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राजनीति

JDU अध्यक्ष ललन सिंह ने PM मोदी को क्यों बोला नकली OBC, गुजरात का CM बनने पर अपनी जाति को सवर्ण से पिछड़े वर्ग में डाला ?

Janjwar Desk
15 Oct 2022 9:01 AM GMT
JDU अध्यक्ष ललन सिंह ने PM मोदी को क्यों बोला नकली OBC, गुजरात का CM बनने पर अपनी जाति को सवर्ण से पिछड़े वर्ग में डाला ?
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JDU अध्यक्ष ललन सिंह ने PM मोदी को क्यों बोला नकली OBC, गुजरात का CM बनने पर अपनी जाति को सवर्ण से पिछड़े वर्ग में डाला ?

PM Modi Cast Controversy : ललन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहरूपिया हैं, बहरूपिया जैसे 12 दिन में 12 रूप दिखाता है, मोदी भी ठीक वैसे ही हैं, मगर पिछड़े समाज के लोगों के बीच आकर इनका चेहरा बेनकाब हो गया है, वे घूम-घूमकर खुद को पिछड़ा वर्ग का बताते हैं, जबकि वे वास्तविक में पिछड़ा हैं ही नहीं...

PM Modi Cast Controversy : जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक बार फिर से जोरदार हमला बोला है। बता दें कि ललन सिंह शुक्रवार को पटना स्थित जेडीयू कार्यालय में एक मिलन समारोह में कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। ललन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहरूपिया हैं। उन्होंने कहा है कि बहरूपिया जैसे 12 दिन में 12 रूप दिखाता है, मोदी भी ठीक वैसे ही हैं। मगर पिछड़े समाज के लोगों के बीच आकर इनका चेहरा बेनकाब हो गया है। वे घूम-घूमकर खुद को पिछड़ा वर्ग का बताते हैं, जबकि वे वास्तविक में पिछड़ा हैं ही नहीं। ललन सिंह ने कहा कि मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के बाद अपनी जाति को पिछड़ा वर्ग में शामिल कर दिया था इसलिए वे वास्तविक में ओबीसी हैं ही नहीं।

पीएम मोदी ने कहीं पर भी चाय नहीं बेची

इसके साथ ही ललन सिंह ने कहा कि पीएम मोदी ने कहीं पर भी चाय नहीं बेची, बल्कि ढोंग कर रहे हैं। वे चुनाव जीतने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। उन्हें बीते आठ साल के कामों का हिसाब देना चाहिए। काम के नाम पर कुछ नहीं हुआ है।उन्होंने भाजपा पर आरक्षण खत्म करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पटना उच्च न्यायालय द्वारा हाल ही में दिया गया शहरी निकाय चुनावों को लेकर आदेश, भाजपी की साजिश का परिणाम था। बता दें कि हाल ही में पटना उच्च न्यायालय ने राज्य में शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी, ईबीसी के लिए आरक्षण को अवैध घोषित किया गया था।

ललन सिंह ने PM मोदी को क्यों बोला नकली OBC

बता दें कि जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नकली ओबीसी बताया है। हालांकि, ये कोई पहली बार नहीं है जब मोदी की जाति पर इस तरह के सवाल उठाए गए हैं। इससे पहले मई 2014 में कांग्रेस नेता शक्तिसिंह गोहिल ने भी मोदी पर आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री बनने के बाद राजनीतिक फायदे के लिए उन्होंने अपनी जाति को ओबीसी की लिस्ट में शामिल कर दिया। सिर्फ शक्तिसिंह ही नहीं बल्कि बिहार के मुख्यमंत्री और अब एनडीए का हिस्सा जदयू के प्रमुख नीतीश कुमार भी मोदी के ओबीसी होने पर सवाल खड़े कर चुके हैं।

PM मोदी खुद को बताते है पिछड़ी जाति का

नरेंद्र मोदी गुजरात की मोड घांची जाति से आते है। अपने पिछड़ी जाति के होने को वे लगातार मेडल की तरह पहनते हैं और इसका जिक्र करना वे कभी नहीं भूलते। उनका ऐसा कहना शायद उन्हें देश की उस पिछड़ी आबादी से जोड़ता है, जिसकी संख्या देश की आबादी का 52 प्रतिशत है। ये आंकड़ा दूसरे राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग यानी मंडल कमीशन का है। चूंकि देश में 1931 के बाद एससी-एसटी के अलावा बाकी जाति समूहों की जनगणना नहीं हुई, इसलिए ओबीसी की संख्या के बारे में 1931 के आंकड़ों से ही काम चलाया जाता है। 2011 से 2016 के बीच हुई सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए गए।

