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आंदोलन

मोदी सरकार ने एसएससी छात्रों की मांगें तो नहीं मानी, लेकिन लाठियां जरूर बरसाईं

Janjwar Team
1 April 2018 9:57 AM GMT
मोदी सरकार ने एसएससी छात्रों की मांगें तो नहीं मानी, लेकिन लाठियां जरूर बरसाईं
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युवा हल्ला बोल प्रदर्शन पर पुलिस ने भॉंजी लाठियां, किया वाटर कैनन का प्रयोग, कई छात्रों का फूटा सिर तो कई जान बचाने के लिए भागे रेलिंग फांदकर

दिल्ली, जनज्वार। एसएससी की परीक्षा देने वाले हजारों छात्रों ने कल 31 मार्च को पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच न कराए समेत अपनी अन्य मांगों को लेकर युवा हल्ला बोल के नाम से दिल्ली में जमकर विरोध—प्रदर्शन किया। संसद मार्ग से कनॉट प्लेस तक आयोजित मार्च में पुलिस ने छात्रों पर जमकर लाठीचार्ज किया, जिसमें कई छात्रों का सिर फूटा और कई घायल हुए।

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छात्रों के युवा हल्ला बोल कार्यक्रम को रोकने के लिए मोदी सरकार ने रैपिड एक्शन फोर्स समेत दिल्ली पुलिस के सैकड़ों सिपाही जनपथ पर तैनात कर दिए थे। युवा हल्ला बोल पर हमला बोलते हुए पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज किया, जिसमें कई का सिर फूटा तो कई को चोटें आईं। मगर पुलिस अब लाठीचार्ज की बात से मुकरते हुए कह रही है कि हमने छात्रों को रोकने के लिए हल्का बल प्रयोग किया था, न कि लाठियां भॉंजी थीं।

गौरतलब है कि एसएससी की परीक्षा देने वाले हजारों अभ्यर्थी कर्मचारी चयन आयोग एसएससी परीक्षा में हुए पेपर लीक मामले की सीबीआई जाँच कराए जाने को लेकर लंबे समय से आंदोलनरत हैं। सीबीआई जांच करवाये जाने को लेकर हजारों छात्र सीजीओ कॉम्प्लैक्स स्थित कर्मचारी चयन आयोग के मुख्यालय के सामने धरना—प्रदर्शन कर रहे थे।

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18 दिन तक सीजीओ कॉम्प्लेक्स में डटे SSC छात्रों ने 16 मार्च को ही सरकार और एसएससी को चेताया था कि अगर 15 दिन के अंदर हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो देशभर के युवा दिल्ली पहुँचकर हल्लाबोल करेंगे। इस बार आर या पार होगा। स्वराज इंडिया के बैनर तले 31 मार्च, हल्लाबोल, दिल्ली चलो आयोजित हुआ था जिसमें पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज किया।

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एसएससी परीक्षार्थी कल उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश से इकट्ठा हुए थे। प्रदर्शन में कई ऐसे छात्र ऐसे भी थे, जिन्होंने मार्च में हुई एसएससी परीक्षा का बहिष्कार करते हुए परीक्षा नहीं दी थी। छात्रों का रोप है कि कोटा, दिल्ली समेत देशभर से कई जगहों पर पेपर लीक हुआ था। शासन—प्रशासन की मिलीभगत से मास चीटिंग करवाई जा रही है और एसएससी कमीशन चैन की नींद सो रहा है।

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युवा हल्ला बोल में 8 राज्यों से 5 हजार से भी ज्यादा छात्र सरकार और एसएससी के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल हुए और एसएससी—सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कल दिन में 1 बजे जब एसएससी छात्र संसद मार्ग पर इकट्ठा हो मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर नारेबाजी करते हुए बढ़ रहे थे तो पुलिस ने उनपर लाठीचार्ज किया और वाटर कैनन का प्रयोग भी किया गया।

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पुलिस ने लाठीचार्ज कर कई छात्रों को लहुलूहान कर दिया। छात्र पुलिस से अपनी जान बचाने के लिए भागते नजर आए, और पुलिस उन्हें दौड़ाती रही। कुछ छात्र जान बचाने के लिए रेलिंग फांदकर भी भागते नजर आए। प्रदर्शन के दौरान पुलिस की लाठी से शैलेष का सिर फट गया, मगर वो फिर भी आंदोलन स्थल पर डटा रहा। बोला हम पुलिस की मार से डरने वाले नहीं हैं। हम अपनी मांगों पर डटे रहेंगे।

वहीं कई छात्रों के प्रदर्शन के दौरान पुलिस की मार से घायल होने पर पुलिस सफाई देती नजर आ रही है। नई दिल्ली के ज्वाइंट सीपी अजय चौधरी कहते हैं, जिन युवाओं के खिलाफ बल प्रयोग करना पड़ा वह एसएससी आंदोलनकारी नहीं थे। उन्होंने पुलिस को उकसाने की कोशिश की। उन्हें रोकने के लिए जनपथ रोड पर बैरिकेडिंग भी की गई थी।

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