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शिक्षा

महिला शिक्षक की पिटाई से हुई बच्चे की ये हालत

Janjwar Team
14 Sep 2017 10:05 AM GMT
महिला शिक्षक की पिटाई से हुई बच्चे की ये हालत
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बच्चे की इस बेरहम पिटाई के बाद भी टीचर के खिलाफ पुलिस ने कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया है और न ही बच्चे के इलाज की कोई व्यवस्था आरोपी टीचर या प्रशासन कर रहा है...

पुणे से संवाददाता रामदास तांबे की रिपोर्ट

रायन इंटरनेशनल स्कूल में पिछले दिनों किए गए मासूम के निर्ममता से कत्ल के बाद देशभर में बवाल मचा हुआ है। ऐसे में पुणे में एक महिला ट्यूशन टीचर भाग्यश्री पिल्लई द्वारा छोटे से बच्चे देव संतोष कश्यप के साथ मारपीट की एक और घटना सामने आई है।

तीन साल के मासूम देव संतोष कश्यप को निजी ट्यूशन टीचर ने इतनी बुरी तरह पीटा कि आंख में गंभीर चोट आई है। बच्चे को ट्यूशन टीचर ने लकड़ी की पट्टी से मारा। सिर और पीठ पर इतनी बुरी तरह मारा कि बच्चा घायल हो गया। उसकी आंख पर भी गंभीर चोट आई है।

यह घटना पुणे से सटे पिम्परी चिंचवड़ शहर में स्थित पिम्पले गुरव गांव की है। बच्चे के माँ-बाप ने इसकी शिकायत पुलिस थाने में की, मगर पुलिस ने बच्चे को सरकारी अस्पताल में मेडिकल कर छोड़ दिया।

ये मामला तीन दिन पहले का है। महिला टीचर भाग्यश्री पिल्लई और उसके भाई ने बच्चे के मां—बाप को धमकाते हुए कहा कि अगर बच्चे के साथ की गई मारपीट के बारे में किसी को बताया तो हम तुम्हें देख लेंगे। पुलिस के साथ अपनी तफ्तीश पर जब जनज्वार संवाददाता रामदास तांबे पहुंचे तो भाग्यश्री पिल्लई के घर गई तो वो फरार हो चुकी थी।

घटना के तीन दिन बाद भी बच्चे के शरीर पर लगे घाव कुछ कम होते हुए नहीं दिख रहे, आँख पर चोट का ज्यादा असर दिखने पर बच्चे देव संतोष कश्यप के घर वालों ने इस घटना को पत्रकारों को बताया।

अभी तक मासूम को इस हद तक बेरहमी से मारने वाली टीचर पर मामला दर्ज नहीं हुआ है। छोटे बच्चे पर शिक्षक द्वारा की गई इतनी बेरहमी के बावजूद पुलिस इस पर गंभीर नही दिखाई दे रही है। क्या इसी तरह से लोगो अन्याय के खिलाफ पुलिस न्याय देने के लिए सक्षम है, यही सवाल सामने आ रहा है।

बच्चे के पिता संतोष कश्यप सब्जी बेचने का काम करते हैं और मां लक्ष्मी कश्यप घरेलू काम करके गुजारा करते हैं। बच्चे के मां—बाप का कहना है कि महिला ट्यूशन टीचर पहले भी बच्चे को मारती थी, मगर लगा कि लाड़—प्यार में मारती होगी और बच्चा ऐसे ही शिकायत करता होगा। लक्ष्मी ने कहा कि हमें इतनी फुर्सत नहीं रहती और हम सोचते थे कि बच्चा किसी तरह से पढ़ ले। संतोष कश्यप का परिवार उत्तर प्रदेश का रहने वाला है।

खबर लिखे जाने तक इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। डीसीपी गणेश सिंधे ने मौका मुआयना कर थानाध्यक्ष को एफआईआर दर्ज करने को कहा है।

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