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प्राइवेसी देश के हर नागरिक का मौलिक अधिकार : सुप्रीम कोर्ट

Janjwar Team
24 Aug 2017 2:00 PM GMT
प्राइवेसी देश के हर नागरिक का मौलिक अधिकार : सुप्रीम कोर्ट
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प्राइवेसी यानी निजता के अधिकार को सुप्रीम कोर्ट ने देश के हर नागरिक का मौलिक अधिकार बताया

दिल्ली, जनज्वार। राइट टू प्राइवेसी यानी निजता का अधिकार के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। कोर्ट ने माना है कि निजता हर नागरिक का मौलिक अधिकार है और संविधान में वह इसी रूप में मौजूद रहेगा।

निजता को मौलिक अधिकार के रूप में बरकरार रखने का यह फैसला सुप्रीम कोर्ट की नौ जजों की बेंच ने सर्वसम्मति दिया है। इस मामले की सुनवाई नौ जजों की संवैधानिक पीठ ने 6 दिनों तक की थीं और फैसला 2 अगस्त को सुरक्षित रख लिया था। पीठ की अध्यक्षता चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने की।

प्राइवेसी को मौलिक अधिकार बनाए रखने की याचिका चर्चित वकील प्रशांत भूषण ने दाखिल की थी। फैसले के बाद प्रशांत भूषण ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार माना है। सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक निजता का अधिकार अनुच्छेद 21 के तहत आता है. संविधान में अनुच्छेद 21 के तहत ही अभिव्यक्ति की आजादी को भी रखा गया है।

आधार कार्ड का आधार रखने वाले कांग्रेसी सरकार के पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के मुताबिक आधार कार्ड में कोई समस्या नहीं है लेकिन यह सरकार आधार का दुरुपयोग कर रही है। ध्यान रहे कि जब कांग्रेस सरकार में इस कार्ड की शुरुआत हुई थी तब देश में व्यापक विरोध हुआ था। तब मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आधार को देश के लिए घातक बताया था

गौरतलब है कि निजता किसी नागरिक का मौलिक अधिकार है कि नहीं, मुद्दा तब बना जब केंद्र सरकार ने निजता को मौलिक अधिकार मानने से इनकार कर दिया। सरकार को यह स्टैंड आधार कार्ड के मामले में लेना पड़ा, क्योंकि सरकार नागरिकों के हर कामकाज के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता को लागू करने पर आमादा थी।

सुप्रीम कोर्ट में ने केंद्र का पक्ष रखते हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा भी था कि डिजिटल दौर में राइट टू प्राइवेसी जैसा कुछ नहीं बचा है.

प्रशांत भूषण कहते हैं, 'इस फैसले से इतना तो साफ हो गया है कि रेलवे, एयरलाइन जैसे रिजर्वेशन के लिए जानकारी मांगी जाती है, तो ऐसी स्थिति में नागरिक अपने अधिकार के तहत देने से इनकार कर सकेगा.

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने राइट टू प्राइवेसी को मौलिक अधिकार बनाए रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद कहा है और इसे फासिस्ट ताकतों की हार बताया है।

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