नकलची अभ्यर्थियों का लेखपाल भर्ती में डाक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए चयन सीएम योगी के पारदर्शिता के दावों की खोल देता है पोल
113 युवा संगठनों द्वारा गठित संयुक्त युवा मोर्चा घोषित देशव्यापी रोजगार आंदोलन में परीक्षाओं में माडल एग्जाम कोड लागू करने की मांग उठाई गई है जिसमें परीक्षाओं को पारदर्शिता के साथ अधिकतम 9 महीने के अंदर पूरा किया जाए...
Lucknow news : संयुक्त युवा मोर्चा ने लेखपाल भर्ती में एसटीएफ रिपोर्ट और अभ्यर्थियों द्वारा रिकॉर्ड धांधली के आरोपों के मद्देनजर संशोधित परिणाम जारी करने का मांग उठाई। संयुक्त युवा मोर्चा ने बयान जारी कर कहा है कि एसटीएफ ने 15 हजार अभ्यर्थियों को संदिग्ध मानते हुए परीक्षा में भारी धांधली का आरोप लगाया था।
युवा मंच के संयोजक राजेश सचान ने कहा कि एसटीएफ की रिपोर्ट के आधार पर शासन द्वारा 79 परीक्षा केंद्रों को डिबार किया गया। ऐसे में धांधली व नकल के आरोप में एसटीएफ द्वारा दोषी पाए गए अभ्यर्थियों समेत परीक्षा के दौरान पुलिस द्वारा रंगे हाथ पकड़े गए अभ्यर्थियों का डाक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए चयन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तर प्रदेश सरकार के चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता के दावों की असलियत उजागर करता है। इस भर्ती परीक्षा में एक महिला अभ्यर्थी जो कि नकल करते रंगेहाथ पुलिस द्वारा पकड़ी गई थी उसका चयन सोशल मीडिया में वायरल है।
युवा हल्ला बोल के कार्यकारी अध्यक्ष गोविन्द मिश्रा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से ट्वीट कर मांग किया कि एसटीएफ जांच रिपोर्ट में 15 हजार संदिग्ध अभ्यर्थियों में धांधली व नकल के आरोप में संलिप्त अभ्यर्थियों को चयन सूची से बाहर कर संशोधित परीक्षा परिणाम जारी किया जाए।
बता दें कि हाल में दिल्ली में 113 युवा संगठनों द्वारा गठित संयुक्त युवा मोर्चा घोषित देशव्यापी रोजगार आंदोलन में परीक्षाओं में माडल एग्जाम कोड लागू करने की मांग उठाई गई है जिसमें परीक्षाओं को पारदर्शिता के साथ अधिकतम 9 महीने के अंदर पूरा किया जाए।