जेएनयू मार्च पर पुलिस का लाठीचार्ज, लड़कियों के खींचे बाल फाड़े कपड़े
आठ छात्राओं के बाल खींचकर कपड़े फाड़ लिया हिरासत में, सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को घेरकर रखा संजय पार्क में...
दिल्ली, जनज्वार। देश की ख्यात यूनिवर्सिटी जेएनयू और विवाद का चोली—दामन का साथ हो गया है। शिक्षकों और छात्रों द्वारा आज निकाले गए शांतिमार्च पर दिल्ली पुलिस ने न सिर्फ लाठीचार्ज किया, बल्कि कई छात्रों के साथ मारपीट करते हुए उन्हें हिरासत में ले लिया है।
प्रदर्शन में शामिल आठ महिलाओं को हिरासत में लेने से पहले पुलिस ने उनके साथ जमकर बदसलूकी की। उनके बाल खींचकर उन्हें घसीटा गया और उनके कपड़े तक फाड़ डाले।
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आज जेएनयू छात्र संघ, जेएनयू शिक्षक संघ और जेएनयू पूर्व छात्रसंघ ने तमाम उत्पीड़नों के खिलाफ लांग मार्च आयोजित किया था। उसी के तहत ये लोग संजय पार्क में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे।
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आज आयोजित हुए शांति मार्च में लगभग दो हजार से अधिक शिक्षक और छात्र शामिल हुए थे। यह पैदल मार्च जेएनयू मेन गेट से होकर संसद भवन तक जाना था, मगर पुलिस ने इसे बीच में ही रोक दिया गया। संजय पार्क के पास तो जेएनयू शिक्षकों और छात्रों के शांतिपूर्ण मार्च को पुलिस ने वाटर कैनन से रोकने की कोशिश की और बाद में लाठीचार्ज शुरू कर दिया।
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जेएनयू की प्रोफेसर आयशा किदवई ने अपने वॉल पर पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज की सूचना साझा करते हुए लिखा है कि हमारे शांतिपूर्ण पैदल मार्च पर लाठीचार्ज करने के लिए दिल्ली पुलिस को शर्म आनी चाहिए। आठ छात्राओं के बाल खींचकर उन्हें न सिर्फ घसीटा गया बल्कि उनके कपड़े तक फाड़ डाले और उन्हें हिरासत में ले लिया गया है। बड़े पैमाने पर छात्र और शिक्षकों को पुलिस ने संजय पार्क में घेरकर रखा हुआ है। कम्युनिस्ट नेता बृंदा करात के साथ सांसद मनोज झा भी प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे हुए हैं।
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जेएनयू में छात्र जहां अनिवार्य उपस्थिति के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं, तो वहीं यौन उत्पीड़न के आरोपी प्रोफेसर की गिरफ्तारी के लिए भी थाने का घेराव कर चुके हैं। उस पर भी पुलिस और जेएनयू प्रशासन ने सिर्फ दिखावे की कार्रवाई की। यौन उत्पीड़न के आरोपी प्रोफेसर को मात्र एक घंटे के अंदर जमानत दे दी गई थी।