'मोदी सरकार विपक्षी नेताओं को ईडी के सहारे कर रही टार्गेट, अगर ठोस सबूत हैं तो क्यों नहीं करती ठीक से जांच'
अपने देश के अंदर हो रहे नरसंहार पर मोदी चुप क्यों है? जनता के सामने इनको जवाब देना चाहिए। एक आदिवासी को राष्ट्रपति बना कर सिर्फ मोहरा बनाया गया। मध्य प्रदेश में एक आदिवासी के ऊपर पेशाब कर दिया जाता है, लेकिन ये भाजपा आरएसएस की सरकार एक शब्द तक नहीं बोलती....
Janjwar I गढ़वा-पलामू प्रमंडल के चर्चित आईपीएफ नेता रहे कॉमरेड किशोर कुमार को श्रद्धांजलि देने के लिए भाकपा-माले ने गढ़वा में पिछले 14 अक्टूबर को संकल्प सभा का आयोजन किया गया।
श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद संकल्प सभा को संबोधित करते हुए भाकपा माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि भाकपा माले के वरिष्ट नेता कॉमरेड किशोर कुमार जनता के सवालों पर जीवन पर्यंत संघर्षरत रहने वाले फासीवादी सरकार के खिलाफ़ अपनी बुलंद आवाज़ उठाते रहे। जमीन की लड़ाई लड़ते हुए पलामू प्रमंडल में किशोर कुमार पार्टी को करने और सर्वहारा के हक अधिकार के लिए सोचते थे, दूसरे साथियों को भी प्रेरित-मार्गदर्शित करते थे। किशोर अपनी ताउम्र ज़िंदगी भाकपा माले पार्टी में ही बिताई, वे जनता के हक की लड़ाई को अपनी लड़ाई समझकर पूरे सिस्टम से उसे जनता के हक में लाने के लिए डट कर कोशिश करते थे।
दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा, इस फासीवादी सरकार के दौर में किशोर जी जैसे वरिष्ठ नेता को खोना हमारी पार्टी के लिए बहुत बड़ी क्षति है। अतः हमें किशोर जी की ये जो विरासत है उसे संभालना होगा व उनके सपने को मंजिल तक पहुंचाने के लिए संकल्प लेना होना। आज के दौर में संविधान बदलने की तैयारी चल रही है। केंद्र सरकार विपक्ष के नेताओं को ईडी के सहारे परेशान कर रही है। अगर सरकार के पास ठोस सबूत है तो जांच करे, लेकिन सवाल यह है कि सिर्फ विपक्षी दलों के नेताओं को ही टार्गेट क्यों किया जा रहा है? झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लगातार सम्मन भेजा रहा है, क्योंकि झारखंड से भाजपा सरकार को हटा कर विपक्ष की सरकार बनी है। हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट से हेमंत जी को न्याय मिलेगा।
दीपांकर ने कहा, मोदी जी मणिपुर की घटना पर एक शब्द नहीं बोलते और आज इजराइल के साथ अपने आप को बताते हैं। अपने देश के अंदर हो रहे नरसंहार पर मोदी चुप क्यों है? जनता के सामने इनको जवाब देना चाहिए। एक आदिवासी को राष्ट्रपति बना कर सिर्फ मोहरा बनाया गया। मध्य प्रदेश में एक आदिवासी के ऊपर पेशाब कर दिया जाता है, लेकिन ये भाजपा आरएसएस की सरकार एक शब्द तक नहीं बोलती। नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में बॉलीवुड की हीरोइन को बुलाया गया, लेकिन राष्ट्रपति द्रौपति मुर्मू को नहीं बुलाया गया। क्योंकि वो एक विधवा और आदिवासी महिला है। ये देश को हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते है। क्या सबको समान अधिकार मिलेगा? हिंदू राष्ट्र के बहाने पूरे देश को बर्बादी की आग में झोंकने की तैयारी है। इस दलित, आदिवासी, पिछड़े और संविधान विरोधी मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल करना ही किशोर कुमार को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
