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संस्कृति

लड़कियों द्वारा लड़कों का बलात्कार दिखा नेपाली फिल्म में ये कैसा स्त्री विमर्श

Janjwar Team
10 April 2018 4:50 PM GMT
लड़कियों द्वारा लड़कों का बलात्कार दिखा नेपाली फिल्म में ये कैसा स्त्री विमर्श
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नेपाली फिल्म Black Night में दिखाई गयी है एक सामाजिक समस्या, पर यह इतनी हवाई कि इसने स्त्री विमर्श का कर दिया कबाड़ा

Black Night पर पढ़िए राकेश गुप्ता की समीक्षा

भगवती खडका उनिका द्वारा पोस्ट किया गया ब्लैक नाईट फिल्म को पूरा देखा। यह पहली नेपाली फिल्म है जिसे मैंने देखा है। समझने के लिहाज़ से आमतौर पर भाषा कोई अवरोध नहीं बना। यद्यपि कि मै नेपाली भाषा नहीं जानता हूँ।

इस फिल्म में एक सामाजिक समस्या को उठाने का प्रयास किया गया है। कहानी कुछ इस प्रकार है कि युवाओ के दो अलग-अलग समूह जो नेपाल की राजधानी में हैं- ड्रग्स, सेक्स और परिणाम स्वरूप अपराध में संलिप्त हैं। हिंदी फिल्मों की तुलना में थोड़ी चौकाने वाली बात है कि इन दो गिरोहों में से एक लड़कियों का गिरोह है, जिसका नाम है-Black Night। और इसी के नाम पर इस फिल्म का नाम Black Night रखा गया है।

पांच लड़कियों के इसी गिरोह Black Night से पांच लड़कों के ही एक दूसरे गिरोह जो भी ड्रग्स, सेक्स और अपराध में डूबा हुआ है, के आपसी संघर्ष की कहानी है- ब्लैक नाईट| इन दोनों के आपसी संघर्ष के बीच एक तीसरा पक्ष भी उपस्थित है- एक NGO। जो युवा संगठन के रूप में कार्य करता हुआ दिखाई पद रहा है। वह नेपाली युवाओ के मध्य सुधारात्मक गतिविधियां संचालित कर रहा है, जो कि ज्यादातर उपदेशात्मक शैली में है। फलस्वरूप अपनी छाप छोड़ने में असफल है। क्योकि अब वह समय चला गया जब उपदेशों से दुनिया को संचालित किया जा सके।

एक जो सबसे चौकाने वाली बात इस फिल्म में है, वह पांच लड़कियों के गिरोह Black Night द्वारा लड़कों को दौड़ाकर, पकड़कर बलात्कार किया जाना। फिल्म ही यहीं से शुरू होती है। यह घटनाये न सिर्फ तथ्यों से परे हैं, बल्कि भ्रामक भी हैं। Biologically ऐसा सम्भव ही नहीं है। यह न सिर्फ हास्यास्पद है, बल्कि स्त्रियों के इस तरह के खल चरित्र का निर्माण वर्तमान में चल रहे समूचे स्त्री विमर्श को ठेंगा दिखने जैसा है।

वह भी खासतौर पर नेपाल में, जहाँ आज स्त्रियाँ किसी भी मामले में पुरुषों से कमतर नहीं हैं। स्त्री शक्ति के इसी आविर्भाव के कारण आज वहाँ पर भाषा शास्त्रीय परिवर्तन भी होने लगे हैं। यह अनायास नहीं है कि आज नेपाल की संसद (संविधानसभा) में महिला सदस्यों के नाम के आगे भी आदरसूचक शब्द ‘ श्री’ का ही प्रयोग किया जा रहा है। ऐसे में इस तरह की कपोल कल्पित घटनाओं को दिखाया जाना स्त्रियों का चरित्रहनन करने जैसा है।

पांच लड़कियों के इस गिरोह Black Night के अपराधी होने के अपने तर्क हैं, लेकिन लड़कों के गिरोह या फिर NGO होने का कोई तर्क इस फिल्म में नहीं दिया गया है। न ही यह दर्शाया गया है कि इतने ठाठ से चलने वाले इस युवा संगठन के लिए धन कहाँ से आता है।

इसमें बॉलीवुड के मसालों को भी प्रयोग करने का भरपूर प्रयास किया गया है। प्रेम भी दिखने का प्रयास किया गया है लेकिन सतही स्तर पर। समस्याओं को भी बहुत ही सतही स्तर पर उठाने का प्रयास हुआ है।

समाधान भी कुछ ऐसा ही है। मारधाड की बहुतायत है। दो अलग –अलग समूहों के सदस्यों में आपसी प्रेम की किसी गहरी अनुभूति का कोई अवसर नहीं दिखता है, इसीलिए इसमें दिखाया जाने वाला प्रेम एक नारेबाजी जैसा ही दिखता है। पूरे फिल्म का कथ्य और निर्वाह ऐसा है कि ज्यादातर कलाकारों के पास अभिनय के नाम पर करने को कुछ खास नहीं रह जाता है।

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