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समाज

मेट्रो का किराया बढ़ने से हर महीने 1 करोड़ कम हुए यात्री

Janjwar Team
25 Nov 2017 12:07 PM GMT
मेट्रो का किराया बढ़ने से हर महीने 1 करोड़ कम हुए यात्री
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जनज्वार, दिल्ली। 'मैं वैशाली मेट्रो से रोज नौकरी के लिए लक्ष्मीनगर जाती हूं। पहले जहां एक तरफ का मेट्रो किराया 16 रुपए लगता था, अब बढ़कर 30 रुपए हो गया है। कुल 10 हजार की नौकरी में अगर 2000 रुपए मेट्रो किराए में खर्च कर दूं तो घर क्या ले जाउंगी। हद से भी ज्यादा बढ़ चुके किराये के बाद मैंने मेट्रो के बजाय बस यात्रा शुरू कर दी है। जहां पहले मैं पंद्रह मिनट में आॅफिस पहुंच जाती थी, अब 1 से डेढ़ घंटे का वक्त लगता है।' यह व्यथा है बढ़े हुए मेट्रो किराये से परेशान एक पार्लर में नौकरी करने वाली गीतांजली की।

गीतांजली जैसे लाखों लोग हैं, जो अप्रत्याशित ढंग से बढ़ चुके मेट्रो किराए के कारण बसों में धक्के खाने को मजबूर हैं।

गौरतलब है कि इस साल 10 अक्तूबर के बाद दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) द्वारा किराया हद से ज्यादा बढ़ा दिए जाने के कारण मेट्रो में यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या तेजी से घटती जा रही है। एक आरटीआई के जवाब में यह बात सामने आई है कि अप्रत्याशित रूप से बढ़ चुके किराए के चलते रोजाना लगभग 3 लाख 20 हजार लोगों ने मेट्रो से यात्रा करनी छोड़ दी है। यानी हर महीना लगभग 1 करोड़ मेट्रो यात्री कम हुए हैं।

मेट्रो में यात्रा करना अब गरीब इंसान के बस की बात नहीं रह गई है। आरटीआई के जवाब में मेट्रो की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक जहां सितंबर माह तक औसत यात्रियों की संख्या 27.4 लाख थी, वह अक्तूबर में घटकर 24.2 लाख रह गई है।

यात्रियों की संख्या में लगभग 11 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। मेट्रो द्वारा एक साथ इतना ज्यादा किराया बढ़ाने के बाद न्यूज एजेंसी पीटीआई द्वारा आरटीआई से यात्रियों की संख्या बढ़ने—घटने का मेट्रो से ब्योरा मांगा गया था, जिसके जवाब में दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा यह डाटा दिया गया है।

मेट्रो की अति व्यस्त लाइनों में से एक ब्लूलाइन पर तो यात्रियों की कुल संख्या में 30 लाख यानी 1 लाख रोजाना की कमी दर्ज की गई है। 50 किलोमीटर में बना ब्लू लाइन कॉरिडोर द्वारका को नोएडा और वैशाली से जोड़ता है। जबकि दिल्ली—एनसीआर में मेट्रो का नेटवर्क 218 किलोमीटर लंबा है।

येलो लाइन पर औसतन मासिक 20 लाख यात्रियों ने मेट्रो से यात्रा करनी छोड़ दी है, तो वायलट लाइन, जो ITO को फरीदाबाद से जोड़ती है, पर अक्तूबर माह से तकरीबन साढ़े 11 लाख लाख यात्री कम हुए हैं और दिलशाद गार्डन को रिठाला से जोड़ने वाली रेड लाइन पर लगभग आठ लाख यात्रियों ने बढ़े किराये के बाद मेट्रो यात्रा बंद कर दी है।

अक्तूबर 2016 में मेट्रो में औसतन 27.2 लाख यात्रा यात्रा करते थे, जबकि तब मेट्रो का रूट आज की तुलना में काफी छोटा था। इस साल मेट्रो ने दो बार किराए में बढ़ोत्तरी की है। पहले मई में मेट्रो किराए में बढ़ोत्तरी की गई और अब अक्तूबर में तो इतना किराया बढ़ा दिया गया है कि आम इंसान मेट्रो को लग्जरी यात्रा मानने लगा है। गौरतलब है मई में किराया बढ़ाने के बाद जून में प्रतिदिन लगभग डेढ़ लाख मेट्रो यात्री कम हुए थे।

लगातार बढ़ाये गए मेट्रो किराए पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कहते हैं, 'मेट्रो का किराया बढ़ने से बहुत से यात्रियों ने परिवहन के अन्य साधनों का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। इस तरह से दिल्ली में प्रदूषण और सड़क पर कंजेशन बढ़ रहा है।'

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