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राजनीति

अब बाई​चुंग भूटिया ने छोड़ा ममता बनर्जी का साथ

Janjwar Team
26 Feb 2018 11:37 AM GMT
अब बाई​चुंग भूटिया ने छोड़ा ममता बनर्जी का साथ
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कहा बतौर राजनेता नहीं खेल पाएंगे लंबी पारी, पृथक गोरखालैंड की मांग का समर्थन कर हो गए थे पार्टी के खिलाफ...

भारत के सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलरों में शामिल रहे बाईचिंग भूटिया, जिन्होंने बतौर राजनेता तृणमूल कांग्रेस से राजनीतिक जीवन में प्रवेश किया था, उसे छोड़ने का ऐलान किया है।

बाईचिंग भूटिया के मुताबिक वह अब अपने राजनीतिक कैरियर को जारी नहीं रखेंगे।

दिग्गज स्ट्राइकर ने राजनीतिक छोड़ने अपने फैसले की घोषणा के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया और आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से ट्वीट किया, "मैंने आधिकारिक तौर पर अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस की सभी सदस्यताओं से आधिकारिक तौर पर राजनीतिक पदों से इस्तीफा दे दिया है। मैं अब तृणमूल कांग्रेस का सदस्य नहीं हूं न ही भारत की किसी भी अन्य राजनीतिक दल से जुड़ा हूं।"

पश्चिम बंगाल में अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस से राजनीतिक कैरियर शुरू करने वाले बाईचुंग भूटिया दो बार चुनाव लड़ चुके हैं।

गौरतलब है कि 2011 में पेशेवर फुटबॉल को अलविदा कहने के बाद भूटिया ने पश्चिम बंगाल से अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने का निर्णय लिया था, जो राज्य उन्हें खेल के दिनों से ही बहुत प्रिय रहा था। इसके लिए उन्होंने 2011 में सत्ता में आई ममता बनर्जी की पार्टी त्रणमूल कांग्रेस को चुना।

बाईचुंग भूटिया जब 2013 में टीएमसी में शामिल हुए तो उन्होंने जोर शोर से इस बात को प्रसारित—प्रचारित किया कि राजनीति में ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ियों के शामिल होने की जरूरत है, ताकि लोगों के ये रोलमॉडल जनता के लिए ज्यादा से ज्यादा काम करें और उन्हें समझें। जनता भी बेहतर तरीके से उनका साथ देगी।

टीमएमी में शामिल होने के सालभर बाद उन्होंने दार्जिलिंग से पार्टी की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था, मगर भाजपा के एसएस अहलूवालिया से उन्हें भारी अंतर से हार का सामना करना पड़ा था। अहलूवालिया ने उन्हें को 1,96,795 मतों के अंतर से मात दी थी।

2008 में एक पदमश्री अवार्ड विजेता रहे भूटिया पार्टी में शामिल होने के बाद से ही शिद्दत से काम कर रहे थे, मगर हाल ही में पृथक गोरखालैंड का समर्थन कर वह पार्टी लाइन के खिलाफ हो गए थे। शायद यही राजनीति से उनके मोहभंग की एक बड़ी वजह हो सकती है।

बाईचुंग भूटिया अब दिल्ली स्थित बाईचुंग भूटिया फुटबॉल स्कूलों के साथ सक्रिय तौर पर काम कर रहे हैं।

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