Begin typing your search above and press return to search.
समाज

आश्रम की सेवादार महिला की नाबालिग बेटी की आबरू पर ही हाथ डाला हनुमान मंदिर के महंत ने, पुलिस हिरासत में आते ही करने लगा बीमारी का नाटक

Janjwar Desk
29 Dec 2022 10:25 AM GMT
आश्रम की सेवादार महिला की नाबालिग बेटी की आबरू पर ही हाथ डाला हनुमान मंदिर के महंत ने, पुलिस हिरासत में आते ही करने लगा बीमारी का नाटक
x

आश्रम की सेवादार महिला की नाबालिग बेटी की आबरू पर ही हाथ डाला हनुमान मंदिर के महंत ने, पुलिस हिरासत में आते ही करने लगा बीमारी का नाटक

Mahant Sarjudas Maharaj Expose : गिरफ्तारी के बाद अब महंत को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। इसमें कई ऐसी आपराधिक घटनाएं भी शामिल हैं, जो अभी तक प्रकाश में नहीं आई थी....

Mahant Sarjudas Maharaj Expose : आश्रम में काम करने वाली सेविका की नाबालिग बेटी की आबरू पर हाथ डालने वाले काम पिपासु महंत को आठ थानों की पुलिस की मदद से गिरफ्तार कर लिया गया। यह गिरफ्तारी उसी तेज तर्रार पुलिस अधिकारी चंचल मिश्रा के नेतृत्व में हुई जिसने कुख्यात आशाराम बापू को गिरफ्तार कर उसे जेल की सलाखों में डाला था।

यौन शोषण के मामले में ​​​​​​राजस्थान के भीलवाड़ा के घोड़ास डांग के हनुमान मंदिर के महंत सरजूदास महाराज नाम का यह महंत उत्तराखंड के बद्रीनाथ सहित देशभर में पांच आश्रम चलाता था। इसकी गिरफ्तारी के बाद अब महंत को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। इसमें कई ऐसी आपराधिक घटनाएं भी शामिल हैं, जो अभी तक प्रकाश में नहीं आई थी। इस महंत को पॉक्सो एक्ट में केस दर्ज होने और उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत मिलने पर बुधवार 28 दिसंबर को पकड़ा गया था। गिरफ्तार महंत ने अपने कुकर्मों को धार्मिकता का पुट देते हुए इसे धर्म की हानि बताया है।

दरअसल एक नाबालिग और उसकी मां डांग का हनुमान मंदिर में ही काम करती थीं। पीड़िता के पिता ने दो शादी की थी। दूसरी शादी के बाद पीड़िता की मां गांव में ही अपनी बेटी के साथ रहने लगी थी। इस दौरान वे डांग का हनुमान मंदिर में काम करने लगी। पीड़िता भी अपनी मां के साथ आश्रम जाती थी। महंत ने पीड़िता की मां को गांव में एक घर भी बनवाकर दिया था। करीब एक साल पहले पीड़िता की मां ने आश्रम में काम करना छोड़ दिया था।

पीड़िता ने आरोपी के खिलाफ मांडल (भीलवाड़ा) थाने में 18 दिसंबर को अपने यौन शोषण की रिपोर्ट दर्ज करवाई, जबकि इससे पूर्व उसकी मां ने भी 6 दिसंबर को एसिड अटैक को लेकर महंत के खिलाफ शिकायत दी थी। महंत के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद प्राथमिक जांच में आरोप सही पाए जाने पर बुधवार 28 दिसंबर को 8 थानों की पुलिस ने सरजूदास को आश्रम से गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करते हुए महंत को पांच दिन के पुलिस रिमांड पर ले लिया है।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चंचल मिश्रा ने बताया कि सरजूदास के खिलाफ मांडल थाने में मामला दर्ज होने के बाद से ही पुलिस सक्रिय हो गई थी। पुलिस ने आश्रम में काम करने वाले कई लोगों और नाबालिग के साथ रहने वाले बच्चों से पूछताछ की थी। पुलिस ने जलगांव (महाराष्ट्र) स्थित आश्रम में रहने वाले एक युवक से भी इस मामले में पूछताछ की थी, जिसे नाबालिग ने महंत की ओर से किए यौन शोषण के बारे में बताया था। एसिड अटैक वाले मामले में भी पुलिस जांच कर रही है। महिला से मंदिर व महंत से जुड़ी दूसरी जानकारियां भी जुटाई गई हैं।

