Begin typing your search above and press return to search.
समाज

मजदूर के 16 महीने के बच्चे को मैक्स हॉस्पिटल ने बनाया बंधक, कहा लोन लेकर चुकाओ बिल

Prema Negi
5 Feb 2019 5:46 AM GMT
मजदूर के 16 महीने के बच्चे को मैक्स हॉस्पिटल ने बनाया बंधक, कहा लोन लेकर चुकाओ बिल
x

मैक्स में 8 दिन के इलाज का आया 3 लाख 16 खर्च और सिलाई का काम करने वाला मजदूर कमाता है महीने का सिर्फ 9-10 हजार

बीवी और परिवार के दूसरे लोगों के गहने बेच चुकाये डेढ़ लाख, लेकिन बाकी का नहीं हो पाया इंतज़ाम

जनज्वार, दिल्ली। निजी अस्पतालों की तानाशाही और मनमानी का आलम ऐसा है कि यहां इंसानियत भी शर्मसार हो जाती है। यहां डॉक्टर नहीं यमराज बैठे हुए हैं, जो पैसे ऐंठने के नाम पर कब किसके साथ क्या कर दें कहा नहीं जा सकता।

पहले ही जिंदा बच्चे को मृत घोषित कर कफन में लपेटकर मां-बाप को सौंपने वाला बहुचर्चित प्राइवेट हॉस्पिटल मैक्स में फिर एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर रोंगटे खड़े होते हैं और इंसानियत शर्मसार। मैक्स हॉस्पिटल दिल्ली ने एक 16 महीने की बीमार बच्ची मनाहील को इसलिए बंधक बनाकर रखा , क्योंकि उसके मजदूर और मजबूर पिता 8 दिन का हॉस्पिटल द्वारा वसूला जा रहा 3 लाख 16 हजार रुपए नहीं चुका पा रहे थे।

मैक्स अस्पताल प्रशासन बंधक बनाए गए बच्चे के पिता पर दबाव डाल रहा है कि लोन लेकर बकाया बिल चुकाओ और अपने बच्चे को ले जाओ। बच्ची के पिता खालिद ने लोन के लिए बैंक में अप्लाई भी किया मगर उसे लोन इसलिए नहीं मिला क्योंकि उसकी लोन लेने की औकात नहीं है। वह महीने का मात्र 9 हजार रुपये कमाता है।

बाद में सुप्रीम कोर्ट के वकील और दिल्ली के चर्चित स्वास्थ्य कार्यकर्ता अशोक अग्रवाल के प्रयासों से किसी तरह बच्ची को मैक्स से 31 जनवरी को छुट्टी मिल पायी। इस पूरे मामले पर 16 महीने के बच्चे के मजदूर और मजबूर पिता खालिद से अशोक अग्रवाल ने बात की है, जिसका वीडियो खबर के साथ लगाया गया है।

है कि खालिद पहले अपने 16 महीने के बच्चे को लेकर चाचा नेहरू अस्पताल गया था, लेकिन केजरीवाल की दिल्ली सरकार के अस्पताल ने कह दिया कि हमारे यहां आईसीयू और वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध नहीं है इसे कहीं और ले जाओ। मजबूरी में गरीब पिता अपने तड़पते बच्चे को देख मैक्स के दरवाजे पर गया और मैक्स ने उसके बच्चे को इसलिए बंधक बना लिया कि वह उसका भारी—भरकम बिल नहीं चुका पा रहा।

यह बात भी गौर करने वाली है कि यह उस दिल्ली का हाल है जहां रातों दिन अपने केजरीवाल सरकार अपनी सफलताओं के प्रचार में लगे रहते हैं, मगर असलियत यह मामला खुद ब खुद बता देता है कि उन्हें गरीबों की कोई फिक्र नहीं है। 4 साल के शासन में आप पार्टी दिल्ली में गरीबों के समुचित इलाज की ऐसी व्यवस्था नहीं कर पाई है कि उन्हें निजी अस्पतालों के दरवाजे न खटखटाने पड़ें।

इस खबर के साथ लगाया गया वीडियो गरीब आदमी इलाज के फेर में कैसे बर्बाद हो रहा है, उसकी असली कहानी कहता है। यह वीडियो बताता है कि कैसे अब अस्पताल इलाज का खर्च नहीं दे पाने पर गरीब आदमी को लोन के चक्रव्यूह में फंसा रहा है।

Next Story

विविध