चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का सम्मेलन कल से, भारत भी एजेंडे में
पार्टी कांग्रेस में पिछले पांच साल के विकास के अनुभवों के आधार पर चीन की भावी योजनाओं को तैयार किया जाएगा
बीजिंग से जय प्रकाश पांडे की रिपोर्ट
बीजिंग। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) की 19वीं कांग्रेस बुधवार से होने जा रही है। इसमें चीन के अगले पांच साल के लिए नीतियां तय होने के साथ ही नेतृत्व भी चुना जाएगा। सम्मेलन से पहले एशियाई मामलों के काउंसलर याओ वेन ने एशियाई देशों के साथ संबंधों को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई।
भारत चीन संबंधों को लेकर उन्होंने कहा कि बड़े देश होने के नाते कुछ असहमतियां हो सकती हैं। दोनों देशों के स्थिर संबंध होने चाहिए। इसका फायदा न केवल दोनों देशों को होगा बल्कि पूरे विश्व को होगा। चीन भारत के विकास और अंतरराष्ट्रीय मामलों में उसके प्रयासों का समर्थन करता है। भारत से भी दलाई लामा और सीमा के मुद्दे पर ऐसे ही सम्मान की उम्मीद करता है।
पार्टी कांग्रेस में पिछले पांच साल के विकास के अनुभवों के आधार पर चीन की भावी योजनाओं को तैयार किया जाएगा। राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने दो लक्ष्यों को प्रस्तावित किया है। पहला लक्ष्य कांग्रेस के चार साल बाद यानी वर्ष 2021 में सीपीसी के सौ साल पूरे होने पर खुशहाल चीन के निर्माण का है।
दूसरा लक्ष्य 2049 में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की शताब्दी वर्ष गांठ पर चीन को आधुनिक और मजबूत समाजवादी देश में बदलने का है। 19वीं पार्टी कांग्रेस इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह शताब्दी के दो लक्ष्यों को प्राप्त करने का प्रस्थान बिंदु है।
वेन ने कहा कि पड़ोस कूटनीति को चीन अहम मानता है। चीन का संवाद दुनिया के साथ एशियाई देशों से शुरू होता है। पिछले साल चीन का एशियाई देशों के साथ व्यापार 1.2 ट्रीलियन डॉलर से अधिक का था। बीते साल 120 मीलियन चीनी विदेश गए इस संख्या में से आधे लोग एशियाई देशों में जाने वाले थे।
बेल्ट और रोड के तहत भी अधिकांश प्रोजेक्ट एशिया के हैं। इसमें चीन पाकिस्तान इकानोमिक कारिडोर, चाइना लाउस रेलवे, चाइना थाइलैंड रेलवे, जकार्ता बानडोंग हाईस्पीड रेलवे आदि बड़ी योजनाएं शामिल हैं। उन्होंने उपलब्धियों को गिनाते हुए बताया कि मोबाइल पेमेंट, हाईस्पीड रेलवे, बाइक शेयरिंग, आन लाइन शॉपिंग को चीन ने विकसित किया, इनका उपयोग पड़ोसी देश भी कर रहे हैं। पड़ोस कूटनीति के तहत चीन शांति और स्थिरता स्थापित करना चाहता है।
काउंसलर वेन ने कहा कि सबसे गंभीर मामला कोरियायी प्रायद्वीप में परमाणु परीक्षण का है। सभी पक्ष इसके खतरे को समझ सकते हैं। चीन सभी पक्षों को मिल बैठकर इसका हल निकालने का प्रस्ताव रखता है। अंतरराष्ट्रीय प्रयास से इसका हल निकाला जाना चाहिए। इसमें अमेरिका और ब्रिटेन की विशेष जिम्मेदारी है।
साउथ चाइना सी व कश्मीर विवाद और अफगानिस्तान की समस्या का हल भी बातचीत के जरिए निकाला जाना चाहिए। बड़ा देश होने के नाते चीन शांति और स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध है। कश्मीर के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान में इस समस्या का हल निकालने की क्षमता है। दोनों को आपसी बातचीत से इसका हल निकालना चाहिए।