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न्यायाधीश की नियुक्ति पर सवाल उठाने वाली याचिका पर 20 लाख का जुर्माना

Janjwar Team
25 Aug 2017 12:04 AM GMT
न्यायाधीश की नियुक्ति पर सवाल उठाने वाली याचिका पर 20 लाख का जुर्माना
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सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश खेहर ने याचिका को बताया लोकप्रियता का स्टंट, याचिकाकर्ताओं के पास नहीं था कोई संतोषजनक जवाब

जनज्वार, दिल्ली। देश के होने वाले की अगले न्यायाधीश के नियुक्ति पर सवाल उठाने वाले दो याचिकाकर्ताओं पर आज सुप्रीम कोर्ट ने 10-10 लाख जुर्माना लगाया है और जुर्माने की रकम प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा करने के आदेश दिए हैं।

विवादों में रहने वाले और बिग बाॅस के भागीदार रह चुके बाबा स्वामी ओम और दिल्ली की एक अल्यूमिनियम फैक्ट्री के मालिक मुकेश जैन ने संयुक्त रूप से नए मुख्य न्यायाधीश के नियुक्ती पर सवाल उठाती याचिका सर्वोच्च अदालत में जारी की थी।

याचिका में 28 अगस्त को अगले सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ लेने वाले दीपक मिश्रा की नियुक्ती को गलत बताया गया था। कहा गया था कि उनकी दीपक मिश्रा को मुख्य न्यायाधीश बनाते वक्त नियुक्ती प्रक्रिया में मानकों की अवहेलना की गयी है।

याचिकाकर्ता के रूप में पेश हुए स्वामी ओम का कहना था कि संविधान के आर्टिकल 124 के तहत चीफ जस्टिस की नियुक्ति हाईकोर्ट और अन्य जजों की सलाह पर राष्ट्रपति कर सकता है। उसमें यह कहीं नहीं लिखा है कि सेवानिवृत्त होने जा रहे मुख्य न्यायाधीश नए जज का नाम प्रस्तावित कर दें।

इस संवेदनशील मामले की सुनवाई खुद सर्वोच्च न्यायालय के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर कर रहे थे। खेहर 27 अगस्त को भारत के मुख्य न्यायाधीश के पद से मुक्त हो जाएंगे।

सुनवाई कर रहे जस्टिस खेहर ने अपीलकर्ताओं से जानना चाहा कि किस आधार पर वह जस्टिस दीपक मिश्रा की नियुक्ति पर सवाल उठा रहे हैं। पर दोनों ही अपीलकर्ता ओम जी और मुकेश दोनों ही कोई जानकारी अदालत को नहीं दे पाए कि किस आधार पर वह नए जज की नियुक्ती पर सवाल उठा रहे हैं।

ऐसे में फैसला देेते हुए जस्टिस खेहर ने कहा, ‘न्यायमूर्ति मिश्रा का न्यायाधीश के रूप में लंबा कार्यकाल है और याचिकाकर्ता उनके खिलाफ कोई आरोप नहीं बता रहे, इसलिए अदालत इसे लोकप्रियता का स्टंट मानते हुए याचिका खारिज करती है और दोनों याचिकाकर्ताओं पर 10-10 लाख का जुर्माना करती है।’ स्वामी ओम ने जो आधार बताया उसे मुख्य न्यायाधीश ने लोकप्रियता का स्टंट बताया। नए मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति से केवल एक दिन पहले याचिका दाखिल करने को भी न्यायाधीश ने स्टंट का ही हिस्सा माना।

विवाद प्रिय माने जाने वाले बाबा ओम और फैक्ट्री मालिक मुकेश जैन दोनों को यह जुर्माना प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा करवाना है।

चंडीगढ़ हाईकोर्ट के वकील राजीव गोदारा कहते हैं, ‘किसी पर सवाल उठाने पर जवाब नहीं दे पाना गलत तो है, पर सवाल उठाने वालों पर 10-10 लाख का जुर्माना करने को न्यायपूर्ण नहीं कहा जा सकता।’

गौरतलब है कि 28 अगस्त को देश के अगले मुख्य न्यायाधीश की शपथ लेने जा रहे दीपक मिश्रा पर पहले भी सवाल उठते रहे हैं। यह दीगर बात है कि तब किसी पर जुर्माना नहीं हुआ।

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