आने के पहले तरसते थे एक झंडा बैनर तक के लिए, लिखा भाजपा कार्यकर्ता के पास नहीं होता था साइकिल के पंचर बनाने के लिये पैसा, आज घूमते हैं एक से बढ़कर एक लग्जरी गाड़ियों में...

पूर्व सांसद और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष पी. आर. खूंटे लिखते हैं, डाॅ. रमन सिंह कवर्धा विधानसभा उपचुनाव हारने के बाद साढ़े पांच लाख रुपये के कर्ज में लदे थे। आर्थिक तंगी के कारण चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया था, और पार्टी को सुझाव दिया था कि मेरे स्थान पर पूर्व सांसद अशोक शर्मा को राजनांदगांव लोकसभा की टिकिट दिया जाय, मैं उनका साथ दूंगा। अतंतः पार्टी ने राजनांदगांव लोकसभा से डाॅ. रमन सिंह को टिकिट दिया गया, वह चुनाव जीते केन्द्रीय राज्यमंत्री बने।

आज वे 14 साल से छत्तीसगढ़ प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। इस बीच इनके पास इतना धन कहां से आया। जनचर्चा है कि मध्य प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर में साढ़े तीन हजार करोड़ रूपये का उद्योग कहां से लग गया। कलकत्ता, हैदराबाद सिंगापुर में पांच सितारा होटल, शॉपिंग माॅल कैसे बन गया?

अमेरिका में पति, पत्नी, पुत्र, बहू के नाम पर बैंक खाता कैसे खुल गया। नोटबंदी के तुरन्त बाद कालाधन को सफेद करने मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह एक सप्ताह के लिये अमेरिका क्या करने गये थे? भाजपा सूत्रों से पता चला है कि डाॅ. रमन सिंह देश के प्रथम मुख्यमंत्री हैं जिसके निवास में पैसा गिनने का एक नहीं दो मशीन है। पनामा पेपर में अभिषेक सिंह का नाम कैसे आया? प्रधानमंत्री जी जवाब दे?

यहां यह जानना जरूरी है कि उड़ीसा में बनिया भगाओ उड़ीसा बचाओ का आन्दोलन चला था। उस आंदोलन के चलते स्व. लखीराम जी अग्रवाल उड़ीसा छोड़ एक छोटा—सा गुड़ाखू दुकान लेकर खरसीया आये। देखते ही देखते वे भाजपा के बड़े नेता बन गये। धन वसूली के लिये उन्हें मध्य प्रदेश की भाजपा प्रदेश कोषाध्यक्ष बना दिया गया। उनके सुपुत्र श्री अमर अग्रवाल को कैबिनेट मंत्री बना दिया गया।

आज 14 साल से विभिन्न विभागों में मंत्री हैं देखते ही देखते इनके पास साढ़े आठ हजार करोड़ से अधिक की सम्पति कहां से एकत्रित हो गयी। बिलासपुर संभाग के सबसे बड़े भूमाफिया के नाम से जाना जाता है, छत्तीसगढ़ प्रदेश को गुड़ाखु के नशे में डुबो दिया है मोदी जी जवाब दे ऐसा क्यों हो रहा है?

ठीक इसी प्रकार भी बृजमोहन अग्रवाल जी के पिता भी उड़ीसा से भागकर रामसागर पारा रायपुर में आये थे। एक पीपलझाड़ के नीचे तम्बू तान कर किराना दुकान खोली थी,, ले देकर परिवार पाल रहे थे। मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ राज्य में मंत्री बनने के बाद आज बृजमोहन अग्रवाल के परिवार एवं उनके रिश्तेदारों के पास साढ़े तीन हजार करोड़ से भी अधिक की बेनामी सम्पति कहां से इकट्ठा हो गया।

जैसे फार्म हाऊस धरसींवा, जोरा में कीमती जमीन, जलकी में 177 एकड़ का फार्म हाऊस, जलकी रिसार्ट, भाटागांव में कीमती जमीन, बलौदाबाजार रोड एवं शहर में बेशकीमती अरबों की जमीनों के मालिक कैसे बन गये, कभी खेत के मेड़ में कदम तक नहीं रखे नागर चलाना तो दूर नागर के मुठ तक नहीं पकड़े आज इनका भाई छत्तीसगढ़ के राईस मील के किंग कैसे बन गये, मोदी जी जवाब दे। बृजमोहन अग्रवाल बसाई राजस्थान बार-बार क्यों जातें है, इसकी कोई जवाब है?

