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राजनीति

फर्जी खबर दिखाने के मामले में जी न्यूज हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में मांगेगा माफी

Janjwar Team
14 May 2018 1:48 PM GMT
फर्जी खबर दिखाने के मामले में जी न्यूज हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में मांगेगा माफी
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पहली बार भी माफी मांगने की ही मिला था आदेश, पर जी न्यूज ने की थी दुबारा अपील कि बच जाए माफी मांगने से

जी न्यूज ने अपने एजेंडे के हिसाब से देश के शायर और वैज्ञानिक गौहर रजा को कविताएं पढ़ने पर ठहरा दिया था देशद्रोही, अब मांगेगा माफी

जनज्वार, दिल्ली। मशहूर शायर और वैज्ञानिक गौहर रजा को कविता पाठ करने पर आतंकवादी कहने वाले मामले में जी न्यूज को एनबीएसए ने आदेश दिया है कि वह फर्जी खबर दिखाने के लिए गौहर रजा से अपने हिंदी और अंग्रेजी दोनों चैनलों पर माफी मांगे।

गौरतलब है कि गौहर रजा को अपमानजनक शब्द कहने की एवज में सेल्फ रेगुलेटरी शिकायत निवारण संस्था न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्डस अथॉरिटी (एनबीएसए) ने पिछले साल भी जी न्यूज को एक लाख रुपये का जुर्माना और माफी मांगने का आदेश पारित किया था, मगर तब उसने माफी के खिलाफ अपील दायर कर दी थी। मगर अब दोबारा एनबीएसए ने आदेश पारित किया है कि वह 17 मई 2018 को रात 9 बजे हिंदी और अंग्रेजी दोनों न्यूज चैनलों पर उनसे माफी मांगे, नहीं तो उसे इसके लिए परिणाम भुगतने को तैयार रहना होगा।

गौरतलब है कि हिन्दी समाचार चैनल जी न्यूज ने मार्च 2016 में प्रसारित अपनी एक रिपोर्ट में शायर और वैज्ञानिक गौहर रजा को भद्दे और अपमानजनक शब्दों से नवाजते हुए उन्हें संसद हमले में आरोपी अफजल का प्रेमी कहा था।

शंकर-शाद मुशायरा साझा संस्कृति की विरासत की याद दिलाता इंडो-पाक मुशायरा है, इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम का आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है। 5 मार्च, 2016 को दिल्ली में आयोजित हुए 51वें शंकर-शाद मुशायरे में भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के नामचीन शायरों ने हिस्सा लिया था। इस मुशायरे में गौहर रजा ने शासन—प्रशासन पर सवाल उठाते हुए एक नज्म पढ़ी थी, जिसे जी न्यूज ने 'अफ़जल प्रेमी गैंग का मुशायरा' कहकर खूब प्रसारित किया था। इतना ही नहीं जी न्यूज ने सत्ता के प्रवक्ता जैसी भूमिका निभाते हुए रजा तो देशद्रोही तक करार दे दिया था।

घटनाक्रम के मुताबिक ज़ी न्यूज़ ने फरवरी 2016 में विवादास्पद जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के विरोध में बनाई अपनी एक रिपोर्ट की फुटेज से जोड़ते हुए गौहर रजा की इस कार्यक्रम में पढ़ी गई नज्म को खूब प्रसारित किया था।

जी न्यूज की इस घटिया और फेक पत्रकारिता के बाद नबीएसए ने अपने आदेश में कहा था कि बड़े न्यूज चैनल आम नागरिकों के बोलने के अधिकार को रौंद नहीं सकते। जी न्यूज को आदेश दिया था कि वह कि आठ सितंबर को रात 9 बजे उसे हिंदी में बड़े फॉन्ट में फुल स्क्रीन पर गौहर रजा से सार्वजनिक माफ़ी मांगनी होगी। इतना ही नहीं, एनबीएसए ने यह भी आदेश दिया था कि यह प्रसारण साफ आवाज़ और धीमी स्पीड से प्रसारित किया जाए। साथ ही सात दिन के अंदर एक लाख रुपये जुर्माना भरने का भी आदेश पारित किया था, मगर तब जी न्यूज ने अपील दायर करते हुए माफी नहीं मांगी थी।

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