2002 में मोढ घांची को ओबीसी किया सूची में शामिल

इससे पहले 2014 में गुजरात कांग्रेस के नेता शक्तिसिंह गोहिल ने मोदी पर आरोप लगाया कि वह पिछड़ी जाति के नही हैं। गोहिल ने कहा कि मोदी 2001 में मुख्यमंत्री बने और राजनीतिक लाभ लेने के लिए 2002 में अपनी जाति को पिछड़ी जाति में डाल दिया। गोहिल ने गुजरात सरकार के 2002 के एक सर्कुलर का हवाला देते हुए कहा कि मोदी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद अपनी जाति को ओबीसी श्रेणी में शामिल कराने के लिए कुछ जोड़तोड़ की है। उन्होंने कहा था कि मोदी गुजरात राज्य के अमीर और समृद्ध मोढ घांची जाति से हैं। इस बिरादरी को मोदी के मुख्यमंत्री बनने से पहले ओबीसी सूची में कभी शामिल नहीं किया गया था।

इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि मोदी ने गुजरात सरकार की व्यवस्था को अपने फायदे के लिए बदला है। मोढ घांची समाज को ओबीसी सूची में डालने की कभी कोई मांग नही थीं पर खुद को पिछड़ी जाति का बताकर वोट बैंक की पॉलिटिक्स कर सकें इसलिए उन्होने खुद को पिछड़ा बना दिया।

जानकारी के लिए आपको बता दें कि 1 जनवरी, 2002 को गुजरात सरकार की ओर से मोढ घांची को ओबीसी सूची में शामिल करने की घोषणा की गई थी। तब वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री थे।

BJP के जाति विवाद पर अलग है दावे

कांग्रेस के आरोप के जवाब में गुजरात सरकार ने दो दशक पुरानी एक अधिसूचना का जिक्र किया था, जो कहती है कि मोढ घांची (तेली) जाति को अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल किया गया है। उस समय राज्य सरकार के प्रवक्ता नितिन पटेल ने कहाथा कि 'गुजरात सरकार के समाज कल्याण विभाग ने 25 जुलाई 1994 को एक अधिसूचना जारी की थी जो 36 जातियों को ओबीसी श्रेणी में शामिल करती थी और इसमें संख्या 25 (ब) में मोढ घांची जाति का जिक्र है, इस जाति को ओबीसी में शामिल किया गया है।'

जानिए कौन है मोढ घांची

जानकारी के लिए बता दें कि घांची जिन्हें अन्य राज्यों में साहू या तेली के नाम से जाना जाता है, पुश्तैनी तौर पर खाद्य तेल का व्यापार करने वाले लोग हैं। गुजरात में हिंदू और मुस्लिम दो धर्मों को मानने वाले घांची हैं. इनमें से उत्तर पूर्वी गुजरात में मोढेरा से ताल्लुक रखने वालों को मोढ घांची कहा जाता है। गुजरात के गोधरा हत्याकांड में पकड़े गए ज्यादातर लोग घांची मुसलमान थे।

मोदी के कहने पर मोढ घांची जाति को OBC में डाला गया ?

बीजेपी का और गुजरात सरकार का कहना है कि 1994 में ही मोढ जाति को पिछड़े वर्ग की सूची में शामिल किया गया था पर सवाल यह है कि अगर मोदी की जाति ओबीसी सूची में आती थी तो फिर सरकार ने 2002 में यह परिपत्र क्यों जारी किया? 'बीबीसी हिंदी' की एक रिपोर्ट के अनुसार गुजरात के एक अधिकारी का कहना है कि उस समय समस्या यह थी कि जब घांची समाज को ओबीसी सूची में डाला तब उसकी सभी उपजाति को भी उसमें शामिल कर देना चाहिए था पर ऐसा नही हुआ, इसलिए गुजारत सरकार ने एक नया परिपत्र जारी करके मोढ घांची का उसमें शामिल कर लिया। जब उनसे पूछा जाता है कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद ही परिपत्र जारी किया गया था तो क्या यह मोदी के कहने पर किया गया था तो इस सवाल पर वो चुप्पी साधते हुए नजर आते हैं।

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