सबको पता है कि राजेश मूणत जी मंत्री विधायक बनने के पहले लूना में घूमते थे। रामसागर पारा में छोटा सर प्रिंटिंग प्रेस खोल कर अपना जीविका उपार्जन करते थे। मंत्री बनने के बाद आज इनके पास डे़ढ हजार करोड़ से भी अधिक की सम्पति कहां से एकत्र हो गया, आज इनके पास इतना पैसा इकट्ठा हो गया है कि अंतःगढ़ विधानसभा उप चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार को 12 करोड़ में खरीदने की क्षमता रखते हैं।

कमल विहार और नया राजधानी में शामिल 27 ग्रामों के सबसे बड़े भूमाफिया के रूप में इनकी पहचान बन गई है, इसका क्या जवाब है। छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार के अनेक मंत्री, निगम मंडल के अध्यक्षों के पास करोड़ो-अरबों रूपयें की आय से अधिक की संपत्ति कहां से आयी? भाजपा सरकार में लाभ का पद, लाभ का काम एवं टेंडर, ठेका, एजेंसी, मंत्री के ओ.एस.डी., (विशेष कर्तव्य अधिकारी) का काम एक वर्ग विशेष को दिया गया है, जिनका मुख्य उद्देश्य सिर्फ काली कमाई कर धन एकत्र करना है।

मोदी जी आपने कांग्रेस को भ्रष्टाचार की जननी कहा है, 14 साल से प्रदेश में आपकी पार्टी की सरकार है और केन्द्र में भी आपकी सरकार बन गयी है। कमीशन खोरी या भ्रष्टाचार के आरोप में कितने कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ आप की सरकार ने कार्यवाही की है, एक भी उदाहरण है तो बतायें।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद उनके पास कहां से इतना पैसा आया कि बिलासपुर से रायपुर रोड़ में स्थित परसदा में करोड़ों रुपये की लागत से विलासिता युक्त आलीशान भवन कैसे बन गया? महाभ्रष्ट आलोक अग्रवाल से मिलीभगत कर उनके द्वारा बनवाये गये एनीकट में कमीशनखोरो को बढ़ावा दिया गया क्या कोई कार्यवाही करेंगे?

भाजपा कार्यसमिति की बैठक में मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह ने जब कमीशनखोरी एक साल के लिये बंद करने को कहा तो आपने ईमानदारी का परिचय देते हुये इनके खिलाफ कार्रवाही क्यों नहीं की? इसलिये यहां यह बता देना लाजमी है कि कमीशनखोरी, जमाखोरी, घूसखोरी, सूदखोरी करने वाले बेईमान नेताओं, अधिकारियों, व्यापारियों, दलालों का भाजपा में नीचे से उपर तक जमावड़ा हो गया है।

इसका जीता जागता उदाहरण 1980 में भाजपा छत्तीसगढ़ के पास रामसागर पारा में 10 बाई 12 के छोटे से कमरे गद्रे स्मृति भवन में कार्यालय संचालन होता था, आज भाजपा का प्रदेश कार्यालय एशिया का बड़ा भव्य कार्यालय हो गया है। इसके सामने पांच सितारा होटल भी फेल हैं।

चुनाव जीतने व भाजपा नेताओं के ऐशोआराम की जिन्दगी जीने के लिये एकमात्र उपाय कमीशनखोरी का सबसे बड़ा धंधा है। एक तरफ आप कहते फिर रहे हैं कि न खांऊगा न किसी को खाने दूंगा। दूसरी तरफ रमन सरकार के 14 साल, भाजपा नेता हो मालामाल। सार्वजनिक रूप से कमीशनखोरी स्वीकार करने वाले मुख्यमंत्री व भाजपा नेताओं के खिलाफ क्या प्रधानमंत्री कोई कार्यवाही करेंगे?

ई.डी. से मांग है कि भाजपा सरकार में लाभ के पद या लाभ के काम करने वाले भाजपा के छोटे बड़े सभी नेताओं की आय से अधिक सम्पति की जांच की जाये। आय से अधिक सम्पति की रखने वाले के खिलाफ कार्यवाही की जाये। कांग्रेस सरकार आने पर कमीशनखोर सभी भाजपा नेताओं के खिलाफ जांच कार्यवाही कर उन्हें जेल भेजा जायेगा। इस कमीशनखोरी को लेकर भूपेश बघेल की अगुवाई में प्रदेश व्यापी आंदोलन जारी रहेगा। 14 साल बेमिसाल का ढिंढोरा पीटना बंद करें। (बस्तर प्रहरी से साभार)

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