Almora Kand : दलित युवक जगदीश हत्याकांड के विरोध में भिक्यासैंण कूच की तैयारियों के बीच अल्मोड़ा में आंख पर पट्टी बांधकर प्रदर्शन
Almora Kand : जगदीश के अपहरण के बाद गीता की माँ भावना, भाई गोविन्द सिंह व नन्दन सिंह ओमनी वैन संख्या यूके 19 टीए 0389 में गीता की तलाश हेतु धारानौला आये, जबकि इस दौरान जोगा सिंह और नरेन्द्र सिंह ने जगदीश को बन्धक बनाकर सैलापानी पुल के पास रखा। गीता के न मिलने से बौखलाए गीता के परिजनों व नन्दन सिंह द्वारा जगदीश की हत्या कर दी गयी...
Almora Kand : सवर्ण युवती से विवाह करने पर नृशंस हत्या का शिकार बने उपपा के युवा दलित नेता जगदीश चंद्र को इंसाफ दिलाने के लिए 11 सितंबर रविवार को प्रस्तावित भिक्यासैंण कूच की तैयारियों के बीच आज 10 सितंबर को अल्मोड़ा में आंखों पर पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया गया।
अल्मोड़ा में उत्तराखंड छात्र संगठन ने भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत की जयंती पर उपपा के दलित नेता जगदीश चंद्र की निर्मम हत्या पर सरकार की खामोशी को लेकर आंखों में पट्टी बांधकर मौन प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारी हाथ में न्याय की गुहार लगाते पोस्टर व इस घटना के शिकार बने जगदीश का फोटो लेकर चुपचाप खड़े रहे। प्रदर्शनकारियों की इस खामोश आवाज से पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन.फानन में पुलिस अधिकारी एवं महिला पुलिस उनको समझाने की कोशिश में लग गई। प्रदर्शनकारियों की ओर से वहां मौजूद उपपा की केंद्रीय सचिव आनंदी वर्मा ने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना उनका अधिकार है।
मौन प्रदर्शन कर रही उछास की स्निग्धा तिवारी व भारती पांडे ने कहा कि उनका उद्देश्य सरकार तक संकेत पहुंचाना है कि यदि सरकार आंखों में पट्टी बांधकर मौन रहेगी तो सड़कों पर प्रदर्शन करने के अलावा कोई चारा नहीं होगा। उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि उत्तराखंड के भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत अंग्रेजो के खिलाफ लड़ते रहे, लाठियां खाई उनकी जयंती पर मौन प्रदर्शन पर भी आपत्ति करना बताता है कि सरकार भारतीय संविधान में दिए गए अधिकार व पीड़ित पक्षों की आवाज सुनने को तैयार नहीं है। ऐसे में ऐसी सरकार को सत्ता से हटाना ही शायद विकल्प हो। जनता को इस पर विचार करना चाहिए। प्रदर्शन में उछास की भारती पांडेए भावना पांडे, ओजस्वी मनकोटी, सोनी, उपपा की नगर अध्यक्ष हीरा देवी, किरन आर्या, राजू गिरी, गोपाल राम शामिल रहे।
रामनगर में कूच की तैयारी हुई पूरी
दिवंगत जगदीश के परिवार को न्याय दिलाने के लिए विभिन्न जनसंगठनों द्वारा 11 सितम्बर रविवार को भिकियासैंण में आयोजित होने वाले प्रदर्शन में रामनगर से भी बड़ी संख्या में लोग भाग लेंगे। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी प्रभात ध्यानी, समाजवादी लोकमंच के संयोजक मुनीष कुमार, इंकलाबी मजदूर केंद्र के रोहित रुहेला ने जातिवाद एवं मनुवाद से मुक्ति व समाज में समरसता को बढ़ाने के लिए संवेदनशील एवं जागरूक नागरिकों से इस प्रदर्शन में भाग लेने की अपील करते हुए बताया कि भिक्यासैंण के लिए सुबह ठीक सात बजे लखनपुर चुंगी रामनगर से बस जायेगी। जो भी साथी भिकियासैंण प्रदर्शन में शामिल होना चाहते हैं, वह सुबह सात बजे से पहले लखनपुर चुंगी पहुंच जाएं।
जगदीश हत्याकांड में एक और आरोपी गिरफ्तार
जगदीश हत्याकांड के बाकी बचे आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग के बीच पुलिस ने हत्याकांड में शामिल एक और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के मुताबिक हत्याकांड में नन्दन सिंह पुत्र कुंवर सिंह और नरेन्द्र सिंह पुत्र हीरा सिंह नौगांव कनोली का नाम सामने आया था। नन्दन सिंह की घटना के अगले ही दिन मौत हो गई थी, (जबकि गांव वालो का कहना है कि नंदन ने हत्याकांड की भयावहता समझ में आने के बाद पुलिस और जेल के डर से आत्महत्या कर ली थी) जबकि नरेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया गया है। जिला जेल में बंद जगदीश चंद्र के तीनों हत्यारोपियों से पूछताछ के बाद अपहरण में शामिल एक और गाड़ी बरामद कर गवाहों के न्यायालय में बयान दर्ज कराए गए।
पुलिस थ्योरी के मुताबिक जगदीश द्वारा गीता उर्फ गुड्डी पुत्री जोगा सिंह निवासी ग्राम बेल्टी के साथ अंतरजातीय विवाह करने से गीता के परिजनों में काफी रोष था। गीता के परिजनों के द्वारा अपने साथी नन्दन सिंह पुत्र कुंवर सिंह व नरेन्द्र सिंह पुत्र हीरा सिंह (यह दोनों लोग नदी से रेत निकालकर घोड़ों से रेत ढोने का कार्य करते थे) के साथ मिलकर जगदीश चन्द्र की हत्या का षडयंत्र रचा गया। नन्दन ने जगदीश के बोली चापड में आने व गाँव से निकलने की रैकी कर इसकी खबर गीता के भाई गोविन्द और परिजनों को दी। बाद में गोविन्द व पिता जोगा सिंह ने जगदीश का अपहरण कर लिया।
जगदीश के अपहरण के बाद गीता की माँ भावना, भाई गोविन्द सिंह व नन्दन सिंह ओमनी वैन संख्या यूके 19 टीए 0389 में गीता की तलाश हेतु धारानौला आये, जबकि इस दौरान जोगा सिंह और नरेन्द्र सिंह ने जगदीश को बन्धक बनाकर सैलापानी पुल के पास रखा। गीता के न मिलने से बौखलाए गीता के परिजनों व नन्दन सिंह द्वारा जगदीश की हत्या कर दी गयी। गीता के परिजन गोविन्द, जोगा सिंह व भावना देवी जब जगदीश की लाश को उसी वेन से ठिकाने लगाने ले जा रहे थे तो वह लाश सहित रंगे हाथों पुलिस के हत्थे चढ़ गए थे।