FACT CHECK : इंटरनेट पर पोर्न फिल्म देखेंगे तो यूपी पुलिस भेज देगी जेल, जानिये इस दावे का पूरा सच
दुनियाभर में पोर्न देखने के मामले में भारत तीसरे स्थान पर है, पहले नंबर अमेरिका और दूसरे नंबर ब्रिटेन है, इसके बाद कनाडा, जर्मनी, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, इटली, ब्राजील और दूसरे देशों का नंबर आता है....
साइबर क्राइम जर्नलिस्ट सुनील मौर्य का विश्लेषण
जनज्वार। अभी हाल में एक खबर खूब वायरल हुई। ये खबर थी उत्तर प्रदेश में अश्लील यानी पोर्न वेबसाइट (Porn Website) को इंटरनेट पर सर्च करने या देखने पर पुलिस को तुरंत जानकारी मिल जाएगी। इसके बाद पुलिस मैसेज (Porn Alert SMS) भेजकर अलर्ट करेगी। पहली बार चेतावनी दी जाएगी और दूसरी बार पोर्न वेबसाइट (Porn Website) देखने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ये खबर लगभग सभी ऑनलाइन मीडिया में आई। जिसके बाद ये भी सवाल उठने लगे कि क्या हमारी प्राइवेसी पर यूपी पुलिस की नजर रहेगी? हम इंटरनेट पर क्या सर्च करते हैं और क्या देखते हैं, इस पर पुलिस निगरानी करेगी? क्या ऐसा कोई कानून है?
ऐसे तमाम सवाल सोशल मीडिया पर उठाए गए। लेकिन यहां आपको बता दें कि यूपी पुलिस (UP Police) ने अश्लील यानी पोर्न वेबसाइट को लेकर कानूनी कार्रवाई करने की बात कही जरूर है लेकिन ये कानून सिर्फ बच्चों यानी चाइल्ड पोर्नोग्राफी (Child Pornography) के लिए है। मतलब ये कि अगर कोई इंटरनेट पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखता है या बच्चों से संबंधित कोई अश्लील वीडियो बनाकर इंटरनेट पर डालता है या फिर उसे कहीं और भेजता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। लेकिन अगर कोई सामान्य अश्लील या पोर्न वेबसाइट को लेकर कुछ सर्च करता है या देखता है तो ये कानून लागू नहीं होगा।
दरअसल, हमारे कानून आईटी एक्ट-67B में ये प्रावधान है कि अगर कोई चाइल्ड पोर्नोग्राफी में लिप्त है या इंटरनेट पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी वीडियो या फोटो को देखकर उसे बढ़ावा देता है ये कानूनन जुर्म है। लेकिन अडल्ट पोर्नोग्राफी को सिर्फ देखने को लेकर अभी कोई नियम नहीं है। और उत्तर प्रदेश पुलिस ने भी ऐसी कोई जानकारी नहीं दी है। लेकिन मीडिया में इस तरह की अफवाह फैलाई गई है।
यूपी पुलिस ने भी पोर्नोग्राफी पर वायरल हुए SMS का किया खंडन
यूपी पुलिस वीमेन पावर लाइन-1090 की तरफ से 12 फरवरी को एक नई योजना शुरू की गई थी। इस योजना का नाम है हमारी सुरक्षा। इस बारे में पुलिस ने मीडिया को बताया था कि महिला सुरक्षा के लिए 360 डिग्री डिजिटल चक्रव्यूह का रोडमैप तैयार किया गया है। इस अभियान में आर्टिशियल इंटेलिजेंस साइकोग्राफिक्स जैसी आधुनिक तकनीक का प्रयोग करते हुए चाइल्ड पोर्नोग्राफी से संबंधित इंटरनेट पर उपलब्ध सामग्री सर्च करने वालों को पॉप-अप मैसेज भेजा जाएगा।
यानी इस मैसेज में पुलिस ने स्पष्ट कर दिया था कि चाइल्ड यानी 18 साल से कम उम्र के लड़के या लड़की किसी की भी अश्लील फोटो या वीडियो इंटरनेट पर देखने, सर्च करने पर पुलिस अलर्ट पॉप-अप मैसेज भेजेगी। लेकिन इसे ही कई मीडिया में सीधे ये बता दिया गया था कि कोई भी पोर्न यानी अश्लील वेबसाइट सर्च करने या देखने पर अलर्ट एसएमएस आएगा।
वीमेन पावर लाइन की एडीजी नीरा रावत ने भी स्पष्ट किया है कि पुलिस किसी भी तरह से किसी की प्राइवेसी का उल्लंघन नहीं कर रही है। सिर्फ चाइल्ड पोर्नोग्राफी के मामले में पुलिस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद ले रही है और कोई एमएमएस नहीं भेज रही है। बल्कि जागरूक करने के लिए पॉप-अप मैसेज भेज रही है।
लेकिन इसके बाद भी मीडिया में आई खबरों के बाद कुछ दिन पहले एक मैसेज वायरल होने लगा था। जिसे आप देख सकते हैं। इस मैसेज को लेकर यूपी पुलिस पर काफी संख्या में लोगों ने ट्विटर पर सवाल भी उठाए। जिसके बाद यूपी पुलिस के 1090 ने ट्वीट के जरिए इसका खंडन भी किया। पुलिस ने लिखा है कि ये मैसेज अफवाह है।
पोर्न देखने में भारत तीसरे स्थान पर
दुनिया भर में पोर्न देखने के मामले में भारत तीसरे स्थान पर है। पहले नंबर अमेरिका और दूसरे नंबर ब्रिटेन है। इसके बाद कनाडा, जर्मनी, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, इटली, ब्राजील और दूसरे देशों का नंबर आता है। इसी तरह 18 से 24 साल के युवा सबसे ज्यादा करीब 32 प्रतिशत पोर्न वेबसाइट देखते हैं।