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राजनीति

Haryana : ये क्या हो रहा है, गांधी को गाली देने वाले कालीचरण की गुरुग्राम के लोग कर रहे हैं रिहाई की मांग, 2022 का क्या इस तरह करेंगे वेलकम?

Janjwar Desk
1 Jan 2022 3:48 AM GMT
Haryana : ये क्या हो रहा है, गांधी को गाली देने वाले कालीचरण की गुरुग्राम के लोग कर रहे हैं रिहाई की मांग, 2022 का क्या इस तरह करेंगे वेलकम?
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प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे गुड़गांव जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष कुलभूषण भारद्वाज भाजयुमो गुरुग्राम के जिलाध्यक्ष भी रह चुके हैं। 

गुड़गांव जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष कुलभूषण भारद्वाज ने कहा कि हम गांधी के खिलाफ संत कालीचरण द्वारा की गई टिप्पणी का पुरजोर समर्थन करते हैं। हम निंदा करते हैं कि छत्तीसगढ़ सरकार ने उन्हें कैसे गिरफ्तार किया। जब धर्म के आधार पर देश का विभाजन हुआ तो गांधी ने इसका विरोध क्यों नहीं किया?

गुरुग्राम। नव वर्ष 2022 का आगाज हो चुका हैं। कोरोना महामारी के बीच दुनिया भर के लोगों ने नए साल को दिल खोलकर स्वागत किया है। सभी एक-दूसरे को बधाई दे रहे है। इस बीच हरियाणा के गुरुग्राम जिले से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ( Mahatma Gandhi ) को गाली देने वाले कालीचरण ( Kalicharan ) की मांग उठी है। खुले में नमाज के विरोधी हिंदू संगठन ( Hindi Sangathan ) के लोगों ने कालीचरण के समर्थन में प्रदर्शन ( Protest ) किया और रिहाई की मांग की। प्रदर्शन के दौरान दक्षिणपंथी संगठनों के कार्यकर्ता कह रहे थे "गोडसे ने देश बचाया" और "गोडसे अमर रहे" जैसे भड़काऊ नारे भी लगाए। ये सब हरियाणा की पुलिस ( Haryana Police ) चुपचाप देखती रही। बता दें कि हरियाणा में भाजपा सरकार है।

गुरुग्राम पुलिस सिर्फ मूकदर्शक बनी रही। विरोध प्रदर्शन करने वालों में बजरंग दल, हिंदू सेना और गौ रक्षक दल के सदस्य भी शामिल थे।

कालीचरण की गिरफ़्तारी के विरोध में निकाले गए विरोध मार्च का नेतृत्व संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति के कानूनी सलाहकार कुलभूषण भारद्वाज ने किया। यह करीब 22 स्थानीय संगठनों का एक समूह है जो हर शुक्रवार को गुड़गांव में सार्वजनिक स्थानों पर होने वाले नमाज को लेकर विरोध प्रदर्शन करता है। कुलभूषण भारद्वाज जिला भाजयुमो के जिलाध्यक्ष भी रह चुके हैं।

प्रदर्शन में पूर्व आरएसएस और भाजपा नेता नरेंद्र सिंह पहाड़ी भी शामिल थे। उन्होंने पिछले दिनों पटौदी में एक स्कूल में मनाए जा रहे क्रिसमस कार्यक्रम में व्यवधान उत्त्पन्न किया था। इसके अलावा संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति-हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष महावीर भारद्वाज भी इसमें शामिल थे। महावीर भारद्वाज ने हरिद्वार में आयोजित 'धर्म संसद' में भाग लिया था। कालीचरण सहित कई लोगों ने भड़काऊ भाषण दिए थे।

विरोध प्रदर्शन में शामिल रहे गुड़गांव जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष कुलभूषण भारद्वाज ने 2019 में जामिया मिलिया इस्लामिया के पास सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने वाले 19 वर्षीय आरोपी का बचाव किया था। कुलभूषण भारद्वाज ने कहा कि उन्होंने डीसी कार्यालय में राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा है और कालीचरण की "तत्काल रिहाई" की मांग की है।

कुलभूषण भारद्वाज ने कहा कि हम गांधी के खिलाफ संत कालीचरण द्वारा की गई टिप्पणी का पुरजोर समर्थन करते हैं और हम निंदा करते हैं कि छत्तीसगढ़ सरकार ने उन्हें कैसे गिरफ्तार किया। जब धर्म के आधार पर देश का विभाजन हुआ तो गांधी ने इसका विरोध क्यों नहीं किया? देश के विभाजन को स्वीकार करने में उनकी भूमिका के लिए यह देश गांधी को कभी माफ नहीं करेगा। हिंदू समाज जाग गया है और हम अपने संतों का कोई अपमान स्वीकार नहीं करेंगे।

भारद्वाज को 2020 में पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए भाजपा से निलंबित कर दिया गया था और वे पिछले कुछ समय से गुड़गांव के सेक्टर 47 और सेक्टर 12 में खुली जगहों पर नमाज पढ़े जाने के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल रहे हैं। वे सेक्टर 12 ए में नमाज को बाधित करने के प्रयास को लेकर 29 अक्टूबर को गिरफ्तार भी किए गए थे, लेकिन बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया।

पहाड़ी निर्दलीय लड़ चुके हैं चुनाव

विरोध में शामिल रहे नरेंद्र पहाड़ी ने 2019 का हरियाणा विधानसभा चुनाव पटौदी से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़ा था। नरेंद्र पहाड़ी ने शुक्रवार को हुए प्रदर्शन को लेकर कहा कि जब कोई हिंदू राष्ट्र और हिंदू हितों की बात करता है, तो तुरंत एफआईआर दर्ज हो जाती है और गिरफ्तारी होती है, जबकि अन्य लोगों को कुछ नहीं किया जाता है।

कालीचरण की गिरफ्तारी हिंदू समाज को चुनौती

वहीं हरिद्वार में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए महावीर भारद्वाज ने कहा कि कालीचरण की गिरफ्तारी हिंदू समाज को चुनौती देने का एक तरीका है। उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा जो कानून के अनुसार दंडनीय हो। कुछ देशद्रोहियों द्वारा बनाए गए दबाव के चलते उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। हिंदू समाज को ऐसी स्थिति में नहीं भड़काना चाहिए, जहां यह कानून-व्यवस्था का सवाल बन जाए।

प्रदर्शनकारियों ने एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि हम उन्हें गिरफ्तार करने वाले देश के किसी भी पुलिस अधिकारी को 22 लाख रुपए का इनाम देंगे। गुड़गांव में नमाज बाधित करने वालों में शामिल प्रवीण यादव ने कहा कि अधिकारियों ने ओवैसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। वे अपने भाषणों में हिंदुओं को धमका रहे हैं और भड़का रहे हैं।

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