Begin typing your search above and press return to search.
सिक्योरिटी

ब्रेकिंग : प्रसिद्ध वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का निधन

Janjwar Team
14 March 2018 9:37 AM GMT
ब्रेकिंग : प्रसिद्ध वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का निधन
x

जनज्वार। दुनिया के ख्यात भौतिक वैज्ञानिकों में शुमार स्टीफन हॉकिंग का आज 76 साल की उम्र में निधन हो गया। यह जानकारी उनके परिवार ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर तड़के सुबह दी।

वह दुनिया के पहले वैज्ञानिक थे जिनके किसी फिल्मस्टार और राजनेता की तरह करोड़ों फैन थे।

वह मॉर्डन कॉस्मोलॉजी के सबसे ख्यात वैज्ञानिक थे।

उनका निधन लंदन के कैम्ब्रिज में उनके घर पर हुआ है। हॉकिंग के बच्चों लूसी, रॉबर्ट और टिम ने एक साझा बयान कर बताया कि, 'हम अपने पिता के जाने से बेहद दुखी हैं।'

ब्लैक होल और बिग बैंग सिद्धांत को समझने में स्टीफन हॉकिंग ने अहम योगदान दिया था। उनके योगदान को देखते हुए उन्हें 12 मानद डिग्रियों से सम्मानित किया गया था। हॉकिंग के विज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए अमेरिका ने उन्हें अपना सबसे उच्च नागरिक सम्मान उन्हें दिया है। ब्रह्मांड के रहस्यों पर उनकी किताब 'अ ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम' काफी चर्चित हुई थी, इस किताब पर फिल्म भी बन चुकी है। इस फिल्म को आॅस्कर अवार्ड मिल चुका है।

स्टीफन हॉकिंग के दिमाग को छोड़कर उनके शरीर का कोई भी भाग काम नहीं करता था। स्टीफन हॉकिंग ने द ग्रैंड डिजाइन, यूनिवर्स इन नटशेल, माई ब्रीफ हिस्ट्री, द थ्योरी ऑफ एवरीथिंग जैसी कई महत्वपूर्ण किताबें लिखी हैं।

स्टीफन हॉकिंग का विचार
'हम इतने अक्लमंद तो हैं कि हमने परमाणु बम बना लिए, लेकिन क्या हम इतने अक्लमंद भी हैं कि उनका इस्तेमाल न करें।'

8 जनवरी 1942, को स्टीफन हॉकिंग एक अच्छे शिक्षित परिवार में पैदा हुए थे, परन्तु उनके परिवार की आर्थिक अवस्था ठीक नहीं थी।उनका परिवार द्वितीय विश्वयुद्ध के समय एक सुरक्षित जगह की तलाश में इंग्लैण्ड के ऑक्सफोर्ड में बस गया था।

जानकार अचरज होगा कि जो स्टीफन आज इतने महान ब्रह्मांड विज्ञानी हैं, उनका स्कूली जीवन बहुत मामूली रहा। वे शुरू में अपनी कक्षा में औसत से कम अंक पाने वाले छात्र रहे, मगर उन्हें बोर्ड गेम खेलना बहुत पसंद था। मगर गणित में खासा दिलचस्पी थी। उन्होंने गणितीय समीकरणों को हल करने के लिए कुछ लोगों की मदद से पुराने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के हिस्सों से कंप्यूटर का निर्माण कर दिया था।

ग्यारह वर्ष की उम्र में स्टीफन, स्कूल गए और उसके बाद यूनिवर्सिटी कॉलेज, ऑक्सफोर्ड गए। स्टीफन गणित की पढ़ाई करना चाहते थे लेकिन यूनिवर्सिटी में गणित विषय नहीं था, इसलिए उन्होंने भौतिकी की पढ़ाई की।

कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में सैद्धांतिक ब्रह्मांड विज्ञान केन्द्र (सेंटर ऑफ थियोरेटिकल कोस्मोलॉजी) के शोध निर्देशक रहे हॉकिंग हमेशा व्हीलचेयर पर रहते थे। एक साक्षात्कार के दौरान उन्होंने बताया था, '21 वर्ष की उम्र में डॉक्टरों ने मुझे बता दिया था कि मुझे मोटर न्यूरोन नामक लाइलाज बीमारी है।'

देखिए वीडियो क्या है ब्लैकहोल

Janjwar Team

Janjwar Team

    Next Story

    विविध