सर्वे : बीते एक दशक में अर्धसैनिक बलों के 96000 से अधिक जवानों ने छोड़ दी नौकरी

बलों द्वारा किए गए आंतरिक विश्लेषण में पाया गया कि ज्यादातर जवान निजी या पारिवारिक मसलों, स्वास्थ्य संबंधी परेशानी या बेहतर करियर विकल्प के चलते स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति या इस्तीफा का रास्ता चुनते हैं...

Update: 2021-07-18 06:06 GMT

(सुरक्षा बलों द्वारा नौकरी छोड़ने के मामले में मंत्रालय ने कोई जवाब नहीं दिया है)

जनज्वार ब्यूरो। पिछले एक दशक में अर्धसैनिक बलों के जवानों द्वारा स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति या नौकरी से इस्तीफा देने के 96000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट की रिपोर्ट के अनुसार गृह मंत्रालय ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), सीमा सुरक्षा बल (BSF), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), इंडो-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) जैसे अर्धसैनिक बलों में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले जवानों का आंकड़ा जारी किया है।

इस रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक दशक में 81,000 से ज्यादा जवानों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का रास्ता चुना जबकि 15000 से ज्यादा जवानों ने इस्तीफा दिया है। अकेले वर्ष 2017 में ही 11,000 से ज्यादा जवानों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का रास्ता अपनाया है।

15904 कर्मियों ने दिया इस्तीफा


2011 से 2020 की इस अवधि में 15,904 कर्मियों ने इस्तीफा भी दिया। 2013 में सबसे ज्यादा 2,332 लोगों ने इस्तीफा दिया था। आंकड़े सीआरपीएफ, बीएसएफ, इंडो-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) और असम राइफल्स से संबंधित हैं।

निजी कारण हैं जिम्मेदार

मंत्रालय ने अर्धसैनिक बलों से अलग होने वाले जवानों को लेकर कारण नहीं बताया है। हालांकि इन बलों द्वारा किए गए आंतरिक विश्लेषण में पाया गया कि ज्यादातर जवान निजी या पारिवारिक मसलों, स्वास्थ्य संबंधी परेशानी या बेहतर करियर विकल्प के चलते स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति या इस्तीफा का रास्ता चुनते हैं।

स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति

बीएसएफ - 36,768

सीआरपीएफ - 26,264

सीआइएसएफ - 6,705

असम राइफल्स - 4,947

एसएसबी - 3,230

आइटीबीपी - 3,193

इस्तीफा

सीआइएसएफ - 5,848

बीएसएफ - 3,837

सीआरपीएफ - 3,366

आइटीबीपी - 1,648

एसएसबी - 1,031

असम राइफल्स - 174

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