रिटायर्ड एयरमार्शल ने लगाया मोदी सरकार पर देश की सुरक्षा के प्रति घोर लापरवाही बरतने का आरोप, कहा भाजपा ने सैन्य ढांचा कर दिया है कमजोर

भाजपा सरकार ने अग्निपथ (अग्निवीर) योजना 16 जून 2022 को सैन्य ऑफिसर से नीचे सैनिकों के लिए लागू की गयी है, जिसकी सैन्य सेवा अवधि मात्र 4 वर्ष है। इसमें से 25 प्रतिशत को नियमित सैनिक शेष 75 प्रतिशत को सेना से बाहर कर बेरोजगारी के साथ ही सशस्त्र बल जो अभी तक विश्व में भारतीय सेना अजेय थी, को कमजोर करने का काम किया है....

Update: 2023-10-12 11:56 GMT

Agnipath Scheme: क्या नरेंद्र मोदी रिलायंस को ईस्ट इंडिया कंपनी बनाने के लिए 'अग्निपथ' पर देश को धकेल रहे हैं?

लखनऊ। आज 12 अक्टूबर को यूपी प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर उत्तर प्रदेश काग्रेस कमेटी पूर्व सैनिक विभाग के प्रदेश पदाधिकारियों एवं जिला/शहर अध्यक्षों की एक महत्वपूर्ण बैठक विभाग के चेयरमैन एयरमार्शल रिटायर्ड अशोक कुमार गोयल की अध्यक्षता में आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर सम्पन्न हुई। बैठक में पूर्व सैनिक विभाग के पदाधिकारियों द्वारा यह मांग की गई कि प्रदेश के सैनिक/पूर्व सैनिक बाहूल्य 34 जिलों में पूर्व सैनिक विभाग के पदाधिकारी, पूर्व सैनिक, वीर नारियां जो सभी जातियों एवं धर्मों से हों, को आगामी लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया जाये। इन लोगों पिछले विधानसभा चुनाव की तैयारी की थी, लेकिन चुनाव लड़ने का अवसर नहीं मिला। अभी भी ये लेाग जमीनी स्तर पर चुनाव के लिए तैयारी कर रहे हैं, इसलिए इन्हें लोकसभा के चुनाव में प्रत्याशी बनाये जाने पर विचार किया जाये। पूर्व सैनिक अपना मान, सम्मान, प्रतिष्ठा दांव पर लगाते हुए उन प्रत्याशियों को विजयी बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे।

अपने संबोधन में एयर मार्शल रिटायर्ड अशोक कुमार गोयल चेयरमैन पूर्व सैनिक विभाग उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने केंद्र में सत्तासीन मोदी सरकार को देश की सुरक्षा के प्रति घोर लापरवाही यहां तक सैन्य ढांचा को कमजोर करने का आरोप लगाया है।

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उन्होंने कहा कि 8 दिसंबर 1989 को देश के तत्कालीन गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिका अपहरण के रिहाई के बदले में कुख्यात अपराधी जिन्हें सुरक्षा बलों ने शहादत देकर पकड़ा था, उसे 13 दिसंबर 1989 को 5 कुख्यात अपराधियों सहित छोड़ा गया। 19 जनवरी 1990 से 300 कश्मीरी ब्राहम्णों की हत्या/बलात्कार कर सरकार के नियंत्रण में कश्मीर से निष्कासन होने को मजबूर किया गया जो अभी तक निष्कासित हैं। 24 दिसंबर 1999 को 40 सुरक्षाबलों की शहादत का गुनहगार मसूद अजहर को आइसी-814 इंडियन एयरलाइंस के विमान अपहरण नाटक के बदले देश की मर्यादा को तार-तार कर छोड़ा गया।

