अगली बारी प्रेम के प्रतीक शाहजहां के ताज को बेचने की, देश के गौरव की निशानी है लालकिला, इतिहास में ऐसा हुआ है पहली बार, ऐसा कदम तो उन अंग्रेजों ने भी नहीं उठाया था जो देश को लूटने और बेच खाने के लिए आए थे....
जनज्वार, दिल्ली। शाहजहां का लालकिला अब हो जाएगा डालमिया भारत ग्रुप लालकिला के नाम से जाना जाएगा, ऐसा इसलिए क्योंकि केंद्र की मोदी सरकार ने मात्र 25 करोड़ रुपए में लालकिला डालमिया ग्रुप के हवाले कर दिया है।
देश के ऐतिहासिक धरोहरों में लाल किले का नाम प्रमुखता से आता है। लेकिन अब लालकिला को एक बड़े कॉरपोरेट हाउस डालमिया ग्रुप ने अपना बना लिया है। यह डील 25 करोड़ रुपए में हुई है। इसी के साथ डालमिया ग्रुप इस ख्यात ऐतिहासिक स्मारक को गोद लेने वाला भारत का पहला कारपारेट हाउस बन गया है।
मीडिया में आ रही जानकारी के मुताबिक लालकिले को 5 साल के लिए अपने हवाले करने वालों की दौड़ में इंडिगो एयरलाइंस और जीएमआर ग्रुप भी शामिल थे। कहा जा रहा है कि डालमिया ग्रुप को यह कॉन्ट्रैक्ट सरकार की ऐतिहासिक स्मारकों को गोद देने की स्कीम 'एडॉप्ट ए हेरिटेज' के तहत दिया गया है।
गौरतलब है कि पिछले साल 15 अगस्त को ही प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में इस तरफ इशारा कर दिया था कि केंद्र की भाजपा सरकार लालकिले समेत अन्य ऐतिहासिक धरोहरों को सिक्योरिटी एजेंसियों के हवाले करेगी, कहा गया कि इससे इनका रखरखाव बेहतर होगा।
मगर सवाल है कि सरकार क्या ऐतिहासिक धरोहरों का रखरखाव खुद नहीं कर सकती है, जो इसे कॉरपोरेट घरानों को सौंपा जा रहा है। अब तक इनका रखरखाव कैसे हो रहा था, जो मोदी सरकार में यह नौबत आ पड़ी है कि गौरव के प्रतीकों को बेचा जाने लगा है।
मीडिया में खबरें यह भी आ रही हैं कि इसके बाद मोदी सरकार ताजमहल को किसी कॉरपोरेट घराने को सौंपेगी। डील के मुताबिक ग्रुप को 6 महीने के भीतर लालकिले में बेसिक सुविधाएं देनी होंगी।
बेसिक सुविधाओं में पीने के पानी की सुविधा, स्ट्रीट फर्नीचर जैसी सुविधाएं शामिल हैं। एक साल के भीतर डालमिया ग्रुप को टेक्टाइल मैप, टायलेट अपग्रेडेशन, रास्तों पर लाइटिंग, बैटरी से चलने वाले व्हीकल, चार्जिंग स्टेशन और एक कैफेटेरिया बनाना होगा, जिसके लिए डालमिया ग्रुप पर्यटकों से पैसे वसूलेगा। अभी तक जो भी पर्यटक वहां घूमने जाते थे उनके लिए टिकट का एक न्यूनतम चार्ज लगता था, अब यह डालमिया ग्रुप के हाथ में है कि वह कितना पैसा वसूलता है। यही नहीं डालमिया लालकिले के अंदर अपने ब्रांड का प्रचार प्रसार तो कर ही पाएगा, उसके साथ ही ब्रांडिंग का उपयोग भी कर सकता है।
लालकिले को ठेके पर देने के बाद अब विश्व की ऐतिहासिक धरोहर में शुमार मुमताज और शाहजहां के प्रेम के प्रतीक ताजमहल को बेचने की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। 'एडॉप्ट ए हेरीटेज' के नाम पर शाहजहां के ताज को जल्द ही किसी कॉरपोरेट घराने को सौंप दिया जाएगा। इसके लिए जीएमआर स्पोर्ट्स और आईटीसी दौड़ में हिस्सेदार हैं। सरकार इनमें से किसी एक ग्रुप को ताजमहल सौंप देगी।
लालकिले और ताजमहल के अलावा देशभर के 100 ऐतिहासिक स्मारकों को सरकार इसी तरह किसी न किसी ग्रुप को सौंप देगी। इनमें कांगड़ा फोर्ट, सती घाट, कोणार्क समेत कई ऐतिहासिक स्थल शामिल हैं, जो अब किसी न किसी कॉरपोरेट घराने के हवाले हो जाएंगे।