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आंदोलन

हजारों किसानों ने किया बिजवासन से रामलीला मैदान तक 25 किमी पैदल मार्च

Prema Negi
29 Nov 2018 1:29 PM GMT
हजारों किसानों ने किया बिजवासन से रामलीला मैदान तक 25 किमी पैदल मार्च
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संसद मार्ग पर कल अपनी दो मांगों — किसानों की पूर्ण कर्जामुक्ति और फसलों की लागत का डेढ़ गुना की मांग के साथ किसान करेंगे संसद मार्च....

दिल्ली, जनज्वार। राजधानी दिल्ली में आज और कल 30 नवंबर को आयोजित किसान मुक्ति मार्च के लिए देशभर से लाखों की संख्या में आंदोलनकारी किसान अपनी आवाज उठाने के लिए पहुंचने लगे हैं। आज दिल्ली के बिजवासन से स्वराज इंडिया के बैनर तले हजारों की संख्या में किसान रामलीला मैदान तक पहुंचे। आज सुबह किसान बिजवासन से 25 किलोमीटर पैदल मार्च करते हुए रामलीला मैदान पहुंचे। कल 30 नवंबर को संसद मार्ग पर अपनी दो मांगों — किसानों की पूर्ण कर्जामुक्ति और फसलों की लागत का डेढ़ गुना की मांग के साथ संसद मार्च करेंगे।

देश के बंगाल, बिहार, ओडिसा, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, हरियाणा और आसपास लाखों किसान दिल्ली पहुंच चुके हैं। रामलीला मैदान में 29 की शाम किसानों के लिए 'एक शाम किसानों के नाम' सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया है। 30 नवंबर को किसान संसद मार्ग पर अपनी दो मांगों — किसानों की पूर्ण कर्जामुक्ति और फसलों की लागत का डेढ़ गुना की मांग के साथ संसद मार्च करेंगे।

आज स्वराज इंडिया और जय किसान आंदोलन से जुड़े हजारों किसानों ने बाहरी दिल्ली के बिजवासन से सुबह 8 बजे से रामलीला मैदान के लिए 25 किलोमीटर तक पैदल मार्च किया। किसानों के 25 किलोमीटर के इस पैदल मार्च में दर्जनों की संख्या में किसान स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष और किसान नेता योगेन्द्र यादव के नेतृत्व में मार्च किया। इस बीच अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति से जुड़े हजारों—हजार किसान दिल्ली के कई रास्तों से रामलीला पहुंच चुके हैं।

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्यवय समिति के बैनर तले 207 संगठनों ने पहली बार एकता कायम की है। ऐसा पहली बार है कि देश के किसान संगठन इतनी बड़ी संख्या में एकजुट हुए हैं। किसानों के साथ इस बार खेत मजदूर भी दिल्ली में दस्तक दे रहे हैं। लाखों की संख्या में पहुंच रहे किसान आंदोलन को डॉक्टरों, छात्रों, कलाकारों, पत्रकारों समेत समाज के कई तबकों से व्यापक समर्थन मिल रहा है।

जय किसान आंदोलन के संयोजक और किसान मुक्ति मार्च से जुड़े नेता अभिक साहा कहते हैं, हमारी सिर्फ दो मांगे हैं, पहली किसानों की पूर्ण कर्जामुक्ति और दूसरी लागत का डेढ़ गुना दाम। अगर सरकार हमारी इन दो मांगों को भी पूरा नहीं करती और उन मांगों के लिए होने वाले हमारे आंदोलन में पुलिस रोड़ा अटकाती है तो यह किसानों के साथ भारी विश्ववासघात होगा, जिसे किसान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे।

आंदोलनरत किसानों का कहना है कि वे शांतिपूर्वक अपनी मांगों के लिए आंदोलन करेंगे। हालांकि पुलिस—प्रशासन भी पूरी तरह मुस्तैद है। किसानों की हजारों—हजार की संख्या को देखते हुए पुलिस ने किसानों को जंतर मंतर पर न रुकने का निर्देश जारी किया है।

भारतीय किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष वीएम सिंह ने अपने एजेंडे को लेकर प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है और बताया है कि कुछ राज्यों के सीएम के अलावा एनडीए के साझेदारों ने भी विधेयक का समर्थन किया है। समर्थन देने वाले सीएम में एन चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार हैं, जबकि 21 राजनीतिक दल इसपर सहमत हैं।'

स्वराज इंडिया के संयोजक और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति के सदस्य योगेन्द्र यादव ने कहा है, 'आज किसान खुद अपने हाथ से अपनी किस्मत लिखने जा रहे हैं।#KisanMuktiMarch के लिए तैयार हो रहे साथी।'

आंदोलन के दूसरे चरण में राजनीतिक पार्टियों के भी शामिल होने की खबर है। मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक दूसरे चरण में वे नेता शामिल होंगे जिन्होंने कर्जमाफी के संबंध में दो विधेयकों पर समर्थन दिया है। कुल 21 राजनीतिक दलों ने किसानों को इस मुद्दे पर समर्थन देने की बात कहीं है।

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