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थाने में मौत के बाद घर के बाहर आदिवासी की लाश रखकर भाग गयी झारखंड पुलिस

Janjwar Desk
31 May 2021 8:09 AM GMT
थाने में मौत के बाद घर के बाहर आदिवासी की लाश रखकर भाग गयी झारखंड पुलिस
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झारखंड के इस आदिवासी युवक की पुलिस कस्टडी में हुयी थी मौत (file photo)

ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने दबाव बनाकर मृतक आदिवासी शख्स के परिजनों से सादा कागज पर करा लिये हैं हस्ताक्षर...

विशद कुमार की रिपोर्ट

जनज्वार। झारखंड के गढ़वा जिला अंतर्गत भंडरिया थाना के नवका गांव के भुरकादोहर टोला निवासी 48 वर्षीय किरपाल मांझी उर्फ पाला की पिछले 30 मई को पुलिस हिरासत में मौत हो गयी। किसी पुराने मामले में पूछताछ के लिए भंडरिया थाना की पुलिस 30 मई की सुबह आठ बजे कृपाल मांझी को थाना लायी थी।

भंडरिया पुलिस का कहना है कि किरपाल की मौत मिर्गी का दौरा पड़ने से हुई है, जबकि दूसरी ओर परिजनों का कहना है कि उन्हें मिर्गी की बीमारी थी ही नहीं। वहीं इस मामले में इलाज करने वाले डॉक्टर का कहना है कि बेहोशी की हालत में किरपाल मांझी को उनके पास लाया गया था, उसकी स्थिति गंभीर देख मैंने तत्काल रेफर किया गया था।

परिजनों का कहना है कि अगर किरपाल को रेफर किया गया था तो पुलिस उसके घर के चबूतरे पर रखकर क्यों चली गयी? ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने दबाव बनाकर परिजनों से सादा कागज पर हस्ताक्षर करा लिया है। दूसरी ओर एसपी श्रीकांत एस खोत्रे ने बताया है कि मामले की जांच करायी जायेगी और दोषी पर कार्रवाई होगी। थाना प्रभारी लक्ष्मीकांत ने कहा है कि थाने में मौत नहीं हुई है। एक पुराने मामले में किरपाल मांझी को पूछताछ के लिए उन्हें थाना लाया जा रहा था और रास्ते मिर्गी का दौरा पड़ा और तबीयत बिगड़ गई।

मामले पर अब तक यह खुलासा नहीं हो पाया है कि आखिर पुलिस किरपाल को गिरफ्तार कर क्यों ले गई? यह सवाल इसलिए भी कि किरपाल का किसी भी तरह का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। पुलिस भी साफ-साफ कुछ नहीं बता रही है। जब थाना प्रभारी लक्ष्मीकांत से फोन से बात करने की कोशिश की गई तो उनका मोबाईल बंद पाया गया।

दूसरी तरफ गांव वाले यह संभावना व्यक्त कर रहे हैं कि पिछले मार्च में गांव की ही एक विधवा महिला 45 वर्ष की हत्या हो गई थी। उसके पति की मौत तीन साल पहले हो गई थी। उसकी कोई संतान नहीं थी तथा उसका कोई रिश्तेदार भी नहीं था। वह अकेले रहती थी। हत्या के दिन उसे बाजार से लौटते हुए देखा गया था। उसके बाद उसकी लाश रेलवे ट्रैक के पास मिली थी। पुलिस इस मामले स्वतः संज्ञान में लेकर जांच कर रही थी। बताया जाता है कि किरपाल मांझी की पत्नी की मौत पांच साल पहले हो गई थी। किरपाल मांझीं के उस महिला से अच्छे रिश्ते थे। वह बराबर उसके यहां आया जाया करता था।

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