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राजनीति

बिहार : जदयू नेता की चोरी हुई स्कॉर्पियों बरामद, भाजपा सांसद के बेटे पर आरोप

Janjwar Desk
6 Sep 2021 2:30 AM GMT
बिहार : जदयू नेता की चोरी हुई स्कॉर्पियों बरामद, भाजपा सांसद के बेटे पर आरोप
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जदयू नेता कामेश्वर सिंह ने पिछले महीने 22 अगस्त को सारण जिले के मशरक थाने में गाड़ी चोरी होने की एफआईआर दर्ज करायी थी....

जनज्वार। बिहार के सारण जिले के जदयू नेता कामेश्वर सिंह के घर से चोरी हुई स्कॉर्पियों को पुलिस ने कर्नाटक की एक एजेंसी से बरामद किया है। इस गाड़ी का इस्तेमाल करने का आरोप महाराजगंज से भाजपा सांसद जनार्दन सिंह सीग्रीवाल के बेटे पर लगा है। वहीं सांसद बेटे पर लगे आरोप को खारिज कर रहे हैं।

सारण के एसपी संतोष कुमार ने पुष्टि की है कि गाड़ी की कर्नाटक से बरामदगी की गई है। हालांकि उन्होंने सांसद के बेटे पर लगे आरोपों के बारे में फिलहाल कुछ भी कहना से इनकार कियाहै। उनका कहना है कि छानबीन केबाद ही सही जानकारी दी जाएगी।

जानकारी के मुताबिक जदयू नेता कामेश्वर सिंह ने पिछले महीने 22 अगस्त को सारण जिले के मशरक थाने में गाड़ी चोरी होने की एफआईआर दर्ज करायी थी। एफआईआर में उन्होंने बताया था कि 20 लाख रुपये से ज्यादा कीमत की गाड़ी उनके गोपालवाड़ी गांव स्थिति आवास से चोरी की गई थी। जिसका नंबर बीआर 04 पीए 5356 है। चोरी की एफआईर में में अज्ञात लोगों को आरोपित किया गया था। मामले के छानबीन का जिम्मा एसआई अरूण प्रकाश को सौंपी गई।

इसके बाद जब जांच शुरु हुई तो पता चला की भाजपा सांसद के बेटे इस गाड़ी की सवारी कर रहे हैं। फिर जैसे ही जांच आगे बढ़ी तो यह भी खुलासा हो गया कि गाड़ी बिहार में नहीं कर्नाटक में है। पुलिस ने लोकेशन को ट्रेस किया तो पता चला कि चोरी की गई गाड़ी बेंगलुरु के जयनगर थाना क्षेत्र के राजाजी नगर में है। गाड़ी कामेश्वर सिंह के बेटे संजय सिंह के नाम से है।

गाड़ी के कर्नाटक में मिलने की सूचना मिलते ही संजय खुद मशरक पुलिस के साथ गाड़ी लेने गए। हालांकि मशरक पुलिस जब बेंगलुरु के राजाजी नगर पहुंची तो स्कॉर्पियो गाड़ी डॉ. सचिन कुंद्रा की एजेंसी से लावारिस हालत में मिली। फिर पुलिस और संजय सिंह वहां से गाड़ी बरामद कर छपरा लौट आए। गाड़ी अभी भी मशरक थाने में ही खड़ी हुई है।

वहीं सांसद सीग्रावाल ने अपने बेटे के ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि उनका बेटा बेंगलुरु में नहीं, मैसूर में मेडिकल की पढ़ाई करता है। यह सही है कि चुनाव प्रचार के दौरान पिछले साल सत्रह अगस्त को कामेश्वर सिंह ने गाड़ी दी थी और अब साजिश के तहत बेबुनियाद आरोप लगाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि गाड़ी के मामले में दोनों नेताओं के बीच की आंतरिक बातों की भी पुलिस छानबीन में जुटी है।

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