शिक्षा

बीआरडी महाविद्यालय के छात्रों के सामने झुका शासन-प्रशासन, कॉलेज को लौटाई जमीन

Prema Negi
8 Dec 2018 5:41 PM GMT
बीआरडी महाविद्यालय के छात्रों के सामने झुका शासन-प्रशासन, कॉलेज को लौटाई जमीन
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आंदोलनरत छात्रों ने दी चेतावनी 10 दिन के अंदर शासन—प्रशासन द्वारा मांग पत्र पर नहीं की गई कार्रवाई तो होंगे बड़े आंदोलन को बाध्य....

अरविंद गिरि की रिपोर्ट

देवरिया, जनज्वार। उत्तर प्रदेश के देवरिया में बाबा राघवदास स्नातकोत्तर महाविद्यालय की भूमि को वापस कराने की मांग को लेकर आंदोलनरत छात्रों का आंदोलन आज 8 दिसंबर को उस समय खत्म हो गया जब जिलाधिकारी द्वारा उनकी सात सूत्रीय मांगों को मान लिया गया। साथ ही आश्वस्त किया गया कि महाविद्यालय की जमीन कॉलेज को वापस कर दी जाएगी और वहां कृषि कॉलेज के लिए कम पड़ रही जमीन शासन—प्रशासन द्वारा और मुहैया करायी जाएगी।

हालांकि आंदोलन खत्म करने के साथ ही छात्रों ने शासन—प्रशासन को यह भी हिदायत दी है कि अपनी सात सूत्रीय ज्ञापन पर कार्रवाई के लिए 10 दिन का समय दिया गया है। जिला प्रशासन व सरकार यदि हमारी मांग पत्र पर यथाशीघ्र कार्रवाई नहीं करेगी तो हम बड़ा स्तर पर आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। इसकी सारी जिम्मेदारी जिलाधिकारी और सरकार की होगी।

गौरतलब है कि देवरिया के बाबा राघव दास भूमि बचाओ संघर्ष समिति के तत्वाधान में छात्रसंघ अध्यक्ष जय सिंह यादव के नेतृत्व में सुभाष चौक देवरिया पर 4 दिसंबर से जोर—शोर से आंदोलन चल रहा था। हालांकि इससे पहले से छात्र कॉलेज का पट्टा निरस्त किए जाने को लेकर आंदोलनरत हैं।

बड़े पैमाने पर देवरिया के छात्रों, नौजवान, किसान, मजदूर एवं विभिन्न राजनीतिक दल और गैर राजनीतिक संगठन के मिल रहे आन्दोलन के समर्थन से देवरिया जिला प्रशासन के ऊपर जनता का आक्रोश बढ़ता जा रहा था।

प्रतिदिन आन्दोलन स्थल पर जिले के सभी महाविद्यालयों के क्रमश छात्र नेता स्वामी देवानंद स्नातकोत्तर महाविद्यालय मठ लार के पूर्व महामंत्री विशाल गुप्ता, अध्यक्ष अवनीश सिंह, विशाल सिंह, ओमप्रकाश सिंह समेत कई छात्रों ने अपना कालेज बंद कराकर धरने का समर्थन किया और आन्दोलन को जिला प्रशासन से आर पार की लड़ाई लड़ने का ऐलान कर दिया।

इसी तरह जिले के सभी महाविद्यालयों रामजी सहाय पीजी कालेज, रुद्रपुर संत विनोव पीजी कॉलेज देवरिया, बी.आर.डी.पी.जी. कॉलेज बरहज एवं मदन मालवीय पीजी कालेज भाटपाररानी समेत गोरखपुर विश्वविद्यालय के छात्र नेता सड़क पर उतर गए। इन कॉलेजों के छात्रों ने अपने कॉलेजों को बन्द कर इस आन्दोलन का समर्थन एवं सहयोग किया।