एसिड अटैक वाले मामले में भी पुलिस जांच कर रही है। महिला से मंदिर व महंत से जुड़ी दूसरी जानकारियां भी जुटाई गई हैं। चंचल मिश्रा वही पुलिस अधिकारी हैं जो कुख्यात आशाराम बापू को गिरफ्तार कर उसे जेल के सींखचों के पीछे धकेल चुके हैं। एएसपी मिश्रा ने बताया कि महंत की गिरफ्तारी से पहले पुलिस ने सावधानी बरतते हुए जांच को दो बार क्रॉस चेक किया था। पुख्ता सबूत मिलने के बाद ही बुधवार 28 दिसंबर को महंत को गिरफ्तार किया गया था।

हिरासत में किया जहर खाने का नाटक

एएसपी ने बताया कि महंत को थाने लाकर पूछताछ की गई तो इस दौरान उसने एक बीज मुंह में रख लिया था। महंत ने बताया कि ये सिर्फ सर्दी से बचाव के लिए बीज खाया है, लेकिन पुलिस अनहोनी की आशंका में उसे हॉस्पिटल लेकर गई और जांच करवाई। फिलहाल उसकी हालत सही है।

बड़ी संख्या में फंसा रखा था भक्तों को

पकड़े गए महंत के आश्रम में धार्मिक कार्यक्रमों का बड़ा आयोजन किया जाता है, जिसमें भीलवाड़ा के साथ दूसरे जिलों से भी लोग आते हैं। महंत सरजूदास आश्रम में अलग-अलग तरह से तपस्या कर लोगों को अट्रैक्ट करता था।

तीन साल पहले विवादों में आया था महंत

महंत सरजूदास महाराज का नाम तीन साल पहले पहली बार विवादों में आया था। करेड़ा थाना क्षेत्र में स्थित चम्पा बाग चारभुजा नाथ मंदिर की जमीन पर कुछ ग्रामीणों ने सरजूदास द्वारा कब्जा किये जाने की शिकायत की थी। वहां से उनका कब्जा हटवाया था, जिसको लेकर महंत के खिलाफ करेड़ा थाने में मामला दर्ज करवाया गया था। मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है। इसके बाद से सरजूदास महाराज के भक्तों में भी दो फाड़ हो गए थे और अंदर ही अंदर उनका विरोध शुरू हो गया था।

देशभर में पांच आश्रम चलाता था महंत

भीलवाड़ा के घोड़ास गांव में डांग का हनुमान मंदिर के पहले महंत गोविंद गुरू थे। उनकी मौत के बाद संत रामदास आश्रम की गद्दी पर बैठे थे। साल 2007 में संत रामदास की मौत के बाद सरजूदास को डांग का हनुमान आश्रम की गद्दी पर बैठाया गया था। सरजूदास बचपन से ही संत रामदास के साथ रहने लग गए थे। सरजूदास की उम्र करीब 17 साल थी। तब उन्हें डांग का हनुमान मंदिर आश्रम से महाराष्ट्र जलगांव में स्थित आश्रम में भेज दिया गया था। उसके बाद 2007 में संत रामदास की मौत के बाद सरजूदास को डांग का हनुमान मंदिर सहित अन्य आश्रम की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। अभी सरजूदास के पास भीलवाड़ा के दो आश्रम के साथ, महाराष्ट्र के जलगांव, अयोध्या व बद्रीनाथ में स्थित आश्रम की जिम्मेदारी है।

Next Story

विविध