आजमगढ़ में प्रधानमंत्री मोदी के चंद मिनट के भाषण के लिए किसानों की खड़ी फसल मिला दी गयी मिट्टी में

Update: 2024-03-09 06:00 GMT

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आजमगढ़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा के लिए किसानों की लहलहाती फसल को मिट्टी में मिला देने पर सोशलिस्ट किसान सभा और पूर्वांचल किसान यूनियन ने विरोध दर्ज किया. किसान संगठनों ने कहा कि प्रधानमंत्री आजमगढ़ में जिस एयरपोर्ट का उद्घाटन करने आ रहे हैं उसके बारे में भाजपा सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ ने कहा था कि उड़ान नहीं हो सकती, कोई कंपनी आने को तैयार नहीं है.

सोशलिस्ट किसान सभा के राष्ट्रीय महासचिव राजीव यादव और पूर्वांचल किसान यूनियन के महासचिव वीरेंद्र यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चंद मिनट के भाषण के लिए किसानों की फसल को मिट्टी में मिला दिया गया. सोशल मीडिया पर आ रहे अनेकों वीडियो-फोटो जिसकी तस्दीक कर रहे हैं कि जो गेहूं और सरसों की फसल हफ्ते-दस दिन में पककर तैयार हो जाती उसको मिट्टी में मिला दिया गया. किसानों को नींद नहीं आ रही.

पिछले दिनों शीत लहर में जिन खेतों को रात-रात भर पानी से सींचा, अपने बच्चों की फीस बूढ़े-मां-बाप की दवाई रोककर-पेट काट कर यूरिया डाली उस फसल को चंद मिनट में तबाह कर दिया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस तरह से अन्य एयरपोर्टों का डिजिटल उद्घाटन करेंगे, उसी तरह से आजमगढ़ एयरपोर्ट का भी डिजिटल उद्घाटन किया जा सकता है.

किसान विरोधी निरहुआ अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के नाम पर जमीन छीने जाने का विरोध करने वाले किसानों के खिलाफ लगातार बोलते आए हैं. ऐसा लग रहा है कि एयरपोर्ट के नाम पर हो रही जनसभा से यह संदेश देने की कोशिश है कि हम जो चाहे कर सकते हैं. यह एक तानाशाही है कि जनसभा के लिए किसानों की लहलहाती फसल कटवा दी जाए. यह जनसभा आजमगढ़ के बहुतेरे मैदानों में से किसी एक में हो सकती थी. किसान कह रहे हैं कि डीएम-एसडीएम पुलिस-प्रशासन आए तो उन्होंने कहा कि जो 900 रुपया गेहूं, 1100 रुपया सरसो प्रति बिस्वा देने की बात हो रही है उससे कई गुना दस दिन बाद यह फसल तैयार होकर किसानों को दे देगी. हमारे बच्चे भूखे तो रहेंगे ही हमारे जानवर भूसे के बगैर मर जायेंगे. किसी ने एक न सुनी और धमकाते हुए कहा कि ज्यादा बोलोगे तो कुछ नहीं मिलेगा.

एयरपोर्ट के नाम पर विकास का ढिंढोरा पीटने वाली सरकार की हकीकत यह है कि मीडिया में आई खबरों के अनुसार सिर्फ लखनऊ के लिए हर हफ्ते दो उड़ान होगी. इससे साफ समझा जा सकता है उड़ान के लिए आजमगढ़ एयरपोर्ट पर यात्री नहीं हैं और चंद घंटों की दूरी पर कोई क्यों हजारों रुपए हवाई जहाज के लिए खर्च करेगा. यह एयरपोर्ट का उद्घाटन बीजेपी सरकार कि कॉरपोरेट को मुनाफा देने कि एक ज़िद भर है. एयरपोर्ट का उद्घाटन, अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के नाम पर किसानों की जमीन छीने जाने वाले आंदोलन के विरोध के कारण भाजपा सरकार के किसान विरोधी छवि का डैमेज कंट्रोल है.

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