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अब मैक्स हॉस्पिटल ने जिंदा बच्चे को बताया मरा, कफन में लपेट सौंप दिया परिजनों को

Janjwar Team
1 Dec 2017 7:13 PM GMT
अब मैक्स हॉस्पिटल ने जिंदा बच्चे को बताया मरा, कफन में लपेट सौंप दिया परिजनों को
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परिजन जब बच्चों के शव लेकर अंतिम संस्कार के लिए जा रहे थे तो उन्हें कुछ हरकत महसूस हुई। देखा तो एक बच्चे की सांस चल रही थी...

दिल्ली, जनज्वार। जिस तरह से एक के बाद एक नामी प्राइवेट अस्पतालों की घोर लापरवाहियां और मरीजों के परिजनों से भारी—भरकम बिल वसूलने की खबरें सामने आ रही हैं, शायद लोगों का प्राइवेट अस्पतालों से भरोसा उठ जाएगा। यहां बात किसी गलीछाप प्राइवेट अस्पताल की नहीं बल्कि देश के नामी—गिरामी हॉस्पिटलों की हो रही है।

दिल्ली में बहुचर्चित मैक्स में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर रोंगटे खड़े हो जाएंगे। मैक्स हॉस्पिटल ने जिंदा बच्चे को न सिर्फ मृत घोषित किया, बल्कि कफन में लपेटकर मां—बाप को सौंप भी दिया।

जी हां, हम बात कर रहे हैं राजधानी दिल्ली स्थित शालीमार बाग के मैक्स अस्पताल की। मैक्स के डॉक्टरों ने दो 22 हफ्ते में पैदा हुए दो जुड़वा नवजातों को मृत घोषित कर परिजनों को सौंप दिया। परिजन जब बच्चों के शव लेकर अंतिम संस्कार के लिए जा रहे थे तो उन्हें कुछ हरकत महसूस हुई। देखा तो उनमें से एक बच्चे की सांस चल रही थी। तुरंत बच्चे को पास के ही एक नर्सिंग होम में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने जांच कर बताया कि बच्चा स्वस्थ है।

देश के नामी—गिरामी अस्पताल द्वारा बरती गई इस भारी और अक्षम्य गलती पर पुलिस ने भी बजाय प्राथमिकी दर्ज करने के इसे दिल्ली मेडिकल काउंसिल की लीगल सेल में डाल दिया। बच्चे के परिजनों ने मैक्स में पहुंचकर खूब हंगामा किया।

अब अस्पताल अपना कॉलर बचाने के लिए कह रहा है कि कि वह बच्चे के परिजनों से लगातार संपर्क में है। दोनों जुड़वा बच्चों का जन्म 30 नवंबर को हुआ था। डिलीवरी के वक्त बच्चों की उम्र 22 सप्ताह थी. हम खुद इस घटना से सदमे में हैं। जबकि बच्चे को मृत घोषित करने वाले डॉक्टर को मैक्स छुट्टी पर भेज चुका है।

घटनाक्रम के मुताबिक नागलोई की वर्षा नाम की महिला को 28 नवंबर की दोपहर को मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया था। 30 नवम्बर की सुबह 7.30 बजे उन्होंने एक बेटे को जन्म दिया और 7.42 बजे एक बेटी को। जन्म के कुछ ही देर बाद डॉक्टर ने कहा कि बच्ची की जन्म के बाद ही मौत हो गई, जबकि नवजात बच्चे का इलाज चल रहा था।
मगर एक घंटे वेंटीलेटर पर रखने के बाद डॉक्टरों ने दूसरे जीवित बच्चे के बारे में भी कहा कि वह मर चुका है।

इसके बाद अस्पताल ने दोनों बच्चों के मृत शरीर को कागज और कपड़े में लपेटने के बाद टेप लगा परिजनों को दे दिया। दोनों बच्चों के मृत शरीर को वर्षा के पिता ने पकड़ा हुआ था। उन्हें रास्ते में एक पार्सल में कुछ हरकत महसूस हुई, उन्होंने कपड़ा फाड़कर देखा तो बच्चा सांस ले रहा था। वे तुरंत उसे एक नजदीकी अस्पताल गये, जहां उसका इलाज चल रहा है।

अब जब इस मामले ने तूल पकड़ा है तो केंद्र और राज्य सरकार दोनों जांच की बात कह रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिल्ली सरकार को मैक्स मामले की जाँच करने के आदेश दिए हैं। केंद्रीय स्वास्थय मंत्री जेपी नड्डा ने मैक्स अस्पताल की इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए तुरंत ही स्वास्थय सचिव से बात कर इसकी जांच करने को कहा है।

गौरतलब है कि अभी कुछ दिन पहले गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में इलाज के नाम पर मरीज के परिजनों से लाखों रुपया वसूलने का एक मामला सामने आया था, जिसमें इलाज के दौरान ही बच्ची की मौत हो गई थी।

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