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राजनीति

Farmer Bill Repealed : सचिन पायलट का मोदी पर आरोप, कहा राजनीतिक नफा-नुकसान आंकने के बाद वापस लिया गया कृषि बिल

Janjwar Desk
23 Nov 2021 3:46 PM GMT
Farmer Bill Repealed : सचिन पायलट का मोदी पर आरोप, कहा राजनीतिक नफा-नुकसान आंकने के बाद वापस लिया गया कृषि बिल
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(सचिन पायलट) File photo

Farmer Bill Repealed : सचिन पायलेट ने कहा कि 'भारत के इतिहास में किसानों की ओर से इतना लंबा आंदोलन नहीं देखा गया। यह एक साल तक चला अगर कानूनों को वापस ही लेना था तो लोगों की जान और जीविका को नुकसान पहुंचाने की क्या जरूरत थी।

Farmer Bill Repealed : केंद्र सरकार ने बीते शुक्रवार को तीनों विवादस्पद कृषि बिल को वापस लेने की घोषणा की थी। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो जनता और विभिन्न राजनितिक दलों में यह चर्चा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगामी उत्तर प्रदेश के चुनाव में हार के डर से और किसानों के गुस्से को देखते हुए तीनों कृषि बिल वापस ले लिया है। अब इसी कड़ी में कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भी अपने विचार सामने रखे है। उनका भी मानना है कि सरकार ने चुनाव के चलते ही कृषि बिलों को वापस लेने का फैसला किया है। दरअसल तीनों कृषि बिल वापसी के फैसले पर कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने मंगलवार 23 नवंबर को समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा के साथ इंटरव्यू में कहा कि 'उपचुनावों में हार और आने वाले विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन की आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया है।' इसके साथ ही सचिन पायलट ने यह भी कहा है कि किसान एक फैसले से राजी नहीं होने वाले हैं। सचिन पायलट ने दावा किया है कि अन्नदाताओं का भरोसा मोदी सरकार से उठ चुका है।

एमएसपी की कानूनी गारंटी देना चाहिए

राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रस नेता सचिन पायलट ने इंटरव्यू में कहा कि 'मोदी सरकार को न सिर्फ न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देनी चाहिए बल्कि उपज की खरीद सुनिश्चित करने के लिए भी कोई नियमन या कानून बनाना चाहिए।' पायलट ने यह भी कहा कि अब मोदी सरकार चाहे कुछ भी करे। किसानों के मन की पीड़ा खत्म करने में बहुत देर हो चुकी है।

सचिन पायलेट ने कहा कि 'भारत के इतिहास में किसानों की ओर से इतना लंबा आंदोलन नहीं देखा गया। यह एक साल तक चला अगर कानूनों को वापस ही लेना था तो लोगों की जान और जीविका को नुकसान पहुंचाने की क्या जरूरत थी।' साथ ही पायलट ने कहा कि 'किसानों को नक्सलवादी, अलगाववादी और आतंकवादी तक कहा गया। मंत्री के रिश्तेदारों ने लोगों पर गाड़ियां चढ़ा दीं।'

राजनीतिक फायदे के लिए लिया गया फैसला

राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने सवाल किया कि 'अगर किसानों को लेकर इतनी कटुता थी तो फिर सरकार ने कानूनों को वापस लेने की घोषणा क्यों की? पायलट ने कहा कि 'निश्चित तौर पर राजनीतिक नफा-नुकसान का आकलन करने के बाद यह निर्णय लिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत सप्ताह तीनों कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की।' उन्होंने कहा कि संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में इसके लिए विधायी प्रक्रिया भी पूरी होगी। पायलट ने आरोप लगाया कि कानून बनाने की घोषणा से पहले किसान संगठनों के साथ कोई बातचीत नहीं की गई। संसद में 'प्रचंड बहुमत' के बल पर इन कानूनों को किसानों पर थोप दिया गया। किसानों का गला घोंट दिया गया। कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि किसान इस सरकार को हमेशा संदेह की नजर देखेंगे। हमारे ऊपर किसानों का कर्ज है जो इस देश को अन्न मुहैया कराते हैं।

किसान यह साल नहीं भूलेंगे

मीडिआ रिपोर्ट्स के अनुसार जब इंटरव्यू के दौरान सचिन पायलट से पूछा गया कि कृषि कानूनों पर पीछे हटने से भाजपा को आगामी चुनावों में कोई फायदा होगा तो इस सवाल पर पायलट ने कहा कि गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र ने इस्तीफा नहीं दिया है। किसानों पर दर्ज किए गए मामले अब भी मौजूद हैं। लोगों ने अपने प्रियजन को खोया है। ऐसे में वो लोग उस साल को कैसे भूल सकते हैं। जिसमें उन्हें इन सबसे गुजरना पड़ा। साथ ही सचिन पायलट ने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि हमें किसानों के आंदोलन का राजनीतिकरण करना चाहिए लेकिन आखिरकार भारत के लोग जानते हैं कि ये कानून किसानों की मदद के लिए नहीं बल्कि दूसरे समूहों के लिए थोपे गए थे।

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