उन्होंने कहा कि 3 मई 1999 को भारतीय सीमा में कारगिल पर पाकिस्तानी सेना का कब्जा जिसे वापिस छुड़ाने में सेना के 562 जवान शहीद और 1363 विकलांग हुए थे। यही नहीं 24 सितंबर 2002 को आतंकवादियों का अक्षरधाम पर हमला जिसमें सेना के 32 जवान शहीद 79 गंभीर रूप से जख्मी हुए थे। 2 जनवरी 2016 को पठानकोट वायुसेना स्टेशन पर भारी मात्रा में गोला बारूद, असलहा, से लैस आतंकवादी हमला हुआ जिसमें 7 जवान शहीद और 28 जवान घायल हुए थे। 18 सितंबर 2016 को उरी में सेना के हेड र्क्वाटर पर सुबह 5ः30 बजे आतंकी हमला हुआ, जिसमें सेना के 19 जवान शहीद हुए थे। 14 फरवरी 2019 का केन्द्रीय सुरक्षा बलों पर पुलवामा में हमला हुआ, जिसमें 45 केन्द्रीय सुरक्षा बल के जवान शहीद हुए जिस पर भाजपा सरकार द्वारा लोकसभा चुनाव में इस शहादत को चुनावी लाभ लिया, जिस पर प्रश्न चिन्ह सर्वविदित है।

एयर मार्शल रिटायउ्र अशोक कुमार गोयल ने कहा कि आजादी के बाद पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू जी द्वारा अंग्रेजों की नीति जो संभावित युद्ध को ध्यान में रखकर भारतीय जनता को सेना में कुछ अवधि के लिए भर्ती कर युद्ध उपरांत रिजर्व में भेज दिया जाता था, के स्थान पर नियमित सेना तथा सभी पेंशनरी लाभों को प्रदान किया गया था। यहां तक कि किसी कारणवश एक भी दिन की सैन्य सेवा में यदि कोई सैनिक अपंग हो जाता था, को सरकार द्वारा आजीवन विकलांगता पेंशन लागू करने की नीति प्रदान की गई थी। वर्तमान भाजपा सरकार ने अग्निपथ (अग्निवीर) योजना 16 जून 2022 को सैन्य ऑफिसर से नीचे सैनिकों के लिए लागू की गयी है, जिसकी सैन्य सेवा अवधि मात्र 4 वर्ष है। इसमें से 25 प्रतिशत को नियमित सैनिक शेष 75 प्रतिशत को सेना से बाहर कर बेरोजगारी के साथ ही सशस्त्र बल जो अभी तक विश्व में भारतीय सेना अजेय थी, को कमजोर करने का काम किया है।

उन्होंने कहा कि एक और अभूतपूर्व परिवर्तन विकलांगता पेंशन में भाजपा सरकार द्वारा 21 सितंबर 2023 से लागू किया गया है, जिससे सेना के जवानों पर प्रतिकूल प्रभाव अपेक्षित है। सैनिक युद्ध हो, शांति हों स्वयं तथा परिवार की चिन्ता न करते हुए जान की बाजी लगाते हुए विश्व की जो अजेय सेना बनी थी, में एक कील और ठोकने का काम किया गया। यह सर्वविदित है कि हिंदुस्तान में जहां एक तरफ माइनस 40 डिग्री की गलवान, सियाचिन, ग्लेशियर, लेह लद्दाख की सीमाएं हैं, वहीं दूसरी तरफ 45 डिग्री से ऊपर राजस्थान में जैसलमेर, बाड़मेर तथा गुजरात का कक्ष भुज शामिल है, के कारण सैनिकों में विकलांग होना भी संभावित था, जो अब 21 सितंबर 2023 से लागू स्कीम प्रभावित करती है। इससे सैनिकों के मनोबल पर वज्राघात होगा।

बैठक में पूर्व सैनिक विभाग के पदाधिकारियों में प्रमुख रूप से विभाग के वाइस चेयरमैन/कोऑर्डिनेटर सुभाष मिश्र, दीपक भट्ट, जिला चेयरमैन जयप्रकाश सिंह, जय शंकर ओझा, मेजर राणा शिवम सिंह, आदि भारी संख्या में पूर्व सैनिक विभाग के पदाधिकारी मौजूद रहे।

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