जनज्वार ने उठाया जोरदार तरीके से यह मसला, फिर देशभर में बढ़ा मुकदमा वापस लेने का दबाव, अब निर्मला के परिजनों ने मेधा खोले पर मुकदमा दर्ज करने की रखी मांग
जनज्वार, पुणे। सबसे पहले प्राथमिकता के साथ जनज्वार में प्रकाशित खबर के बाद कल शनिवार 9 सितंबर को दबाव में आई ब्राह्मण महिला वैज्ञानिक मेधा खोले ने यादव कुक निर्मला यादव पर से मुकदमा वापस ले लिया है।
6 सितंबर को पुणे के भारतीय मौसम विभाग में कार्यरत एक वरिष्ठ वैज्ञानिक मेधा खोले ने पुणे के सिंघड़ थाने में मुकदमा दर्ज कराया था कि यादव जाति की महिला निर्मला यादव ने उसके घर खाना बनाकर उसका धर्म भ्रष्ट कर दिया है।
इस संदर्भ में जब जनज्वार द्वारा थाने में संपर्क किया गया तो पुलिस अधिकारियों को जवाब देते नहीं बन रहा था। जनज्वार ने जानना चाहा कि भारत के किस कानून में जातीय श्रेष्ठता के आधार पर कोई मुकदमा दर्ज हो सकता है, जबकि पीड़ित तो बर्तन—बासन कर जीने वाली निर्मला यादव हैं जिनके बराबरी और सम्मान के संवैधानिक अधिकारों का न सिर्फ ब्राह्मण महिला मेधा खोले ने हनन किया है, बल्कि पुलिस ने भी इसमें साथ दिया है।
शनिवार 9 सितंबर को ब्राह्मण महिला वैज्ञानिक मेधा खोले ने एसीपी शिवाजी पवार से निवेदन किया कि वह निर्मला यादव पर किया गया मुकदमा वापस लेना चाहती है, क्योंकि यह उनका व्यक्तिगत मसला है और उनका इरादा कतई भी किसी की जाति भावना को ठेस पहुंचाना नहीं है।
मीडिया और लोगों का समर्थन मिलने के बाद निर्मला यादव के परिवार वाले भी मेधा खोले के खिलाफ अब कार्रवाई चाहते हैं।
निर्मला यादव के दामाद तुषार काकड़े ने कहा कि मेधा खोले ने एक फर्जी मुकदमा दर्ज कराया है, जबकि मेरी सास निर्मला यादव द्वारा जातीय उत्पीड़न और बदतमीजी की दर्ज की गई शिकायत बिल्कुल सही है। मैं चाहता हूं पुलिस इस मामले में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करे।
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