संयुक्त किसान मोर्चा की मांग मंत्री अजय मिश्र टेनी को करो बर्खास्त और उसके बेटे पर दर्ज करो 302 का मुकदमा

मोदी सरकार तुरंत केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी को बर्खास्त करे और किसानों का नरसंहार करने वाले उसके बेटे आशीष मिश्र टेनी पर 302 यानी हत्या का मुकदमा दर्ज कर उस पर कड़ी कार्रवाई करे...

Update: 2021-10-03 14:56 GMT

किसानों द्वारा काले झंडे दिखाने के विरोध में मंत्री पुत्र ने रौंद डाला गाड़ी से

lakhimpur kheri violence news, जनज्वार। लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) में मंत्री पुत्र आशीष मिश्र टेनी (Ashish Mishra Teni)  द्वारा आज 3 अक्टूबर को प्रदर्शनकारी किसानों को रौंदे जाने के बाद अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है। तमाम किसान संगठनों ने इस मामले में रोष व्यक्त करना शुरू कर दिया है।

इस घटना के बाद संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) ने बयान जारी किया है कि मोदी सरकार तुरंत केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी (Ajay Mishra Teni) को बर्खास्त करे और किसानों का नरसंहार करने वाले उसके बेटे आशीष मिश्र टेनी पर 302 यानी हत्या का मुकदमा दर्ज कर उस पर कड़ी कार्रवाई करे।

लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में संयुक्त किसान मोर्चा ने यह भी मांग की है कि न सिर्फ मंत्री के बेटे आशीष मिश्र टेनी, बल्कि उसके साथी गुंडों पर तुरंत 302 यानी हत्या का मुकदमा दर्ज हो और इसकी जांच सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) की निगरानी में उत्तर प्रदेश से बाहर की जाये।

कल 4 अक्टूबर को पूरे देश के किसान अपने अपने जिला मुख्यालय पर 10 से 1 बजे तक उपायुक्त/डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट कार्यालय पर ऊपर लिखी दोनो मांगों के लिए प्रदर्शन करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि इस दौरान हम शांति बनाए रखेंगे और शांतिपूर्ण आंदोलन के रूप में लड़ाई जारी रहेगी। 

वहीं भाकपा (माले) ने भी लखीमपुर खीरी की घटना पर रोष व्यक्त किया है, साथ ही एक छह सदस्यीय टीम लखीमपुर खीरी में घायल किसानों से मिलने के लिए आज रविवार 3 अक्टूबर को रवाना भी हो गयी है। टीम में पार्टी की केंद्रीय समिति के सदस्य व अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रदेश सचिव ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा, ऐपवा प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा अधिकारी, खेत व ग्रामीण मजदूर सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीराम चौधरी, माले राज्य समिति के सदस्य ओमप्रकाश सिंह, अफरोज आलम व राजेश साहनी शामिल हैं।

पार्टी राज्य सचिव सुधाकर यादव ने बताया कि टीम सदस्य जिला अस्पताल में भर्ती किसानों से मिलने के बाद तिकोनिया घटनास्थल भी जाएंगे। उन्होंने तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों पर भाजपा के लोगों द्वारा गाड़ी चढ़ाकर कुचलने की घटना की कड़ी निंदा की। घटना में किसानों की मौत के लिए उन्होंने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी से इस्तीफे की मांग की।

इसी गहमागहमी के बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी लखीमपुर खीरी पहुंचेंगी, जबकि राहुल गांधी के भी लखीमपुर जाने की उम्मीद है। वहीं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव कल 4 अक्टूबरको लखीमपुर खीरी जायेंगे और पीड़ित किसान परिवारों से मिलेंगे।

लखीमपुर खीरी नरसंहार पर राजद नेता तेजस्वी यादव रोष व्यक्त करते हुए कहते हैं, 'हमारे देश में अन्नदाताओं को ऐसे नरसंहार, सत्ता संरक्षित वीभत्स अत्याचार से जूझना पड़ेगा, यह अब तक अकल्पनीय था, पर यह न्यू इंडिया है। दंगाई सत्ता में है और संवैधानिक संस्थाएँ डरी सहमी है। लखीमपुर खीरी में हुई हैवानियत को माफ़ नहीं किया जा सकता। हरगिज़ नहीं!'

लखीमपुर खीरी नरसंहार में जिन किसानों की मौत हुई है, उनमें नक्षत्र सिंह (65), गांव- नयापुरवा, धौरहरा (लखीमपुर), लवप्रीत सिंह (20), पलियाकलां (लखीमपुर), गुरविंदर सिंह (20), गांव- मकरोनिया, नानपारा (बहराइच) और दलजीत सिंह (35), गांव- बनजारा ठठ्ठा, नानपारा शामिल हैं। घटनास्थल से नानपारा सिर्फ 100 KM दूर है।

युवा कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने इस घटना की भर्त्सना करते हुए कहा, 'मिट्टी को रौंदकर सोना बनाने वाले किसानों को भाजपा गाड़ियों से रौंद रही है। सुन लो बेईमान, किसानों के ऊपर गाड़ियाँ चढ़ा कर उनकी माँग को कुचल नहीं पाओगे। लेकिन भारत के किसान तुम्हारे सत्ता के अहंकार को ज़रूर कुचलेंगे।' 

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