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संस्कृति

कर्ज लेकर उपचार कराने को मजबूर उत्तराखण्ड का लोकगायक

Janjwar Team
27 July 2017 5:35 PM GMT
कर्ज लेकर उपचार कराने को मजबूर उत्तराखण्ड का लोकगायक
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बेहद निर्धनता में जीवन-यापन करने वाले हीरा सिंह राणा के उपचार में आने वाले खर्च को उनके रिश्तेदार आपसी सहयोग से पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन सरकार अथवा संस्कृति का रोना रोने वाले किसी संगठन ने आगे आकर उनकी मदद का कोई प्रयास नहीं किया है...

सलीम मलिक

रामनगर, उत्तराखण्ड। संस्कृति व कला से लगाव रखने वालों के लिये यह खबर आहत करने वाली है कि एक संस्कृतिकर्मी कर्जे में अपना उपचार करा रहा है। उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध लोकगायक हीरासिंह राणा रामनगर स्थित एक निजी चिकित्सालय में अपना उपचार करा रहे हैं, मगर किसी ने उनकी सुध नहीं ली।

यह खबर प्रदेश में संस्कृति-कला के संरक्षण के नाम पर वारे-न्यारे करने वालों की तो पोल खोल ही रही है, वहीं प्रदेश सरकार के मुंह पर भी एक तमाचा है। रामनगर के एक निजी चिकित्सालय में बीते पांच दिन से अपने कूल्हे ही हड्डी का करा रहे उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध लोकगायक हीरासिंह राणा की किसी सांस्कृतिक संगठन ने अथवा राज्य सरकार ने कोई सुध नही ली। संस्कृतिकर्मी की उपेक्षा का आलम यह है कि पहले तीन दिन तक को स्थानीय प्रशासन व राजनीतिक दल का कोई प्रतिनिधि उनकी खैर-खबर तक लेने नहीं पहुंचा था।

गौरतलब है कि शनिवार, 23 जुलाई को राज्य के मशहूर लोकगायक हीरासिंह राणा अपने डंडोली, मानिला सल्ट स्थित निवास पर बाथरूम में गिरकर जख्मी हो गये थे। रिश्तेदारों व परिचितों की मदद से राणा को रामनगर के एक निजी चिकित्सालय में उपचार के लिये भर्ती कराया गया है।

बेहद निर्धनता में जीवन-यापन करने वाले हीरा सिंह राणा के उपचार में आने वाले खर्च को उनके रिश्तेदार आपसी सहयोग से पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन सरकार अथवा संस्कृति का रोना रोने वाले किसी संगठन ने आगे आकर उनकी मदद का कोई प्रयास नहीं किया है।

उत्तराखण्ड परिवर्तन पार्टी के प्रभात ध्यानी द्वारा सोशल मीडिया पर राणा का हाल डालने के बाद सकपकाई राज्य सरकार ने स्थानीय विधायक दीवान सिंह बिष्ट को राणा के सम्पर्क में रहने को तो कहा है, लेकिन विधायक भी महज एक बार राणा का हाल-चाल लेने के बाद दुबारा नहीं पलटे हैं।

हालांकि विधायक ने राणा के उपचार के पूरा खर्चा राज्य सरकार द्वारा उठाये जाने का ऐलान किया है, लेकिन अभी तक जिस चिकित्सालय में उनका उपचार चल रहा है, वहां किसी प्रकार की मदद नहीं पहुंची है।

ध्यानी के सोशल मीडिया एकाउंट पर राणा की चर्चा शुरू होते ही स्थानीय एसडीएम ने भी चिकित्सालय में जाने की औपचारिकता पूरी की, लेकिन इमदाद के नाम पर उनके भी हाथ बंधे रहे। यह हाल तब है जबकि स्वयं हीरासिंह राणा का बकाया पैसा राज्य सरकार के संस्कृति विभाग के पास निकल रहा है।

हालांकि भाजपा नेता गणेश रावत कहते हैं कि हीरासिंह राणा प्रदेश की धरोहर हैं। राणा के कूल्हे की हड्डी टूटी है, उनका कूल्हे का आॅपरेशन हुआ है, जिसके लिये सरकार से मदद की अपील की गई है। उम्मीद है समय रहते सरकार द्वारा पैसा रिलीज कर दिया जायेगा। लोकगायक के उपचार के लिये किसी प्रकार की कोई कमी नहीं रहने दी जायेगी, देखना है राणा को यह मदद कब तक मुहैया करायी जाती है।

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