जस्टिस लोया के दोस्त और पूर्व जज ने कहा मेरी भी हो सकती है हत्या
बोले जस्टिस कोलसे, पहले ही इस मामले में मारे जा चुके हैं जस्टिस लोया के अलावा दो लोग....
जनज्वार, मुंबई। 'न्यायमूर्ति बीएस लोया को सुनियोजित रूप से मारा गया है। इतना ही नहीं लोया को 100 करोड़ रुपए के ड्राफ्ट सहित आॅफर किया गया था। लोया के दो मित्रों एक न्यायाधीश और एक वकील की भी ऐसे ही हत्या की गई है। उस मामले में मैं गवाह हूं।'
यह रहस्योदघाटन पूर्व न्यायमूर्ति बीजी कोलसे पाटिल ने अहमदनगर में एक कार्यक्रम के दौरान किया। कोलसे पाटिल मुंबई हाइकोर्ट के पूर्व जज हैं। वे अहमदनगर में शब्दगंध साहित्य सम्मेलन में बोल रहे थे। इस अवसर पर कोलसे पाटिल ने सरकार, न्याय व्यवस्था और न्यायाधीश लोया की मृत्यु मामले में जोरदार टिप्पणियां कीं।
गौरतलब है कि जस्टिस लोया कथित सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ मामले की सुनवाई कर रहे थे। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी इस केस में नामजद थे, जो अब बरी हो चुके हैं। हाइप्रोफाइल होने को चलते जस्टिस लोया की संदिग्ध मौत को गंभीर माना जा रहा है।
जस्टिस लोया की संदिग्ध मौत मामले में कांग्रेस ने भी आज प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की थी। प्रेस को संबोधित करते हुए वरिष्ठ वकील और कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल ने भी कहा कि इस मामले में एक वकील और पूर्व जज की हत्या हो चुकी है।
सिब्बल के मुताबिक 29 नवंबर 2015 को वकील श्रीकांत खांडेलकर को डिस्ट्रिक कोर्ट की आठवीं मंजिल से फेंक दिया गया था जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी। वहीं 16 मई, 2016 को पूर्व जज तोंगरे की रेल यात्रा के दौरान उपरी बर्थ से गिरने से स्पाइनल कोर्ड टूट गई और उनकी मौत हो गई।
साहित्य सम्मेलन में बोलते हुए न्यायमूर्ति कोलसे पाटिल ने कहा कि लोया को 100 करोड़ रुपए का आॅफर दिया गया था। उन पर फैसले को लेकर भारी दबाव था। इस बाबत उनके दो मित्र एक जिलाधीश और एक वकील मेरे पास आए थे। दोनों ने ही उन पर दबाव होने की बात कही थी। मैंने उन्हें प्रशांत भूषण के पास भिजवा दिया था।
कोलसे पाटिल ने आरोप लगाया कि जस्टिस लोया को सुनियोजित तरीके से मारा गया है। उन्होंने कहा कि मेरे पास आए अन्य दो लोगों जिनमें एक न्यायाधीश और दूसरा वकील थे, की भी हत्या हुई है। न्यायाधीश को इमारत से फेंका गया तो दूसरे को ट्रेन से धक्का देकर मार दिया गया। इतना ही नहीं उनका पोस्टमार्टम भी नहीं हुआ। एक से सुसाइड नोट लिखवा लिया गया। कुछ न्यायाधीश अभी भी डरे हुए हैं। मेरा भी चौथा नंबर हो सकता है और मेरा यह अंतिम भाषण भी हो सकता है।
कोलसे पाटिल ने कहा कि न्याय व्यवस्था की आंखों पर पट्टी बंधी होने की बात की बजाय सरकार की आंखों में पट्टी बंधी है, जिसकी वजह से उसे कुछ दिखाई नहीं दे रहा है। सरकार और सर्वोच्च न्यायालय के बीच सांठगांठ है। जस्टिस लोया की मृत्यु नहीं बल्कि हत्या है और लोया की हत्या न्याय व्यवस्था की विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल है। मैं मांग करता हूं कि इस मामले की स्वतंत्र जांच होनी चाहिए जिससे प्रामाणिक परिणाम सामने आए।