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इस आंदोलन को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश महासचिव संजय दीप कुशवाहा, किसान नेता शिवाजी राय, पंचायत प्रतिनिधि जनार्दन शाही, शिक्षक एसोसिएशन से चतुरानन ओझा, कांग्रेस पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष सुयश मणि त्रिपाठी, श्रृषिकेष मिश्रा, नागेन्द्र शुक्ल, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष रामायण रावण, तसलीम मलिक, महिला एकता मंच से मन्नु तिवारी, एपवा से गीता पाण्डेय, समाजवादी पार्टी से नित्यानंद त्रिपाठी, व्यास यादव, विक्रांत मणि, मोहित यादव, प्रधान संघ जिलाध्यक्ष ब्रजेन्द्र मणि त्रिपाठी, विकलांग एकता मंच, राकेश सिंह, डिस्ट्रिक्ट अधिवक्ता संघ समेत विभिन्न संगठनों ने समर्थन दिया।

समर्थन में बढ़ते आक्रोश को देखते हुए आंदोलनरत जयसिंह यादव, अध्यक्ष श्रवण कुमार विश्वकर्मा, उपाध्यक्ष रविशंकर त्रिपाठी, महामंत्री अभिषेक यादव, नीरज यादव, सुधांशु, अमित पाण्डेय, सत्येन्द्र यादव, राधेश्याम शुक्ल, रोहित त्रिपाठी,अमूल्य रत्न मणि समेत अन्य आन्दोलनरत छात्र नेताओं और विभिन्न संगठनों की अगुवाई में सैकड़ों छात्रों के हुजूम ने कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही इस्तीफा दो, पूर्व केन्द्रीय मंत्री कलराज मिश्र इस्तीफा दो, सदर विधायक जन्मेजय सिंह इस्तीफा दो के नारे लगाने शुरू कर दिए। साथ ही कहा कि इन जिम्मेदार लोगों को अपने पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए।

जिला प्रशासन होश में आओ, देवरिया के कृषि कालेज की जमीन हम लेकर रहेंगे, गुण्डागर्दी नहीं चलेगी के नारों से देवरिया गूंज उठा। बढ़ते विरोध को देखते हुए क्षेत्र के भाजपा सांसद, विधायक और जिलाध्यक्ष समेत सैकड़ों कार्यकर्ता सतर्क हो गए। छात्र देवरिया कलेक्टर अमित किशोर का घेराव कर उनसे त्वरित कार्रवाई की मांग करते हुए उनसे कॉलेज की 11.5 हेक्टेयर जमीन कृषि कालेज को वापस करने की मांग पर अड़ गए।

छात्रों ने कृषि विश्वविद्यालय बनाने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजने की बात को जिलाधिकारी से गम्भीरता से लेने को कहा। जिलाधिकारी अमित किशोर ने इसी साल 31 सितंबर के उपजिलाधिकारी के आदेश पर मौखिक त्वरित स्थगन कर देने को कहा और कृषि विश्वविद्यालय बनाने के लिए कम पड़ रही जमीन के लिए सेलिंग कुछ 8 एकड़ और जमीन देने का मौखिक आश्वासन दिया।

जिलाधिकारी देवरिया ने तहसीलदार सदर को आन्दोलन स्थल पर भेजकर आंदोलकारी छात्रों के सात सूत्रीय ज्ञापन में लिखी गयी सभी मांगों को मानते हुए आंदोलन समाप्त कराया।

जहां एक तरफ सभी छात्रसंघों से जुड़े छात्र कॉलेज की जमीन शासन—प्रशासन से वापस लेने के लिए आंदोलनरत थे, वहीं आंदोलन में कथित तौर पर शामिल बी.आर.डी.पी.जी.कॉलेज देवरिया के ही भाजपा के आनुशांगिक संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र व नेता जिला प्रशासन के इशारे पर कॉलेज प्राचार्य कमला प्रजापति मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए पूरे शहर में घूम रहे थे। ये छात्र कभी भी आंदोलन स्थल पर नहीं बैठे। ये लोग पूरी तरह भाजपा के इशारे पर चल रहे थे। इनका छात्र आंदोलन से दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं था।

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