भाजपा सरकार के मंत्री बोले निपाह वायरस हैं राहुल गांधी, जिसके संपर्क में आएंगे कर देंगे उसका सफाया
अनिल विज ने राहुल गांधी की तुलना आजकल फैले निपाह वायरस से करते हुए कहा कि वे जिस भी पार्टी के साथ कांग्रेस का गठबंधन करेंगे खत्म हो जाएगी वह पार्टी....
जनज्वार। भाजपा के मंत्रियों और विवादों का चोली दामन का साथ लगता है। कभी कोई मंत्री किसी तथ्य को लेकर उटपटांग तर्क पेश करता है तो कभी कोई। कोई इतिहास पर सवाल उठाता है तो कोई विज्ञान को ही कटघरे में खड़ा कर देता है। कोई कहता है आधुनिक तकनीकी पहले से हमारे भारतीय समाज में मौजूद थी, तो कोई न्यूटन और आइंस्टीन को ही गलत साबित कर देता है।
फिलहाल एक बार फिर चर्चा में हैं हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज, जो अकसर विवादित बयान देते रहते हैं। इस बार अनिल विज ने यह बयानबाजी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को लेकर की है। अनिल विज ने राहुल गांधी की तुलना आजकल फैले निपाह वायरस से कहते हुए कहा कि वे जिस भी पार्टी के साथ कांग्रेस का गठबंधन करेंगे वह पार्टी खत्म हो जाएगी। उनका इशारा हाल ही गठबंधन में सरकार बनाने वाली कर्नाटक सरकार और 2019 के लिए विपक्ष में एकजुट होने वाले दलों की तरफ है।
यह पहली बार नहीं है कि अनिल विज ने राहुल गांधी और कांग्रेस को लेकर गलतबयानी की है, वे अक्सर कुछ न कुछ कहते रहते हैं। जुलाई 2017 में जब राहुल गांधी ने अमरनाथ यात्रा के दौरान हुए आतंकी हमले पर सवाल उठाया था, तब भी विज ने कहा था कि पूरा देश उम्मीद कर रहा था कि राहुल गांधी अपनी नानी के घर इटली जाएंगे तो बुद्धि लेकर आएंगे, लेकिन लगता है वे वहां से खाली हाथ लौटे हैं। नानी के घर जाकर भी उनका दिमाग ठीक नहीं हुआ है।
अक्टूबर 2016 में कांग्रेस के एक कार्यक्रम में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा और हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर के समर्थकों के बीच विवाद हो गया था और कुछ लोग घायल हो गए थे, तब भी अनिल विज ने इस पर चुटकी ली थी और कहा था, कांग्रेस के नेताओं को अब पारंपरिक गांधी टोपी पहनने की जगह हेलमेट पहनना चाहिए।
हालांकि अनिल विज का इतिहास सिर्फ विपक्ष से भिड़ने और उल्टी—सीधी बयानबाजी का ही नहीं है। वे अपनी पार्टी बीजेपी के लिए भी अक्सर मुसीबतें खड़ी करते रहते हैं। ऐसा ही उन्होंने 2016 में हरियाणा में हुए जाट आंदोलन के दौरान किया था। तब अनिल विज ने अपनी पार्टी की सरकार को ही धमकाया था कि अगर जाट आरक्षण में मरने वाले लोगों को मुआवजा नहीं दिया गया तो वह इस्तीफा दे देंगे।
तब कृषि मंत्री ओपी धनकड़ ने भाजपा को ही विवादों में आने से बचाने के लिए सोशल मीडिया के जरिए यह जानकारी साझा की थी कि जाट आंदोलन में मरने वाले हर व्यक्ति को 10 लाख रुपये का मुआवजा और उसके घर के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। मगर धनकड़ के बयान पर भी अनिल विज भड़क गए थे। बीजेपी हाईकमान के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ था।
एक तरफ फरवरी 2016 में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि राज्य में गोमांस पर रोक को लेकर किसी तरह का विवाद नहीं है, दूसरी तरफ अनिल विज ने यह बयानबाजी कर कि जो लोग गोमांस के बिना जिंदा नहीं रह सकते, उन्हें हरियाणा नहीं आना चाहिए।' कह भाजपा सरकार की मुश्किलें बढ़ाने का ही काम किया था।
हालांकि अनिल विज भाजपा में अकेले विवादित शख्स नहीं हैं, बल्कि ऐसे कई नमूने पार्टी की शोभा बढ़ा रहे हैं जो कई बार बिना वजह भाजपा की छीछालेदर करने से बाज नहीं आते।