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सत्ता का विरोध किया तो 23 वर्षीय युवा को सरेआम लटकाया फांसी पर, खैरियत जानने पहुंची मां को हाथ में थमाया क​ब्रिस्तान का पता

Janjwar Desk
13 Dec 2022 1:29 PM GMT
सत्ता का विरोध किया तो 23 वर्षीय युवा को सरेआम लटकाया फांसी पर, खैरियत जानने पहुंची मां को हाथ में थमाया क​ब्रिस्तान का पता
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सत्ता का विरोध किया तो 23 वर्षीय युवा को सरेआम लटकाया फांसी पर, बेटे की खैरियत जानने पहुंची मां को हाथ में थमाया क​ब्रिस्तान का पता (photo : social media)

जिस युवा मजीदरेज़ा रहनावाद (Majid Reza Rahnavard) को फांसी पर लटकाया गया है, उसकी मां को भी लड़के की मौत के बाद फांसी दिए जाने की खबर दी गई, इतना ही नहीं मां को लड़के से मिलने के लिए क​ब्रिस्तान का पता थमा दिया गया...

सत्ताधारी शासन का विरोध करने पर ईरान सरकार ने 23 साल के एक लड़के को सरेआम फांसी पर लटका दिया। एक हफ्ते में सरकार की क्रूरता का यह दूसरा उदाहरण है। जिस लड़के को नए मामले में फांसी पर लटकाया गया है, उसकी मां को भी लड़के की मौत के बाद फांसी दिए जाने की खबर दी गई। इतना ही नहीं मां को लड़के से मिलने के लिए क​ब्रिस्तान का पता थमा दिया गया। जिस लड़के मीडिया में आई खबरों के मुताबिक सूली पर लटकाए जाने वाले लड़के का नाम मजीदरेज़ा रहनावाद (Majid Reza Rahnavard) को फांसी पर लटकाया गया है, वह लड़का ईरान में चल रहे सत्ता-विरोधी आंदोलन से जुड़ा हुआ था।

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक सूली पर लटकाए जाने वाले लड़के का नाम मजीदरेज़ा रहनावाद था। जिसे ईरान के मशहद शहर में 12 दिसंबर की सुबह उसे फांसी दी गई है। मजीदरेज़ा पर अर्धसैनिक बल के दो सैनिकों की हत्या के आरोप थे। अदालत ने उसे इस मामले में दोषी पाया और 'अल्लाह के ख़िलाफ़ गद्दारी' का दोषी ठहराया था। गिरफ़्तार होने के 23 दिन के अंदर ही रहनावाद को फांसी दे दी गई।

बता दें कि ईरान में इससे पहले भी मोहसीन शेख़ारी नाम के एक युवक को फांसी की सज़ा सुनाई गई थी। उस पर आरोप थे कि उसने त्रेहान में चक्काजाम के दौरान एक सैनिक पर हमला किया। एक हफ्ते के अंदर ईरान में इस प्रकार फांसी पर लटकाए जाने का यह दूसरा मामला है। ईरान ने सत्ताविरोधी आंदोलन के प्रति सरकार की क्रूरता चरम पर है। किसी भी आंदोलन को ईरान सरकार निर्दयता से कुचलने के साथ आंदोलनकारियों को दहशत फैलाने वाले ढंग से सजा देने के लिए कुख्यात है, जिस वजह से मानवाधिकार समूह बार-बार ईरानी सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि सरकार बिना किसी प्रक्रिया के, झूठे मुक़दमों में फंसाकर और दिखावटी सुनवाई कर प्रदर्शनकारियों को मौत की सज़ा दे रही है।

इस 23 साल के जिस युवक को फांसी पर लटकाए जाने की खबर आई है, उसकी बाबत यह भी पता चला है कि सरकार द्वारा युवक रहनवाद की सज़ा के बारे में उसकी मां तक को बताया तक नहीं गया था। सोशल मीडिया पर चल रही खबरों के मुताबिक मौत के कुछ दिन पहले रहनवाद की मां उनसे मिलने पहुंची थीं, तब भी उन्हें उनके बेटे को मिली सजा के बारे में नहीं बताया गया था। अलबत्ता फांसी के बाद परिवार को कब्रिस्तान का नाम और एक प्लॉट नंबर दे दिया गया।

जब परिजन वहां पहुंचे तो सुरक्षा एजेंट युवक के शरीर को दफ़ना रहे थे। विपक्ष के एक कार्यकर्ता ने ट्वीट किया कि सुबह 7 बजे एक अधिकारी ने परिवार को फोन किया और बताया कि "हमने तुम्हारे बेटे को मार दिया है और उसके शरीर को बेहेश-ए रज़ा कब्रिस्तान में दफ़न कर दिया है।" खबरों के अनुसार रहनवाद जिस मुक़दमे में आरोपी था, उसे उसके लिए उनकी पसंद का वक़ील नहीं मुहैया करवाया गया था। जो वक़ील सरकार की ओर से उन्हें दिया गया था, उसने बचाव में कुछ कहा नहीं।

न्यूज़ एजेंसी मिज़ान ने बताया कि रहनवाद को मशहद के नागरिकों के सामने फांसी दी गई। फांसी देने की कई तस्वीरें भी पोस्ट की गईं। तस्वीरों में एक व्यक्ति केबल से लटका हुआ है। ईरानी क्रूरता के बारे में कुछ ही दिन एक और यह ख़बर आई थी कि ईरानी पुलिस फ़ोर्स प्रदर्शनकारी महिलाओं को टारगेट कर रही है। ख़ास तौर पर निशाना लगाकर पेलेट गन से उनकी छाती, उनके चेहरे और प्राइवेट पार्ट्स पर छर्रे मारे जा रहे हैं। तब भी मानवाधिकार संगठनों ने उसकी केवल आलोचना ही की थी।

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