Begin typing your search above and press return to search.
राजनीति

पीएमओ का रघुबर दास को आदेश, अपने चहेते अधिकारियों के खिलाफ करो कार्रवाई

Janjwar Team
6 Feb 2018 9:53 PM GMT
पीएमओ का रघुबर दास को आदेश, अपने चहेते अधिकारियों के खिलाफ करो कार्रवाई
x

झारखंड सरकार की मुख्य सचिव राजबाला वर्मा और सीनियर आईएएस एपी सिंह पर आरोप कि कोल आवंटन में दोषी पलामू डीसी पूजा सिंघल को बचाया गलत तरीके से...

रांची। प्रधानमंत्री कार्यालय दिल्ली की तरफ से झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास के प्रधान सचिव को एक खत जारी कर निर्देश दिया गया है कि वे झारखंड सरकार की मुख्य सचिव राजबाला वर्मा और सीनियर आईएएस अधिकारी एपी सिंह के खिलाफ उचित कार्रवाई करें। यह पत्र पीएमओ भारत सरकार के अवर सचिव केसी राजू की तरफ से जारी किया गया है।

पीएमओ कार्यालय से यह निर्देश झारखंड की मुख्य सचिव राजबाला वर्मा और सीनियर आईएएस अधिकारी एपी सिंह के खिलाफ की गयी शिकायत के बाद लिखी गयी है। इसमें आरोपी अधिकारियों पर उचित कार्रवाई करने का भी जिक्र है।

गौरतलब है कि यह शिकायत खूंटी जिला के जेवीएम के जिला अध्यक्ष दिलीप मिश्रा की तरफ से उक्त दोनों अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी। दिलीप मिश्रा ने 2017 के जुलाई और सितंबर में सीएस राजबाला वर्मा और एपी सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी थी। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा है कि तत्कालीन पलामू के डीसी पूजा सिंघल के खिलाफ हो रही जांच में सीएस राजबाला वर्मा और एपी सिंह ने गलत तरीके से रिपोर्ट तैयार की और उन पर दोष साबित नहीं होने दिया।

गौरतलब है कि पूजा सिंघल जिस वक्त पलामू की डीसी थीं, जब की यह घटना है। उन्होंने पलामू जिले के कठोतिया कोल ब्लॉक प्राइवेट लिमिटेड की करीब 200 एकड़ जमीन एक निजी कंपनी को आवंटित कर दी थी। इसके बाद ये जमीन एक निजी कंपनी ने बिरला ग्रुप को दे दी।

पूजा सिंघल पर आरोप थे कि उन्होंने नियमों का उल्लंघन करते हुए ये कोल ब्लॉक एक निजी कंपनी को दी थी। मामले की जांच के लिए काफी हो-हंगामा हुआ। कमिश्नर स्तर से जांच करायी गयी। रिटायर्ड आईएएस और तत्कालीन पलामू कमिश्नर एनके मिश्रा ने मामले की जांच की थी।

उन्होंने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि डीसी ने गलत तरीके से कोल ब्लॉक का आवंटन किया है, जिससे सरकार को करोड़ों रुपए की राजस्व की क्षति हुई है। कहा गया कि कोल ब्लॉक का आवंटन सरकार के कहने पर कमिश्नर स्तर के अधिकारी की तरफ से किया जाना चाहिए, लेकिन डीसी रहते हुए पूजा सिंघल ने कठोतिया कोल ब्लॉक को एक निजी कंपनी को आवंटित कर दिया था।

पलामू के तत्कालीन कमिश्नर एनके मिश्रा की जांच रिपोर्ट के बाद चतरा, खूंटी और पलामू में पूजा सिंघल के डीसी रहते हुए कई मामले सामने आने लगे। जांच की बात होने लगी तो सीएस राजबाला वर्मा ने जांच समिति का गठन किया। समिति के नियंत्री कार्य पदाधिकारी एपी सिंह थे। उन्होंने पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट सरकार को सौंपी।

इस जांच रिपोर्ट में सरकार के स्तर से सीएस राजबाला वर्मा ने पूजा सिंघल को जांच में सभी आरोपों में बरी कर दिया गया, जबकि इन्हीं जांच मामलों में कई जेई और एई को जेल की हवा खानी पड़ी थी।

जेवीएम के खूंटी जिला अध्यक्ष दिलीप मिश्रा बार-बार ये आरोप लगा रहे थे कि सीएस और एपी सिंह मिलकर पूजा सिंघल को बचाने का काम कर रहे हैं। मामले को लेकर पार्टी फोरम से जांच की मांग कई बार दिलीप मिश्रा ने की। जांच की मांग सरकार की तरफ से नहीं मानने के बाद आखिरकार आरटीआई से सारे कागजातों को निकालने के बाद उन्होंने सीवीसी (चीफ विजिलेंस कमीशन) और पीएमओ में शिकायत दर्ज करायी।

आरटीआई में यह साबित होने के बाद कि संबंधित मामले में पूजा सिंघल दोषी थीं, पीएमओ की तरफ से सरकार के प्रधान सचिव को मामले पर उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये।

Janjwar Team

Janjwar Team

    Next Story

    विविध