कुमाऊंं में दलितों की जमीन खुर्द बुर्द करने से गुस्साई भीम फोर्स बहुजन मूलनिवासी सेना ने की संरक्षण कानून की मांग, तहसील मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन
Uttarakhand Dalit live matter : आरोप है कि भू माफिया भूमि कानून को ताक पर रखकर एक शिल्पकार (दलितों) को लालच देकर अन्य दलितों की जमीनें डरा-धमकाकर औने पौने दामों में लेकर उसके नाम करवा देते हैं, बाद में यह जमीनें सामान्य वर्ग को बेच दी जा रही हैं...
Uttarakhand Dalit live matter : ग्रामीण क्षेत्रों में भू माफियाओं द्वारा शिल्पकारों की जमीन खुर्द-बुर्द करने से खफा भीम फोर्स बहुजन मूलनिवासी सेना ने राष्ट्रपति सहित कई जगह ज्ञापन भेजकर शिल्पकारों की भूमि की सुरक्षा करने की मांग की है। मंगलवार 20 सितंबर को रामनगर के राजेशराज अंबेडकर के नेतृत्व में तमाम कार्यकर्ता एसडीएम कार्यालय पहुंचे। जहां भू माफियाओं के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया।
इस दौरान कार्यकर्ताओं ने एसडीएम गौरव चटवाल के माध्यम से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, अनुसूचित जाति जनजाति आयोग, प्रदेश के मुख्यमंत्री व राज्यपाल को भेजे ज्ञापन में आरोप लगाया है कि उत्तराखण्ड के कुमाउं मण्डल में मूल निवासी शिल्पकारों (दलितों) के पास नाममात्र की जमीनें बची हुई हैं। भू माफिया भूमि कानून को ताक पर रखकर एक शिल्पकार (दलितों) को लालच देकर अन्य दलितों की जमीनें डरा-धमकाकर औने पौने दामों में लेकर उसके नाम करवा देते हैं। बाद में यह जमीनें सामान्य वर्ग को बेच दी जा रही हैं।
कार्यकर्ताओं ने इल्जाम लगाया कि यह खेल रामनगर तहसील के पाटकोट, भलौन, सिमली ओखलढूंगा, पातली, डौन परेवा में खुलकर खेला जा रहा है, इसलिए जमीनों की ऐसी खरीद फरोख्त की उच्चस्तरीय जाँच कराकर इन भू माफियाओं से कब्जे से शिल्पकारों (दलितों) को उनकी भूमि वापस दिलाई जाने का अभियान चलाया जाए। इसके साथ ही उत्तराखंड के शिल्पकारों (दलितों) की जमीनों के संरक्षण के लिए एक कानून अलग से बनाया जाए, जिससे उनकी जमीनें भू माफियाओं से सुरक्षित रह सकें।
कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने उनकी इस मांग पर गौर नहीं किया गया तो भीम फोर्स क्षेत्र में भू माफियाओं के खिलाफ एक बडा आन्दोलन खड़ा करने से भी नहीं हिचकेगी। इस दौरान राजेशराज शिल्पकार अंबेडकर के नेतृत्व में ज्ञापन देने वालों में जिलाध्यक्ष हरीश आर्य, संगीता अंबेडकर, कुलदीप अंबेडकर, मनीषा राज अंबेडकर, ललित अंबेडकर, गजेंद्रपाल सिंह, धर्मपाल आर्य, वीरपाल सिंह, हरीश टम्टा, कमल कुमार, प्रमोद कुमार, सत्येंद्र कुमार, भारत चंद्र, प्रकाश शिल्पी, जेएन वासिकोटी, राजू सिंह, राजेंद्र सिंह, धर्मेंद्र कुमार सहित कई लोग मौजूद रहे।