इस अवसर पर कॉमरेड विनोद सिंह ने कहा कि किशोर जी 80 के दशक से इस पलामू प्रमंडल के इलाकों में गरीबों, किसानों, मजदूरों, दलितों व महिलाओं के लिए उनके हक में चाहे पुलिसियां दमन हो, सामंती ताकतों के खिलाफ़ प्रतिरोध के प्रतीक थे। किशोर जी हर जोर जुल्म के खिलाफ़ अकेले कंधे पर लाल झंडा लिए हुए आवाज उठाते रहे और आखिरी सांस तक पार्टी के अगली कतार में मजबूती से खड़े रहे।
बिहार फुलवारी शरीफ के विधायक गोपाल रविदास ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जब बिहार और झारखंड एक था, तब से किशोर जी माले पार्टी कर रहे थे और अपनी आखिरी सांस तक पार्टी के नेतृत्व में संघर्ष करते रहे। वे 1989 में पलामू संसदीय चुनाव में पार्टी प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े थे। किशोर जी तमाम सरकारी सुविधाओं को छोड़कर के लाल झंडे को थामा व गरीब किसानों के साथ जुड़े व जनता के लिए अपनी सारी उम्र लगा दी और संघर्ष करते रहे, जोर- शोर से एक लंबी लड़ाई लड़ते रहे।
इस सभा में धीरेंद्र झा ने कहा कि 80 दशक के उत्तरार्ध और 90 दशक के आरंभ में किशोर जी सभी आंदोलनों की पहचान थे। वे ग्रामीण गरीबों के आंदोलन में सामंती ताकतों के ख़िलाफ़, सामंती जुल्म के खिलाफ, पुलिस जुल्म के ख़िलाफ़ पलामू के इलाकों में लाल झंडे की दावेदारी और प्रतिरोध का चेहरा बने हुए थे। तमाम उतार-चढ़ाव के बीच किशोर जी हमेशा ही पार्टी के साथ पूरी प्रतिबद्धता के साथ खड़े रहे।
माले के राज्य सचिव मनोज भक्त बताते हैं कि रांची स्थित राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (रिम्स) में ईलाज के दौरान कॉ किशोर कुमार का 30 सितंबर 2023 को देहांत हो गया था। उनके देहांत से पार्टी को बहुत बड़ी क्षति हुई है। वे पलामू प्रमंडल में पार्टी निर्माण के महत्वपूर्ण स्तंभ थे। किशोर कुमार को आईपीएफ के जमाने से दलित, आदिवासी और पिछड़ों, वंचितों की लड़ाई में अगुवा भूमिका के कारण अनेकों बार पुलिस की लाठी खानी पड़ी और जेल भी जाना पड़ा था। कॉ किशोर एकीकृत पलामू जिला में सामंती ताकतों से लगातार लड़ते रहते थे।
संकल्प सभा में भाकपा-माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, पार्टी राज्य सचिव मनोज भक्त, पार्टी विधायक विनोद सिंह, पोलित ब्यूरो सदस्य जनार्दन प्रसाद, धीरेंद्र झा, बिहार के विधायक गोपाल रविदास गढ़वा जिला सचिव कालीचरण मेहता, अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य अध्यक्ष बीएन सिंह, लातेहार जिला सचिव बिरजू राम, पलामू के पांकी मध्य जिला परिषद खुशबू कुमारी, आइसा राज्य सचिव त्रिलोकी नाथ, आरवाईए के राज्य सचिव अविनाश रंजन, झारखंड राज्य रसोइया संघ के सचिव अनीता देवी सहित पलामू, गढ़वा, लातेहार के पार्टी कार्यकर्ता, अन्य दलों के नेता, सामाजिक व जन संगठनों के कार्यकर्ता हजारों की संख्या में संकल्प सभा उपस्थित थे।
सभा की अध्यक्षता ऐपवा नेत्री सुषमा मेहता एवं संचालन लालमुनि गुप्ता ने की। सभा को वरुण बिहारी, असर्फी राम, अशोक पाल, एस एन पाठक, प्रतिमा रानी, संजय तिवारी, कामेश्वर विश्वकर्मा, देवनारायण शर्मा आदि ने भी संबोधित किया।