Begin typing your search above and press return to search.
राजनीति

छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बलरामजी दास टंडन का दिल का दौरा पड़ने से निधन

Prema Negi
14 Aug 2018 10:04 AM GMT
छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बलरामजी दास टंडन का दिल का दौरा पड़ने से निधन
x

आज जहां हर कोई सत्ता और पैसे के लोभ में कुछ भी कर गुजरने को तैयार है, विधायक, सांसद, मंत्री, नौकरशाह हर कोई सैलरी बढ़ाने के लिए सरकार पर तमाम तरह से दबाव डालते हैं, ऐसे समय में हाल में राज्यपालों का बढ़ा हुआ वेतन लेने से इंकार करने वाले राज्यपाल थे बलरामजी दास टंडन...

जनज्वार। छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बलरामजी दास टंडन का 90 वर्ष की आयु में आज निधन हो गया। उन्हें आज 14 अगस्त की सुबह दिल का दौरा पड़ने के बाद रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

आज जब दिन में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह उनका हालचाल जानने अस्पताल पहुंचे तो उसी समय उनका निधन हो गया। उनके देहांत की खबर मीडिया को मुख्यमंत्री रमन सिंह ने ही बताई। आज शाम 4 से 5 बजे के बीच उनका शव अंतिम दर्शन के लिए राजभवन में रखा जाएगा।

खबरों के मुताबिक राज्यपाल बलरामजी दास टंडन सुबह जब राजभवन में नाश्ता कर रहे थे, तभी अचानक उन्हें दिल का दौरा पड़ा। इसके बाद उन्हें एंबुलेंस से पहले पचपेड़ी नाका स्थित एक अस्पताल ले जाया गया, लेकिन हालत बिगड़ती देख मेकाहारा के अंबेडकर अस्पताल में ले जाया गया। वहां उन्हें सीधे वेंटिलेटर पर रखा गया। दोपहर करीब एक बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।

राज्यपाल बलरामजी दास टंडन के निधन पर छत्तीसगढ़ में 7 दिन के राजकीय शोक की घोषणा की गई है। इसी के तहत कल स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण तो होगा, लेकिन सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होंगे।

1 नवंबर 1927 को अमृतसर पंजाब में जन्मे बलरामजी दास टंडन ने पंजाब विश्वविद्यालय लाहौर से स्नातक किया था। राजनीति में उनका पदार्पण 1953 में अमृतसर नगर निगम के पार्षद निर्वाचित होने के साथ हुआ।

टंडन जनसंघ जोकि बाद में भारतीय जनता पार्टी बना, के संस्थापक सदस्यों में शामिल रहे।

1957 में पहली बार स्वर्गीय टंडन विधायक चुने गए। इसके बाद 1962, 1967, 1969, 1977 और 1997 में भी वो विधायकी जीतते रहे। इस दौरान वो पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे। 18 जुलाई 2014 को उन्होंने छत्तीसगढ़ में राज्यपाल पद की शपथ ली थी। गौरतलब है कि हाल में राज्यपालों का बढ़ा हुआ वेतन लेने से इंकार करने वाले वो पहले शख्स थे।

Next Story

विविध